Fatehpur News: वैज्ञानिक तरीके से करें उन्नत खेती ! प्रकृति का भी रहे ध्यान, फतेहपुर की पाठशालाओं में किसान हो रहे जागरूक
फतेहपुर जनपद में रबी 2025-26 की तैयारी को लेकर कृषि विभाग द्वारा 294 ग्राम पंचायतों में किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जा रहा है. इन पाठशालाओं में किसानों को वैज्ञानिक खेती, सरकारी योजनाओं और प्राकृतिक कृषि के प्रति जागरूक किया जा रहा है, ताकि उत्पादन बढ़े और प्रकृति का संतुलन भी बना रहे.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में रबी सीजन में खेती की दिशा और दशा बदलने की तैयारी तेज हो गई है. खेतों में केवल फसल उगाने नहीं बल्कि वैज्ञानिक सोच और प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर खेती करने का संदेश अब गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है. इसी उद्देश्य से 12 दिसंबर से 29 दिसंबर 2025 के बीच जनपद की सभी न्याय पंचायतों के अंतर्गत 294 ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत स्तरीय किसान गोष्ठी और किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जा रहा है.
जिलेभर में चला जागरूकता अभियान, किसान बढ़ा रहे ज्ञान

ग्राम सलेमाबाद में किसान पाठशाला ने बढ़ाया उत्साह
18 दिसंबर को भिटौरा ब्लाक के ग्राम सलेमाबाद में आयोजित किसान पाठशाला किसानों के बीच चर्चा का केंद्र बनी. इस कार्यक्रम में सत्येन्द्र सिंह उप कृषि निदेशक, रंजीत कुमार चौरसिया उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सहित कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी उपस्थित रहे.
योजनाओं की जानकारी से सशक्त हो रहे किसान
किसान पाठशाला में किसानों को पीएम प्रणाम योजना, विभिन्न पारिस्थिकी योजना, खेत तालाब योजना, पीडीडीकेएसवाई, एनएमएसए, डब्लूडीसी योजना, पीएम कुसुम, पीएम सम्मान निधि योजना, फार्मर रजिस्ट्ररी, एफपीओ, एनएफएसएम, कृषि यंत्रीकरण योजना, एनएमईओ, एनएमएनएफ और प्राकृतिक खेती योजना की विस्तृत जानकारी दी गई. अधिकारियों ने सरल भाषा में समझाया कि इन योजनाओं का सही उपयोग कर किसान खेती की लागत घटा सकते हैं और सरकारी सहायता का पूरा लाभ ले सकते हैं.
वैज्ञानिक खेती के साथ प्राकृतिक संतुलन पर जोर
उप कृषि निदेशक सत्येन्द्र सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्नत खेती का मतलब केवल अधिक पैदावार नहीं बल्कि मिट्टी, पानी और पर्यावरण की रक्षा भी है.
उन्होंने संतुलित उर्वरक प्रयोग, मृदा परीक्षण, जल संरक्षण और फसल चक्र अपनाने पर विशेष जोर दिया. साथ ही प्राकृतिक खेती को भविष्य की जरूरत बताते हुए कहा कि इससे भूमि की उर्वरता बनी रहती है और किसान लंबे समय तक लाभ में रहते हैं.
संवाद और सीख का मजबूत मंच बनी किसान पाठशालाएं
जनपद में चल रही किसान पाठशालाएं अब केवल जानकारी देने का कार्यक्रम नहीं रह गई हैं, बल्कि यह किसानों के लिए सीख और संवाद का मजबूत मंच बन गई हैं.
यहां किसान अपने अनुभव साझा कर रहे हैं और विशेषज्ञों से सीधे समाधान पा रहे हैं. कृषि विभाग का यह प्रयास न केवल रबी 2025-26 को सफल बनाने की दिशा में अहम है, बल्कि आने वाले वर्षों में टिकाऊ और लाभकारी खेती की नींव भी रख रहा है.
