उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में राष्ट्रीय लोक अदालत: चालान माफी से लेकर बैंक लोन तक हजारों मामलों का होगा समाधान
उत्तर प्रदेश में 13 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होने जा रहा है जिसमें लाखों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. ट्रैफिक चालान, बैंक लोन, पारिवारिक विवाद, संपत्ति व उपभोक्ता मामले सहित कई विवाद एक ही दिन में निपटाए जाएंगे. फतेहपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता आरके मिश्रा ने इसे जनता के लिए अत्यंत लाभकारी बताया.
Rashtriya Lok Adalat UP: यूपी में 13 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सरकार जनता के लिए सबसे बड़े न्याय अभियान के रूप में तैयार कर रही है. मुख्य सचिव एसपी गोयल ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अधिकतम मामलों को इस विशेष दिन में निस्तारित किया जाए. चालान माफी, बैंक विवाद समाधान और कई कानूनी मामलों में छूट मिलने की उम्मीद ने लोगों की उत्सुकता और बढ़ा दी है.
जनता को मिलेगा त्वरित और सस्ता न्याय

उन्होंने कहा कि यह लोक अदालत केवल न्यायपालिका का कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता को तेज और सस्ता न्याय उपलब्ध कराने का अवसर है. प्रशासन के हर विभाग को इसके लिए पूरी तैयारी में जुटने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि जिन मामलों में वर्षों से सुनवाई लंबित है, वे एक ही दिन में समझौते के आधार पर समाप्त हो सकें.
वरिष्ठ अधिवक्ता आरके मिश्रा ने बताया सुनहरा मौका
मिश्रा ने यह भी बताया कि कई बैंक रिकवरी मामलों में पूरा ब्याज तक माफ हो जाता है और बकाया राशि को आसान किश्तों में बांट दिया जाता है. उन्होंने इसे उन लोगों के लिए बड़ा अवसर बताया जो सालों से कर्ज, चालान या दीवानी विवादों में उलझे हुए हैं.
कौन-कौन से मामलों का हो सकता है निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत में मुख्य रूप से वे मामले निपटाए जाते हैं जिनमें पक्षकार आपसी सहमति से समाधान चाहते हों. इसमें मोटर वाहन दुर्घटना दावा (MACT) के मुआवजा विवाद, तलाक, भरण-पोषण, बच्चों की कस्टडी और उत्तराधिकार जैसे पारिवारिक मामले बड़ी संख्या में शामिल होते हैं.
इसके अलावा बैंक लोन रिकवरी, धन वसूली, चेक बाउंस (धारा 138 NI Act), उपभोक्ता विवाद, श्रम एवं रोजगार से जुड़े मामले भी तेजी से निस्तारित किए जाते हैं. लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचाकर पक्षकारों को एक ही दिन में संतोषजनक समाधान देना है.
संपत्ति, राजस्व, स्टांप, बिजली और बिल मामले
राष्ट्रीय लोक अदालत केवल बड़े विवादों पर सीमित नहीं है, बल्कि छोटे और रोजमर्रा के मामलों के समाधान में भी बेहद कारगर साबित होती है. इसमें दीवानी वाद, जमीन-राजस्व विवाद, स्टांप और पंजीकरण से संबंधित प्रकरण, किरायेदारी विवाद, चकबंदी से जुड़े मामले, बिजली व टेलीफोन बिल संबंधी शिकायतें, राशन कार्ड मामलों के साथ-साथ जनहित गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले छोटे आपराधिक प्रकरण भी शामिल हैं.
इन सभी मामलों में निर्णय समझौते के आधार पर होता है और एक बार फैसला हो जाने पर अपील की कोई गुंजाइश नहीं रहती. इससे जनता को त्वरित राहत मिलती है और अदालतों पर बोझ भी कम होता है.
चालान माफी और बैंक लोन में भी मिल सकती है राहत
राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा ट्रैफिक चालानों की संभावित माफी और छूट को लेकर है. माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में पुराने चालान निपटाए जाएंगे, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी.
बैंक लोन, ओवरड्यू EMI, रिकवरी नोटिस और ब्याज माफी जैसे मामलों से जुड़ी उम्मीदों ने भी लोगों की उत्सुकता बढ़ा दी है. अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि लोग सही दस्तावेजों के साथ पहुंचें तो उनके वर्षों पुराने विवाद भी एक ही दिन में हल हो सकते हैं. यही कारण है कि इस बार की लोक अदालत को लेकर लोगों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है.
