
फतेहपुर होटल मैनेजर हत्या कांड में सजा: पत्नी और प्रेमी को उम्रकैद, छह साल बाद आया बड़ा फैसला

Fatehpur News In Hindi
फतेहपुर जिले के चर्चित होटल मैनेजर हत्या कांड में छह साल बाद अदालत का फैसला आया है. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मैनेजर की पत्नी और उसके प्रेमी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा था जिसमें पत्नी और प्रेमी ने मिलकर साजिश रचकर हत्या की थी.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में छह साल पुराने चर्चित होटल मैनेजर हत्या कांड में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. शासकीय अधिवक्ता अजय सिंह ने बताया कि अदालत ने मृतक जितेंद्र सिंह की पत्नी निशा और उसके प्रेमी व होटल के असिस्टेंट मैनेजर विकास सिंह यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
हत्या की रात बनी खौफनाक साजिश

हत्या को लूट का रूप देने की कोशिश
शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने बताया कि घटना वाली रात निशा ने योजनाबद्ध तरीके से विकास को घर में बुलाकर छिपा दिया था. जब जितेंद्र खाना खाने के बाद कमरे में सो गया तो रात करीब एक बजे दोनों ने मिलकर उसका गला घोंट दिया और फिर शक न हो इसके लिए चाकू से वार भी कर डाला. इसके बाद निशा ने विकास को अपने गहने दे दिए ताकि पुलिस को लगे कि यह हत्या लूट के इरादे से हुई है. लेकिन विकास पुलिस की गिरफ्त में आने पर सच उगल बैठा और पूरे षड्यंत्र से पर्दा उठ गया.
साजिश की गवाही बने घर के हालात

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मूल रूप से बहुआ ब्लॉक के पहाड़पुर निवासी महेंद्र यादव तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. बड़े भाई मान सिंह अपने बेटे धर्मेंद्र, जितेंद्र और शैलेष के साथ अलग रहते थे. धर्मेंद्र की पहले ही सड़क हादसे में मौत हो चुकी थी. बाद में जितेंद्र की भी हत्या हो गई. एक ही परिवार पर इस तरह दोहरी मार ने सबको बिखेर कर रख दिया. महेंद्र यादव की पत्नी फूलमती 2015 से 2021 तक बहुआ ब्लॉक प्रमुख रहीं, लेकिन आज उनका अपना परिवार टूट कर रह गया है.

अदालत से मिला इंसाफ, लेकिन जख्म हरे
फास्ट ट्रैक कोर्ट में छह साल तक चली सुनवाई के बाद अब जाकर फैसला आया है. अदालत ने निशा और विकास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. यह फैसला परिवार के लिए न्याय का क्षण जरूर है, लेकिन जितेंद्र की मौत ने जो घाव दिए हैं, वह शायद कभी नहीं भर पाएंगे.