यूपी में अब TET परीक्षा देने के लिए जेब अधिक ढीली करनी होगी, आवेदन शुल्क तीन गुना बढ़ाने की तैयारी

Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले अभ्यर्थियों के लिए अब जेब और भी ढीली करनी पड़ेगी. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए अनिवार्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) का आवेदन शुल्क तीन गुना बढ़ाने की तैयारी है. आयोग ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, जिसके बाद हड़कंप मचा है.
UP TET New Fees: यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी-टीईटी अब केवल ज्ञान और तैयारी की परीक्षा नहीं रही, बल्कि यह जेब की ताकत की भी जाँच बनती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक जहां उम्मीदवारों को 600 रुपये देकर आवेदन करने का मौका मिलता था, वहीं अब यह शुल्क सीधे 1700 रुपये तक पहुंच सकता है. यानि शिक्षक बनने का सपना अब “पढ़ाई से पहले पैसों की ताकत” से गुजरेगा. आयोग ने शासन को यह प्रस्ताव भेज दिया है और तर्क दिया है कि परीक्षा शुचितापूर्ण कराने में खर्च ज्यादा हो रहा है.
शुचितापूर्ण परीक्षा या महंगी परीक्षा?

600 से सीधे 1700 रुपये: जेब पर भारी बोझ
अभी तक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए आवेदन शुल्क 600-600 रुपये था. लेकिन अब आयोग इसे 1700-1700 रुपये करने की तैयारी में है. यानी यदि कोई अभ्यर्थी दोनों स्तरों की परीक्षा देना चाहता है तो उसे कुल 3400 रुपये जमा करने होंगे. यह रकम गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्रों के लिए किसी पहाड़ से कम नहीं है.
आयोग का तर्क: खर्च बढ़ गया
परीक्षा की तारीख तय, अभ्यर्थियों की नींद उड़ गई
आयोग पहले ही घोषणा कर चुका है कि यूपीटीईटी 29 और 30 जनवरी 2026 को कराई जाएगी. लेकिन जैसे ही आवेदन शुल्क बढ़ाने की खबर आई, तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थियों की नींद उड़ गई. छात्र संगठन और प्रतियोगी परीक्षा से जुड़े युवा इसे “शिक्षा पर टैक्स” करार दे रहे हैं. उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी सीधी लूट है और गरीब तबके के युवाओं के लिए सपना टूटने जैसा है.
शिक्षा या शोषण? व्यंग्य में निकली आहें
अब तक कहा जाता था कि शिक्षा सबके लिए है. लेकिन आयोग की इस तैयारी ने शिक्षा को “संपन्न वर्ग की संपत्ति” बना दिया है. व्यंग्य में अभ्यर्थी कह रहे हैं “टीईटी अब टीचिंग एलिजिबिलिटी टेस्ट नहीं, बल्कि ‘टेक्सट्रैक्ट एग्जामिनेशन टेस्ट’ बन गया है, जहां पढ़ाई से ज्यादा पैसों की ताकत चलेगी.”