
फतेहपुर में MOIC और ANM विवाद की खुली कलई: एक साल पुराने मामले में जारी हुई नोटिस, पति ने लगाया हिटलरशाही का आरोप
Fatehpur News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के भिटौरा पीएचसी के अंतर्गत आने वाले चितीसापुर उपकेंद्र में तैनात एएनएम अल्का यादव को एक साल पुराने पेड़ कटाई मामले में MOIC ने बीते 6 अक्टूबर को नोटिस थमा दी है. जबकि राशि पहले ही ग्राम पंचायत निधि में जमा की जा चुकी थी. एएनएम के पति ने एमओआईसी पर हिटलरशाही का आरोप लगाया है.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग का अंदरूनी विवाद फिर सुर्खियों में है. भिटौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) के अंतर्गत आने वाले चितीसापुर उपकेंद्र में तैनात एएनएम अल्का यादव को लापरवाही के आरोप में MOIC डॉ. राघवेंद्र सिंह राघव ने नोटिस जारी की है. हालांकि जब मामले की तहकीकात की गई तो मामला एक वर्ष पुराना निकला, जिसकी पूरी राशि पहले ही ग्राम पंचायत निधि में जमा हो चुकी है.
चितीसापुर उपकेंद्र की एएनएम के खिलाफ जबरन जारी की गई नोटिस

जमा रसीद में ग्राम प्रधान की मुहर और एएनएम के पति का नाम
पेड़ की लकड़ी से प्राप्त ₹16,150 की राशि की रसीद में ग्राम प्रधान की मुहर लगी थी और जमाकर्ता के रूप में विनोद कुमार का नाम दर्ज था, जो कि एएनएम अल्का यादव के पति हैं. रसीद की प्रति भिटौरा पीएचसी को भी दी गई थी. इसके बावजूद एक वर्ष पुराने प्रकरण में नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी गई, जिससे विभाग के अंदर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतने पुराने और निपट चुके मामले को फिर क्यों उठाया गया.
एएनएम के पति का आरोप: ‘भिटौरा पीएचसी में चल रही हिटलरशाही’
एएनएम अल्का यादव के पति विनोद कुमार ने MOIC डॉ. राघवेंद्र सिंह राघव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे भिटौरा पीएचसी में ‘हिटलरशाही’ चला रहे हैं. उनका कहना है कि जब डॉ. राघवेंद्र पर खुद आरोप लगे, तो उन्होंने कई एएनएम और एआरओ को डराने के लिए मनगढ़ंत तरीके से कई नोटिस जारी कर दिए. विनोद कुमार का दावा है कि उनकी पत्नी को जानबूझकर मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, ताकि कोई आवाज न उठा सके.
वायरल वीडियो से शुरू हुआ था पूरा विवाद
विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब भवन पुनर्निर्माण के दौरान पेड़ काटने की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो किसी स्थानीय व्यक्ति ने खुन्नस में बनाकर प्रशासन को भेज दिया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए. क्षेत्रीय बीडीओ ने जांच में पाया कि पेड़ सुरक्षा कारणों से काटा गया था. प्रशासनिक आदेश पर पेड़ की लकड़ी की नीलामी कर ₹16,150 की धनराशि ग्राम पंचायत निधि में जमा कराई गई थी.
प्रशासनिक आदेश पर हुई कार्यवाही, वन विभाग का कोई लेना-देना नहीं
विनोद कुमार ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में वन विभाग की कोई भूमिका नहीं थी. पूरा काम जिला प्रशासन और बीडीओ के आदेश पर हुआ था. उन्होंने बताया कि बिल्डिंग के पुनर्निर्माण के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पेड़ काटे गए थे और नीलामी के जरिए लकड़ी बेंच कर धनराशि जमा कराई गई थी. बावजूद इसके MOIC डॉ. राघवेंद्र सिंह राघव अपनी मनमर्जी और हठधर्मिता दिखाते हुए अनावश्यक नोटिस जारी कर कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं. जब की पूरे प्रकरण की उनको जानकारी है.
