Fatehpur News: रिटायर्ड SI के खाते से ऐसे उड़ गए 5 लाख ! वाराणसी से पकड़े गए साइबर ठग
फतेहपुर के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर नवाब आलम के बैंक खातों से फर्जी लिंक के जरिए 5 लाख रुपये गायब हो गए. साइबर क्राइम टीम ने वाराणसी से दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपियों ने 12 फर्जी खातों के माध्यम से 30 लाख से अधिक की ठगी का खुलासा किया.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में ऑनलाइन ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां रिटायर्ड पुलिस सब इंस्पेक्टर के बैंक खातों से 5 लाख रुपये उड़ गए. गूगल पर बैंक लिंक खोजते समय फर्जी वेबसाइट में विवरण भरते ही रकम ट्रांसफर हो गई. वाराणसी में छापेमारी कर पुलिस ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने 30 लाख से अधिक की ठगी का खुलासा किया है.
फर्जी लिंक में फंसे रिटायर्ड SI, मिनटों में उड़ गए लाखों

वाराणसी के टेंगरा मोड़ से धर दबोचे गए दोनों साइबर ठग
साइबर क्राइम इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह और एसआई रणधीर सिंह ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस की, जो वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में मिली. गुरुवार शाम टीम ने टेंगरा मोड़ बाईपास पर छापा मारकर दो ठगों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों की पहचान मीरजापुर के प्रिंस पटेल और सोनभद्र के मुनाल यादव के रूप में हुई. पुलिस ने इनके पास से दो एंड्रॉयड मोबाइल और 10 हजार रुपये बरामद किए. दोनों वाराणसी में किराए का कमरा लेकर साइबर ठगी चला रहे थे.
12 बैंक खातों में घूम चुका है 30 लाख से अधिक
पढ़ाई में सामान्य लेकिन ठगी में माहिर निकले आरोपी
इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी प्रिंस इंटर पास और आईटीआई कर रहा है, जबकि मुनाल यादव भी इंटरमीडिएट पास है. साधारण शिक्षा और कम उम्र होने के बावजूद दोनों साइबर ठगी के तकनीकी तरीकों में माहिर निकले. इन्हें गिरोह ने आर्थिक लाभ का लालच देकर इस काम में जोड़ा था. दोनों डिजिटल लिंक बनाकर देशभर के लोगों को अपना शिकार बना रहे थे.
फर्जी बैंक लिंक से डेटा चोरी कर यूजर्स को करते थे कंगाल
जांच में पता चला कि ये ठग गूगल पर बैंक और अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़े फर्जी लिंक डालते थे. जैसे ही कोई मोबाइल यूजर लिंक खोलता था, उसका बैंक विवरण, ओटीपी, एटीएम नंबर और आधार संबंधित जानकारी सीधे ठगों तक पहुंच जाती थी. आरोपी उसी डेटा का उपयोग कर खातों से लाखों रुपये निकाल लेते थे. पुलिस अब इनके व्हाट्सऐप डेटा के लिए मेटा से संपर्क कर रही है, जिससे पूरे गिरोह का नेटवर्क उजागर हो सके.
