Fatehpur Fire News: तबाही के मंज़र पर फतेहपुर के किसान ! प्रशासनिक अव्यवस्थाओं ने छीन ली पेट की रोटी
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में सैकड़ों किसान तबाही के मंज़र पर खड़े होकर चीख रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. बीते चार दिनों में ललौली के दतौली, कंजरन डेरा, हथगाम, खागा के संवत, जाफरगंज में आग की लपटों ने करीब 150 बीघे की फसल को नष्ट कर दिया. पेट की रोटी के लिए लड़ते किसान सत्ताधीशों और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहे हैं.
फतेहपुर तबाह हो गईं किसानों की फसल, जिम्मेदार कौन?
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में अन्नदाता फिर से एक बार आग के बवंडर में झुलस गया है. चैत की दुपहरी में खेत में खड़े होकर झूलते जर्जर तारों को निहार कर भगवान से प्रार्थना करता है कि कोई अनहोनी ना हो जाए. लेकिन अटखेलियां करते ये बिजली के तार किसानों पर रहम नहीं करते.
ये हालात आज के नहीं हैं कई सालों से ये परम्परा चली आ रही. नेता अपनी मस्ती में मस्त हैं और प्रशासन केवल अपना दुखड़ा रोता है. किसान के हांथ पर मुवाबजे के नाम चंद सिक्के रख दिए जाते हैं. बीते चार दिनों में फतेहपुर के दतौली, कंजरन डेरा, हथगाम, खागा के संवत, जाफरगंज में करीब 150 बीघे गेंहू की फसल तबाह हो गई.
90 फ़ीसदी शॉर्ट सर्किट से लगती है फसलों में आग
गर्मी आते ही झूलते लटकते बिजली के तार तेज हवाओं के संपर्क में आते ही शॉर्ट सर्किट से खेतों में आग लगा देते हैं. किसानों की बीड़ी और चूल्हे की आग से खतरा केवल 10 फ़ीसदी ही रहता है लेकिन अकर्मण्य बिजली विभाग केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है.
किसानों की शिकायत पर भी ये ध्यान नहीं देते. जिले की लगभग 35 लाख की आबादी में एक बड़ा वर्ग किसानी का काम करता है लेकिन इसके बावजूद प्रशासनिक अमला हर वर्ष होने वाली इन समस्याओं की परवाह किए बिना अनदेखी करता है.
फतेहपुर में झुनझुना बजाने का काम कर रही हैं दमकल की गाड़ियां
जिले का दमकल विभाग केवल फायर एनओसी देने के काम का रख गया है. जिले में आगजनी होने पर ना तो इनकी गाड़ियां समय से पहुंच पाती हैं और ना ही इनके पास इतनी व्यवस्था है. फसलों में आग लगने के बाद जब तक दमकल पहुंचता है तब तक फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी होती है.
सीएफओ उमेश गौतम कहते हैं कि पांच फायर वाटर टेंडर, मिस्ट मशीन, हाई प्रेशर पंप सहित हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की डिमांड भी मुख्यालय को भेजी गई है. मौजूदा संसाधनों से पूरी तत्परता से काम से किया जा रहा है. गर्मी को लेकर विभाग की तैयारियां पूरी हैं और किसानों की समस्याओं को समय रहते दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक फायर स्टेशन की डिमांड की फाइल अभी तक अधर में अटकी हुई है.
चुनाव में याद आते हैं नेताओं को किसान
फतेहपुर जनपद में बड़े-बड़े सत्ताधीशों ने अपने जौहर दिखाए. देश के पीएम से लेकर केंद्र में मंत्री, राज्य में मंत्री सहित कई पद मिले लेकिन किसानों की समस्याओं को कोई देखने वाला नहीं है.
एक जानकर कहते हैं कि सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है अगर फतेहपुर के सभी ब्लॉक स्तर पर दमकल की चार-चार गाड़ियां हो और उनकी अन्य व्यवस्था हो जाए तो आगजनी की इस प्रकार की घटनाएं काफी हद तक रोंकी जा सकती हैं.