
फतेहपुर अखरी हत्याकांड: गंगा की तलहटी में जलतीं तीन चिताएं...और सात साल का वो मासूम, जिसने एक साथ पिता, भाई और दादा को मुखाग्नि दी
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले के अखरी गांव में हुए तिहरे हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया. मंगलवार सुबह किसान नेता पप्पू सिंह, उनके बेटे अभय और भाई अनूप की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई. बुधवार को सात वर्षीय मासूम शौर्य ने तीनों को मुखाग्नि दी.
Fatehpur Triple Murder: गर्मी से तपती दोपहर, गंगा की तलहटी में तीन चिताएं एक साथ जल रही थीं. आसपास रोती-बिलखती भीड़, मातम में डूबा गांव, और उन चिताओं के सामने खड़ा एक सात साल का मासूम शौर्य जो खुद शायद ठीक से जानता भी नहीं था कि दुनिया क्या है, लेकिन उसके नन्हें हाथों ने उस दिन अपने पिता, चचेरे भाई और दादा को मुखाग्नि दी. आंखों से आंसू सूख चुके थे, और चेहरे पर बचपन की मासूमियत की जगह जिम्मेदारियों का बोझ उतर आया था.
तीन अर्थियां, एक मासूम और टूटता बचपन

मासूम शौर्य की आंखों में आंसू नहीं थे, शायद इस सदमे ने उन्हें भी रोक दिया था. जब हाथ में अग्नि लेकर उसने पिता के शव की ओर बढ़ाया, तो घाट पर मौजूद हर आंख भीग गई. वो बच्चा जो अब तक पिता की ऊंगली पकड़कर चलता था, अब अपने ही परिवार की राख में उनका चेहरा ढूंढ रहा था.
गोलियों की तड़तड़ाहट ने उजाड़ दिया एक पूरा वंश
घटना मंगलवार सुबह की है. फतेहपुर (Fatehpur) हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में किसान यूनियन (टिकैत गुट) के जिला उपाध्यक्ष पप्पू सिंह, उनके छोटे भाई अनूप सिंह और बेटे अभय सिंह को हमलावरों ने दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला था. हमलावर पूर्व प्रधान मुन्नू सिंह और उनके परिजनों ने रंजिश के चलते इस खूनी खेल को अंजाम दिया.
हमले के वक्त मां रामदुलारी घर पर थीं उन्होंने अपनी आंखों से अपने बेटे, पोते और छोटे बेटे को मरते देखा. पप्पू सिंह की पत्नी की मौत सालों पहले हो चुकी थी, तब अभय महज़ सात साल का था. उस वक्त भी परिवार टूटा था, और अब तो सबकुछ ही उजड़ गया.
गांव बना छावनी, न्याय की मांग पर डटे परिजन
पोस्टमार्टम के बाद बुधवार भोर पहर तीनों शव गांव लाए गए. गांव पहले से ही पुलिस छावनी में तब्दील था. 22 थानों की फोर्स, दो प्लाटून PAC, एसपी डीएम सभी मौके पर डटे थे. सुबह से लेकर दोपहर तक भाकियू नेताओं और परिजनों की प्रशासन से लंबी वार्ता चली.
पीड़ित परिवार की मांगों को मानने के बाद, दोपहर करीब तीन बजे के बाद शवों का अंतिम संस्कार कराया गया. पूरे वक्त प्रशासन मौके पर तैनात रहा. किसान नेता अनुज सिंह ने बताया कि सरकारी नौकरी, 50-50 लाख मुआवजा, SIT जांच समेत सभी मांगें मान ली हैं.
बुलडोजर की गर्जना और गिरफ़्तारी की दस्तक
बुधवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे गांव में बुलडोजर पहुंचा. ग्रामीणों को लगा मुख्य आरोपी मुन्नू सिंह के घर कार्रवाई होगी, लेकिन बुलडोजर विपुल सिंह की बहन मुकुल सिंह के टिनशेड मकान पर चला. प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण बताया.
पुलिस ने मुकुल को हिरासत में लिया. वहीं, रात में हुई मुठभेड़ में दो नामजद आरोपी पीयूष और सज्जन सिंह गिरफ्तार किए गए. पुलिस के मुताबिक अब तक चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं बाकी की तलाश में दबिशें जारी हैं.
रामदुलारी एक मां, जो अब परिवार की आखिरी कड़ी हैं
पप्पू सिंह की मां रामदुलारी, जिनके सामने उनका सबकुछ उजड़ गया, अब परिवार की आखिरी कड़ी हैं. उन्होंने ही पप्पू को खेतों में पसीना बहाना सिखाया था, अभय को पढ़ने भेजा था, और अनुज की परवरिश देखी थी. अब उनके सामने तीन लाशें पड़ी थीं, और सात साल का शौर्य, जो अनाथ हो गया है. वह शौर्य, जिसकी आंखों में अब भी कोई सवाल था—दादी, अब कौन रहेगा हमारे साथ?
