Fatehpur News: सरकंडी प्रकरण में प्रधानपति संतोष द्विवेदी सहित 43 लोगों पर मुकदमा ! थाना प्रभारी पर गिरी गाज, हुए सस्पेंड
फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र के सरकंडी गांव में भ्रष्टाचार जांच के दौरान हुए हिंसक बवाल ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस ने दोनों पक्षों से 43 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें 28 नामजद हैं. पुलिस की लापरवाही सामने आने के बाद थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले का सरकंडी गांव बुधवार को उस वक्त तनाव और दहशत का केंद्र बन गया जब विकास कार्यों की जांच के दौरान ही दो गुट आमने-सामने आ गए. प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुई कहासुनी कुछ ही देर में हिंसक बवाल में तब्दील हो गई. लाठी-डंडों के साथ असलहों के प्रदर्शन ने पूरे गांव को दहला दिया. इस मामले में प्रधानपति संतोष द्विवेदी समेत 43 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस की गंभीर चूक के चलते एसपी ने गुरुवार को असोथर थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है.
प्रशासनिक जांच के दौरान ही भड़क उठा विवाद

इसी दौरान प्रधान पक्ष और शिकायतकर्ताओं के बीच पहले से चला आ रहा विवाद फिर उभर आया. जांच अधिकारियों के सामने ही आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया. अधिकारियों के समझाने के बावजूद दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हुए.
पुलिस के सामने चलीं लाठियां, असलहा लहराने से मची अफरा-तफरी
सूत्रों के मुताबिक हवाई फायरिंग भी हुई थी. पुलिस बल मौके पर मौजूद होने के बावजूद स्थिति को तुरंत नियंत्रित नहीं कर सका. भगदड़ मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. हालात इतने बिगड़े कि प्रशासनिक टीम भी जान बचाकर मौके से भाग निकली.
बवाल में कई घायल, जिला अस्पताल रेफर
हिंसक बवाल में कई लोग घायल हो गए. घायलों में इन्द्रेश तिवारी, सुनील तिवारी और हड़तालिका दुबे समेत अन्य लोग शामिल बताए गए हैं. सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया. घटना के बाद गांव में भय का माहौल बना हुआ है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. कुछ लोग इस घटना को राजनीतिक उठापटक भी बता रहे हैं..जानकारों की माने तो सुनियोजित तरीके से इसको अंजाम दिया गया है.
प्रधानपति समेत 43 पर मुकदमा, 28 नामजद
पुलिस ने वादी बनते हुए मामले में दोनों पक्षों से कुल 43 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. इनमें 28 लोग नामजद हैं जबकि 15 अज्ञात बताए गए हैं. नामजद आरोपियों में आदर्श उर्फ रोमिल तिवारी, रोशन सिंह, सुनील तिवारी, मनोज शर्मा, विनोद तिवारी उर्फ कल्लू, अशोक निगम उर्फ गुड्डू, अरुण निगम, नीरज तिवारी, इन्द्रेश तिवारी, शुभम सिंह, हड़तालिका दुबे.
प्रधानपति संतोष द्विवेदी, राजू, अभय जोशी, चन्दन उर्फ रामेंद्र ठाकुर, महेंद्र मौर्य, वीरकरन शर्मा, पप्पू, साहिल, नक्की, प्रकाश निषाद, बब्लू उर्फ अरुण, प्रियम, आदित्य, कुलदीप, राजेश मिश्रा, चेतन त्रिपाठी और मयंक शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि सभी की भूमिका की गहन जांच की जा रही है.
पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई, थाना प्रभारी सस्पेंड
घटना के बाद पुलिस की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठे. आरोप है कि मौके पर पर्याप्त बल होने के बावजूद समय रहते सख्ती नहीं दिखाई गई, जिससे हालात बेकाबू हो गए.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने असोथर थाना प्रभारी अभिलाष तिवारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया. साथ ही पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. प्रशासन ने साफ किया है कि कानून व्यवस्था में लापरवाही बरतने वालों को किसी भी स्तर पर बख्शा नहीं जाएगा.
