
UP Teacher News: टीईटी और पुरानी पेंशन को लेकर शिक्षकों की बड़ी तैयारी ! इस तारीख को दिल्ली का होगा घेराव

टीईटी अनिवार्यता और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर देशभर के शिक्षक 24 नवंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने ऑनलाइन बैठक में दिल्ली कूच का ऐलान किया है. इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए राज्यों को जिम्मेदारी दी गई है.
UP News: टीईटी (Teacher Eligibility Test) अनिवार्यता और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शिक्षकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रणनीति बनाते हुए 24 नवंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है. इस आंदोलन में देशभर से शिक्षक जुटेंगे और सेवा सुरक्षा की मांग करेंगे.
टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ अखिल भारतीय शिक्षक संघ का मोर्चा

24 नवंबर को जंतर मंतर पर होगा शिक्षकों का शक्ति प्रदर्शन
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वासवराज गुरिकर और राष्ट्रीय महासचिव कमलाकांत त्रिपाठी ने घोषणा की कि 24 नवंबर को देशभर के शिक्षक दिल्ली के जंतर मंतर पर एकत्रित होकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. उनका कहना है कि यह समय शिक्षकों के अस्तित्व को बचाने का है. जब शिक्षा अधिकार अधिनियम बना ही नहीं था, तब टीईटी जैसी कोई परीक्षा नहीं थी, इसलिए उस समय नियुक्त शिक्षकों पर यह नियम लागू करना अनुचित है.
कानूनी लड़ाई के साथ सड़कों पर भी संघर्ष की तैयारी

लखनऊ में बनेगी दिल्ली कूच की रणनीति
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर गठित अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा की 15 अक्टूबर को लखनऊ में बैठक होगी. इस बैठक में 24 नवंबर के धरने की तैयारी और सफलता की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि देशभर के संगठनों को एक मंच पर लाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है ताकि आंदोलन को एकजुट और प्रभावी बनाया जा सके.
उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में शामिल होंगे शिक्षक
प्रदेश महामंत्री उमाशंकर सिंह ने कहा कि 24 नवंबर को जंतर मंतर पर होने वाले धरने में उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में शिक्षक शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले से प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचेगा और इस आंदोलन को ऐतिहासिक बनाने की जिम्मेदारी सभी संगठनों को दी जाएगी. संगठन का उद्देश्य है कि केंद्र सरकार शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से सुने और तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करे.