लोक अदालत टोकन: अगर कट चुका भारी ट्रैफिक चालान तो जुर्माना माफ कराने का सुनहरा मौका ! जानिए कहां लग रही है Lok Adalat

Delhi Lok Adalat News
अगर आपका ट्रैफिक चालान कट गया है और अब तक आपने जुर्माना जमा नहीं किया है तो चिंता की बात नहीं. दिल्ली में लोक अदालत लगाई जा रही है जहां आपको अपना चालान माफ या कम कराने का बड़ा अवसर मिलेगा. यहां जानिए रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया और किन मामलों में मिलेगी राहत.
Lok Adalat In Delhi: दिल्ली की सड़कों पर अगर आपने ट्रैफिक नियम तोड़ दिए और चालान कट गया है तो अब भारी जुर्माने की टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं. दिल्ली यातायात पुलिस और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) एक बार फिर लोक अदालत प्रणाली का आयोजन कर रहे हैं. इस विशेष पहल में चालकों को मौका मिलेगा कि वे अपना लंबित चालान आसानी से और कम जुर्माना देकर निपटा सकें. कई मामलों में पूरा जुर्माना भी माफ किया जा सकता है.
लोक अदालत में कैसे होगा चालान का निपटारा

लोक अदालत टोकन के लिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन
लोक अदालत में चालान माफ या कम कराने के लिए चालकों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. इसके लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.
- लोक अदालत पंजीकरण विकल्प चुनें.
- आवेदन पत्र भरकर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
- आवेदन जमा करने के बाद ईमेल या फोन पर टोकन नंबर और नियुक्ति पत्र भेजा जाएगा.
- नियुक्ति पत्र में सुनवाई की तारीख, समय और स्थान का विवरण होगा.
- चालकों को अपने साथ सभी मूल दस्तावेज, टोकन नंबर और नियुक्ति पत्र लेकर आना होगा.
किन चालानों पर मिलेगी छूट
लोक अदालत के ज़रिए अधिकांश समझौता योग्य ट्रैफिक चालानों का निपटारा किया जाएगा. इनमें शामिल हैं:
- बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाना
- बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना
- लाल बत्ती पार करना
- तेज़ गति से वाहन चलाना
- गलत पार्किंग
- वैध पीयूसी प्रमाणपत्र का अभाव
- बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना
इन मामलों में न्यायाधीश जुर्माना कम कर सकते हैं या पूरी तरह माफ कर सकते हैं. हालांकि, यदि कोई चालक बार-बार उल्लंघन करता पाया जाता है या उल्लंघन गंभीर है तो उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है.
क्यों है लोक अदालत का महत्व
दिल्ली जैसे बड़े शहर में रोजाना लाखों चालान काटे जाते हैं. कई बार लोग जुर्माना समय पर नहीं भरते और मामला अदालत तक पहुंच जाता है. लंबे समय तक चलने वाली अदालती प्रक्रिया से बचाने के लिए लोक अदालत सबसे बेहतर विकल्प है. यहां पर लोग जल्दी, आसान और कम खर्च में अपने मामले का निपटारा करा सकते हैं.
निपटान के बाद होगा मामला बंद
लोक अदालत का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक बार आदेश पारित होने के बाद मामला पूरी तरह बंद माना जाएगा. इसका मतलब है कि भविष्य में उस चालान को लेकर किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. इस तरह चालकों को न सिर्फ जुर्माना माफ कराने का अवसर मिलता है बल्कि कानूनी झंझटों से भी छुटकारा मिल जाता है.