Fatehpur News: फतेहपुर में लाखों का घोटाला ! सरकंडी प्रधान सहित दो गिरफ्तार, अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश
फतेहपुर के असोथर ब्लाक स्थित सरकंडी गांव में मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों रुपये के गबन मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. महिला ग्राम प्रधान पुष्पा द्विवेदी और आरईडी जेई नरेंद्र गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश जारी है. वहीं हिरासत में जेई (TA) नरेंद्र गुप्ता की मुस्कान भरी फोटो भी सोशल मीडिया में वायरल है.
Fatehpur Sarkandi News: यूपी के फतेहपुर जिले में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का एक और गंभीर मामला सामने आया है. असोथर ब्लाक के सरकंडी गांव में मनरेगा श्रम और प्रधानमंत्री आवास योजना में करीब 60 लाख के घोटाले ने प्रशासन और पुलिस दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है. लंबे समय से चल रही जांच के बाद अब गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू हो चुकी है.
ग्रामीणों की शिकायत से शुरू हुई घोटाले की परतें

ग्रामीणों की लगातार शिकायतों के बाद शासन स्तर पर अगस्त माह में जांच के आदेश दिए गए. दो अलग-अलग जांच टीमों ने गांव पहुंचकर अभिलेखों और भौतिक स्थिति का मिलान किया, जिसमें प्रथम चरण में ही लाखों रुपये के घोटाले की पुष्टि हो गई.
जांच के बाद दर्ज हुआ भ्रष्टाचार का मुकदमा
हाईकोर्ट से स्टे, विवेचना में प्रधान का नाम उजागर
मामला दर्ज होने के बाद अधिकांश आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे. सात आरोपियों को वहां से स्टे मिल गया, जबकि अन्य की तलाश में पुलिस लगातार दबिश देती रही.
इसी दौरान विवेचना आगे बढ़ी तो महिला ग्राम प्रधान पुष्पा द्विवेदी पत्नी संतोष द्विवेदी की भूमिका भी जांच में सामने आई. पुलिस के अनुसार साक्ष्यों और बयान के आधार पर प्रधान का नाम विवेचना में जोड़ा गया, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई का रास्ता साफ हुआ.
राधानगर और तांबेश्वर चौराहे से किया गया गिरफ्तार
रविवार को असोथर थाना पुलिस ने ग्राम प्रधान पुष्पा द्विवेदी को उनके राधानगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया. वहीं आरईडी जेई नरेंद्र गुप्ता को तांबेश्वर चौराहे से हिरासत में लिया गया. दोनों को थाने लाकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई और फिर कोर्ट में पेश किया गया. न्यायालय के आदेश के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया. इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में यह चर्चा तेज हो गई कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
सरकंडी विवाद के बाद हरकत में आई पुलिस
गौरतलब है कि बीते बुधवार को सरकंडी गांव में विकास कार्यों की जांच के लिए प्रशासनिक टीम पहुंची थी. इसी दौरान गांव में दो पक्ष आपस में भिड़ गए और पुलिस की मौजूदगी में ही हिंसक झड़प हो गई. इस घटना में कई लोग घायल हुए थे और हालात ऐसे बने कि प्रशासनिक टीम को जान बचाकर लौटना पड़ा.
इसके बाद प्रधान पति संतोष द्विवेदी सहित 43 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें 28 नामजद और 15 अज्ञात थे. पुलिस की लापरवाही सामने आने पर एसपी ने असोथर थाना प्रभारी अभिलाष तिवारी को निलंबित कर दिया और गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया. माना जा रहा है कि इसी घटना के बाद घोटाले में गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज हुई.
सीओ का बयान, जांच में और नाम आने के संकेत
सीओ थरियांव वीर सिंह ने बताया कि मामले में ग्राम प्रधान और जेई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. सात आरोपी हाईकोर्ट से स्टे लिए हुए हैं, जबकि अन्य की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है. विवेचना अभी जारी है और इसमें कई और नाम सामने आने की संभावना है. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद पूरे घोटाले की तस्वीर साफ होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
