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Fatehpur News: पत्नी और चार बेटियों की मौत के 5 साल बाद पिता को सजा, छोटे भाई की गवाही बनी सबूत, थर्रा उठा था जनपद

Fatehpur News: पत्नी और चार बेटियों की मौत के 5 साल बाद पिता को सजा, छोटे भाई की गवाही बनी सबूत, थर्रा उठा था जनपद
फतेहपुर में पत्नी सहित चार बेटियों की मौत में अपराधी पति को कोर्ट ने सुनाई सजा (दाएं अपराधी राम भरोसे, बाएं उसकी चार बेटियां फाइल फोटो): Image Credit Original Source

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में 5 साल पहले हुई पत्नी और चार बेटियों की मौत के मामले में शुक्रवार को अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया. अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर-2 की जज पूजा विश्वकर्मा ने आरोपी पति रामभरोसे रैदास को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा और 23 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इस दर्दनाक मामले में आरोपी के छोटे भाई की गवाही निर्णायक रही.

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. साल 2020 में पत्नी और चार बेटियों की मौत से जुड़ी घटना में आखिरकार 5 साल बाद न्याय हुआ है. अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर-2 की जज पूजा विश्वकर्मा ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए पति रामभरोसे रैदास को अपनी ही पत्नी और बेटियों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी करार दिया. अदालत ने उसे 5 साल की कैद और 23 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी है. जुर्माना न भरने पर दो महीने की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी.

जब शराब की लत ने उजाड़ा था पूरा परिवार

 सदर कोतवाली क्षेत्र के शांतिनगर मोहल्ले में रहने वाले रामभरोसे रैदास का परिवार देखने में आम था, लेकिन घर के भीतर रोज शराब और झगड़े का तूफान मचा रहता था. रामभरोसे शराब का आदी था और इसी वजह से उसकी पत्नी श्यामा देवी व चार बेटियां प्रियंका, पिंकी, वर्षा और रूबी अक्सर उसके गुस्से और गाली-गलौज का शिकार होती थीं.

परिवार के छोटे भाई दिनेश कुमार ने बताया था कि रामभरोसे आए दिन नशे में पत्नी और बच्चियों को पीटता और अपमानित करता था. 30 जनवरी 2020 की रात जब यह सिलसिला हद से आगे बढ़ा, तो मासूम बच्चियों और उनकी मां ने जहर खाकर अपनी जान दे दी.

30 जनवरी 2020 की रात, जब थम गया सब कुछ

वह रात फतेहपुर के लिए एक भयावह याद बन गई. करीब 8 बजे जब छोटे भाई दिनेश कुमार घर लौटे तो उन्होंने देखा कि रामभरोसे नशे में पत्नी और बच्चियों से झगड़ रहा है. थोड़ी ही देर बाद सबकुछ शांत हो गया. सुबह भोर पहर पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था. घर से किसी के ना निकलने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया.

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तत्कालीन कोतवाल रवींद्र सिंह ने जब दरवाज़ा तुड़वाया तो अंदर का नज़ारा देख सभी सन्न रह गए. श्यामा देवी और उनकी चारों बेटियां मृत पड़ीं थीं और पति राम भरोसे मौके पर नहीं था..पोस्टमार्टम के बाद बिसरा में स्पष्ट हुआ था कि सभी ने एल्युमिनियम फास्फाइड (अनाज में इस्तेमाल होने वाला जहरीला रसायन) निगलकर आत्महत्या की थी.

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बताया जा रहा है कि राम भरोसे की पत्नी श्यामा देवी निरंकारी बालिका इंटर कालेज में रसोइया का काम करती थी जबकि राम भरोसे केवल नशे में धुत रहता था, पूरी गृहस्थी श्यामा ही चलाती थी.

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छोटे भाई की गवाही बनी सबसे बड़ा सबूत

इस पूरे मामले में जब जांच आगे बढ़ी, तो पुलिस ने रामभरोसे को संदेह के घेरे में लिया. मृतका के देवर दिनेश कुमार ने ही अपने बड़े भाई के खिलाफ तहरीर दी थी. उसने बताया था कि लगातार प्रताड़ना और हिंसा के कारण उसकी भाभी और भतीजियों ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया.

कोर्ट में दिनेश कुमार और उसकी पत्नी सुमन देवी ने भी साहसपूर्वक गवाही दी. उन्होंने अदालत में साफ कहा कि रामभरोसे की क्रूरता और नशे की आदत ही पूरे परिवार की मौत की वजह बनी. यही गवाही अदालत के फैसले की सबसे बड़ी नींव बनी.

5 साल की सुनवाई के बाद आया फैसला

मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और गवाहों के बयानों के आधार पर अपने तर्क रखे. 5 साल तक चली इस कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार शुक्रवार को अदालत ने रामभरोसे रैदास को दोषी करार दिया. कोर्ट नंबर-2 की जज पूजा विश्वकर्मा ने सजा सुनाते हुए कहा कि पति का लगातार उत्पीड़न और हिंसा पत्नी और बेटियों की आत्महत्या की सीधी वजह थी.

फतेहपुर की यादों में अब भी जिंदा है वह काली रात

शांतिनगर मोहल्ला आज भी उस रात और सुबह के मंजर को नहीं भूल पाया जब पांच-पांच शव एक ही घर से निकले थे. पूरा इलाका दहशत में था, और हर आंख में सवाल था कि आखिर एक पिता कैसे अपनी ही बेटियों के लिए मौत का कारण बन सकता है. अब, 5 साल बाद जब अदालत ने फैसला सुनाया, तो इलाके में यह चर्चा है कि देर से ही सही, लेकिन इंसाफ हुआ है. छोटे भाई दिनेश कुमार की हिम्मत और सच्चाई के आगे आखिरकार कानून ने अपराधी को सजा दी.

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