Fatehpur News: पड़ोसी निकला लूटकांड का सरगना ! पुलिस से बचने के लिए करता था वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल, जानिए होटल संचालक की इनसाइड स्टोरी

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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर शहर के अमरजई मोहल्ले में बीते 18 अगस्त को दिनदहाड़े हुई लूटकांड की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है. पुलिस ने खुलासा किया कि इस वारदात का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि पीड़िता का पड़ोसी अनुराग शर्मा ही है. होटल और रेस्टोरेंट चलाने वाले इस युवक ने अपने गैंग के साथ वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने उसे साथी सुल्तान अहमद संग गिरफ्तार किया है जबकि दो आरोपी अब भी फरार हैं.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में दिनदहाड़े महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाकर हुई लूट की वारदात का पुलिस ने सोमवार को खुलसा कर दिया है. चौंकाने वाली बात यह रही कि घटना का सरगना आशा सिंह का पड़ोसी अनुराग शर्मा ही निकला. गरीब परिवार से निकलकर रेस्टोरेंट संचालक बने अनुराग ने आपराधिक रास्ता अपनाकर गैंग तैयार किया और वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने हाईटेक तरीके से काम करने वाले इस गिरोह के पास से सोने की जंजीरें, नकदी, तमंचा और मोबाइल बरामद किए हैं.
दिनदहाड़े हुई वारदात ने दहला दिया शहर

घबराई हुई महिलाओं ने अपने सोने-चांदी के गहने उतारकर दे दिए. विरोध करने पर आशा सिंह को गोली मारकर घायल कर दिया. इसके बाद आरोपी गाली-गलौज करते हुए दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद कर भाग निकले. घटना ने पूरे मोहल्ले में दहशत फैला दी थी.
पुलिस जांच में सामने आया पड़ोसी का नाम
एसपी अनूप कुमार सिंह ने बताया कि अनुराग ने अपने दोस्त सुल्तान अहमद (निवासी इटर्रा, घाटमपुर, कानपुर नगर) और दो अन्य साथियों आमिर और सालिम के साथ मिलकर गैंग बनाया था. पुलिस ने अनुराग और सुल्तान को पकड़ लिया है जबकि आमिर और सलीम की तलाश जारी है.
गरीब से होटल संचालक और फिर बनाया गैंग
सूत्रों के अनुसार अनुराग शर्मा का अतीत गरीबी से भरा हुआ था. कभी वह गैस एजेंसी में तीन-चार हजार रुपये की नौकरी करके अपना घर चलाता था. इसी दौरान उसने अष्टधातु की प्रतिमाओं की तस्करी शुरू की और धीरे-धीरे लाखों में खेलने लगा.
कोरोना काल में वह गैस एजेंसी के काम से घाटमपुर गया और वहां होटल का संचालन शुरू किया. लगभग डेढ़ साल पहले वह फतेहपुर लौटा और पटेल नगर आईटीआई रोड पर रेस्टोरेंट का संचालन करने लगा. लेकिन बिजनेस की आड़ में उसने आपराधिक गतिविधियां जारी रखीं.
वॉकी-टॉकी से ऑपरेट करता था गैंग
पुलिस की गिरफ्तारी में अनुराग और उसके साथियों के पास से सोने की जंजीरें, नकदी, तमंचा और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. सबसे चौंकाने वाली चीज सामने आई कि अनुराग अपने गैंग से बातचीत के लिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करता था.
उसका मकसद पुलिस की लोकेशन ट्रेसिंग से बचना था. इस हाईटेक तरीके से वह लंबे समय तक पुलिस को चकमा देता रहा. जानकारी के मुताबिक यह गिरोह पहले भी वारदातों की साजिश रच चुका था और आगे कई बड़ी घटनाओं की योजना बना रहा था.
मोहल्ले वालों के उड़ गए होश
अमरजई मोहल्ले में जब यह खुलासा हुआ कि घटना का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि पीड़िता का पड़ोसी था, तो हर कोई हैरान रह गया. मोहल्ले के लोग दंग हैं कि जिस पर वे भरोसा करते थे, वही घटना का मास्टमाइड निकला. आशा सिंह और उनका परिवार अभी भी इस सदमे से उबर नहीं पा रहा है. लोग कहते हैं कि अनुराग हमेशा मददगार दिखता था, लेकिन उसकी असलियत सामने आने के बाद अब पूरा इलाका सहम गया है.