Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

ADVERTISEMENT

UP Fatehpur News: फतेहपुर की मुगल रोड अब पंडित गयादीन दुबे मार्ग, 1857 की क्रांति के अनसुने योद्धा को मिली ऐतिहासिक मान्यता

Fatehpur News In Hindi

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर जिले (Fatehpur) की ऐतिहासिक मुगल रोड अब इतिहास के गर्भ से निकले एक अनसुने वीर क्रांतिकारी के नाम पर जानी जाएगी. इस सड़क का नाम बदलकर 'पंडित गयादीन दुबे मार्ग' कर दिया गया है. महीनों की लड़ाई और दस्तावेजी संघर्ष के बाद विधायक जय कुमार सिंह जैकी की पहल पर 29 जुलाई 2025 को राज्यपाल की संस्तुति से इस मार्ग का नाम बदला गया.

UP Fatehpur News: फतेहपुर की मुगल रोड अब पंडित गयादीन दुबे मार्ग, 1857 की क्रांति के अनसुने योद्धा को मिली ऐतिहासिक मान्यता
फतेहपुर की मुगल रोड अब पंडित गयादीन दुबे मार्ग (दाएं क्रांतिकारी पंडित गयादीन दुबे बाएं विधायक जैकी फोटो): Image Credit Original Source
ADVERTISEMENT

Fatehpur Gyadeen Dubey Road: 1857 की क्रांति में जिन्होंने अपने मित्र को छोड़कर देश का साथ दिया, आज उनके नाम पर एक ऐतिहासिक सड़क का नामकरण हुआ है. फतेहपुर को बिंदकी से जोड़ने वाली 10 किलोमीटर लंबी मुगल रोड अब 'पंडित गयादीन दुबे मार्ग' के नाम से जानी जाएगी. यह फैसला ना सिर्फ इतिहास के एक गुमनाम नायक को सम्मान देने का कार्य है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा.

विधायक जैकी की की मेहनत लाई रंग, मुगल रोड का बदला नाम

जिले के बिंदकी विधायक जय कुमार सिंह 'जैकी' ने पिछले कई महीनों से लगातार मुगल रोड का नाम बदलवाने की मांग उठाई थी. विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और स्थानीय स्तर पर कई बैठकें कीं.

हालांकि सरकारी अभिलेखों में पंडित गयादीन दुबे को क्रांतिकारी के रूप में मान्यता न मिलने के कारण उन्हें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा. लेकिन अंततः 29 जुलाई 2025 को राज्यपाल की स्वीकृति के बाद लोक निर्माण विभाग ने आधिकारिक रूप से इस मार्ग का नाम बदल दिया. जैकी ने इसे जिले के लिए गौरव का दिन बताया.

दस किलो का मार्ग अब होगा बाबा के नाम

जिले के महर्षि विद्यालय से शुरू होकर कोरांई गांव होते हुए बिंदकी को जोड़ने वाला यह 10 किलोमीटर लंबा मार्ग ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा है. इसे पहले ‘मुगल रोड’ के नाम से जाना जाता था, जो अब इतिहास बन चुका है.

Read More: UP Weather Alert: यूपी के फतेहपुर समेत 11 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट, 58 जिलों में वज्रपात की चेतावनी

अब यह मार्ग पंडित गयादीन दुबे के नाम से जाना जाएगा जिन्होंने 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करते हुए अपनी जान तक कुर्बान कर दी थी. यह नाम न सिर्फ इतिहास को पुनर्जीवित करता है बल्कि उस मिट्टी के एक अनकहे वीर को सच्ची श्रद्धांजलि भी है.

Read More: UP Fatehpur News: फतेहपुर में टोल घोटाला ! बिना पर्ची ओवरलोड ट्रकों से करोड़ों की कमाई, जांच में खुली पोल, दर्ज हुआ मुकदमा 

कौन थे महान क्रांतिकारी पंडित गयादीन दुबे?

1857 की क्रांति के समय कोरांई गांव के जमींदार पंडित गयादीन दुबे के पास 62 गांवों की जमींदारी और 200 बहेलियों की निजी सेना थी. वह जिला जज मिस्टर टक्कर के बेहद करीबी मित्र थे. जब क्रांतिकारियों ने खागा पर कब्जा किया और फतेहपुर की ओर बढ़े, तब टक्कर अपने मित्र बाबा गयादीन के पास कोरांई पहुंचे और शरण मांगी.

Read More: IAS Transfer In UP: यूपी में 19 IAS अधिकारियों का तबादला ! इशिता किशोर बरेली, स्मृति मिश्रा बिजनौर, स्वाति शर्मा को आगरा की जिम्मेदारी

बाबा ने भरोसा दिया और उन्हें सुरक्षित जिला मुख्यालय भिजवा दिया. लेकिन अगले दिन जब वह अपनी सेना लेकर मुख्यालय पहुंचे और क्रांतिकारियों से आमना-सामना हुआ, तो उन्होंने दोस्ती छोड़ देश का साथ चुना. यह देखकर टक्कर ने आत्महत्या कर ली.

विश्वासघात का आरोप बना गिरफ्तारी की वजह, जेल में की आत्महत्या

बाबा गयादीन दुबे पर अपने मित्र मिस्टर टक्कर के विश्वासघात का आरोप लगा. कहा जाता है कि मरने से पहले टक्कर ने छत पर लिखा कि ‘बाबा गयादीन दुबे ने विश्वासघात किया’. इसी आधार पर उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार किया. हालांकि कुछ संस्मरणों में यह भी कहा गया है कि टक्कर क्रांतिकारियों की गोली से मारे गए थे.

गिरफ्तार होने के बाद बाबा और उनके पिता पंडित सीताराम दुबे को जेल में बंद कर दिया गया. जेल में अपमान से बचने के लिए बाबा ने अपनी अंगूठी में जड़े हीरे को चाटकर आत्महत्या कर ली. उनका यह बलिदान देशभक्ति की मिसाल बन गया.

इतिहास में न्याय और सम्मान की प्रतीक्षा कर रहे थे बाबा गयादीन

पंडित गयादीन दुबे की गाथा वर्षों तक इतिहास के पन्नों में दब कर रह गई थी. उनके नाम पर कोई स्मारक या सड़क नहीं थी. लेकिन विधायक जय कुमार सिंह जैकी की पहल और स्थानीय जनता के सहयोग से अब वह समय आया है जब उन्हें उनका हक और सम्मान मिला है. यह नामकरण ना सिर्फ एक क्रांतिकारी को श्रद्धांजलि है, बल्कि फतेहपुर के युवा वर्ग को प्रेरणा देने का एक जीवंत उदाहरण भी बन गया है.

ADVERTISEMENT

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI, LPG, बैंकिंग और इंश्योरेंस के नियम ! हर घर की जेब पर पड़ेगा सीधा असर 1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI, LPG, बैंकिंग और इंश्योरेंस के नियम ! हर घर की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
एक अगस्त 2025 से देशभर में UPI ट्रांजैक्शन लिमिट, LPG व CNG-PNG की कीमतें, बैंकिंग नियम, क्रेडिट कार्ड इंश्योरेंस और...
UP Fatehpur News: फतेहपुर की मुगल रोड अब पंडित गयादीन दुबे मार्ग, 1857 की क्रांति के अनसुने योद्धा को मिली ऐतिहासिक मान्यता
Aaj Ka Rashifal: सिंह को मिलेगा बड़ा मौका ! मकर रहें सतर्क, जानें सभी राशियों का हाल
Who Is IAS Rinku Singh Rahi: वकीलों के सामने उठक बैठक लगाने वाले SDM रिंकू सिंह राही के संघर्ष को सुन आप भी चौंक जाएंगे
Fatehpur Murder News: फतेहपुर में युवक ने पड़ोसी महिला की बेरहमी से की हत्या, शराब पिलाकर नाजुक अंग निकाले और चेहरा कुचला
सिर्फ नाग पंचमी के दिन खुलता है शिव का ये मंदिर ! जानिए क्या होती है त्रिकाल पूजा, रहस्यमयी दर्शन को उमड़ती है भीड़
Aaj Ka Rashifal Today: तुला को मिलेगा प्रमोशन का योग, कुंभ को मिलेगी नई जिम्मेदारी, जानिए कैसा रहेगा आज का दिन

Follow Us