Fatehpur Court News: फतेहपुर में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में सजा-ए-मौत ! जानिए क्या था मामला
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में लगभग तीन साल पहले छात्रा से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी युवक अजय उर्फ शीलू को फांसी की सजा सुनाई है. दो अन्य सहअभियुक्तों को सात-सात साल की कैद और जुर्माना लगाया गया है.

Fatehpur Court News: यूपी के फतेहपुर जिले के जहानाबाद थाना (Jahanabad Thana) क्षेत्र में 2022 में हुई छात्रा से दुष्कर्म और निर्मम हत्या के मामले में बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. आरोपी अजय उर्फ शीलू को फांसी और दो अन्य को सात साल की जेल की सजा दी गई है. कोर्ट के इस फैसले को महिला सुरक्षा की दिशा में मजबूत संदेश माना जा रहा है.
छात्रा को कोचिंग जाते वक्त खेत में ले गया था आरोपी
फतेहपुर (Fatehpur) की दिल दहला देने वाली वारदात 30 मई 2022 को उस वक्त हुई जब 19 वर्षीय छात्रा कानपुर नगर (Kanpur Nagar) के साढ़ थाना क्षेत्र से जहानाबाद (Jahanabad) कस्बे में कोचिंग पढ़ने आई थी. छात्रा रोजाना की तरह सुबह पढ़ाई के लिए निकली थी.
लेकिन उसी दौरान गांव का अजय उर्फ शीलू उसे बहाने से बाइक पर बिठाकर खैराबाद क्षेत्र के एक सुनसान खेत में ले गया. वहां उसने छात्रा से दुष्कर्म किया और फिर पहचान छिपाने के लिए पेचकस और ब्लेड से हमला कर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था.
खून से लथपथ हालत में खेत में मिला शव, मचा हड़कंप
छात्रा जब देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की. गांव और आसपास के इलाके में ढूंढने के बाद खैराबाद के एक खेत में उसका शव खून से लथपथ हालत में पड़ा मिला.
शव की हालत देखकर परिवार और गांववालों में कोहराम मच गया. पिता ने तुरंत अजय उर्फ शीलू के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या का केस दर्ज कराया. पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
जांच में सामने आया कि साजिश में दो और शामिल
पुलिस की गहराई से की गई जांच में खुलासा हुआ कि इस वारदात को अंजाम देने में अजय अकेला नहीं था. माया देवी और छोटू उर्फ अविनाश नाम के दो अन्य लोग भी इसमें शामिल थे. इन दोनों ने घटना की साजिश रचने और शव को छिपाने में मदद की थी.
पुलिस ने तीनों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया. अभियोजन पक्ष ने वादी समेत कुल 9 गवाहों के बयान दर्ज कराए. इनमें से एक गवाह ने छात्रा को अजय के साथ जाते देखा था, जो केस में निर्णायक साक्ष्य बना.
कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, दोषियों को मिली सजा
फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज अशोक कुमार सप्तम की अदालत में इस केस की सुनवाई पूरी होने के बाद बुधवार को फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने अजय उर्फ शीलू को दुष्कर्म और हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई.
इसके अलावा कोर्ट ने माया देवी और छोटू उर्फ अविनाश को साजिश में शामिल होने और शव को छिपाने के अपराध में सात-सात साल की कैद और 11-11 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. मुख्य आरोपी पर कुल 81 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.
महिला अपराधों पर कड़ा संदेश देने वाला है यह फैसला
इस फैसले को महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की सख्ती के रूप में देखा जा रहा है. जिला शासकीय अधिवक्ता महेन्द्र सिंह ने बताया कि छात्रा के शरीर पर 24 जख्मों के निशान थे.
कोर्ट के इस फैसले से समाज में यह संदेश जाएगा कि महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर जो कठोर निर्णय लिया, वह न केवल पीड़िता के परिवार के लिए न्याय है, बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है.