Fatehpur News Today: बेटी की शादी से पहले पिता ने की आत्महत्या, मां ने भी लगाई फांसी ! फतेहपुर में खुशियां मातम में बदलीं
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में बेटी की शादी से पहले एक गरीब पिता ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली, जबकि पत्नी ने भी फांसी लगाई, जिसे बचा लिया गया मामला हुसैनगंज थाना क्षेत्र के नयानी गांव का है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेज दिया है.
Fatehpur News Today: शादी का घर था, बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी लेकिन शनिवार की शाम नयानी गांव में कुछ ऐसा हुआ कि शादी के गीतों की जगह सिसकियों की गूंज सुनाई देने लगी. एक गरीब मजदूर पिता ने बेटी की शादी के खर्च का बोझ न उठा पाने की पीड़ा में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जबकि मां ने भी जान देने की कोशिश की. हालांकि महिला को वक्त रहते बचा लिया गया, लेकिन पिता की मौत ने पूरे गांव को हिला दिया है. यह हृदयविदारक घटना हुसैनगंज थाना क्षेत्र की है.
17 मई को होनी थी बेटी की शादी, लेकिन टूट गया बाप

बेटियों की विदाई का सपना आंखों में लिए छंगालाल हर रोज़ चिंता में डूबा नजर आता था. बीते कुछ दिनों से घर में माहौल तनावपूर्ण हो गया था, जहां अक्सर पति-पत्नी के बीच पैसों को लेकर बहस हो रही थी.
पति से झगड़े के बाद पत्नी ने लगाई फांसी
उनकी चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी दौड़े और किसी तरह महिला को फंदे से उतारकर पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया. अगर चंद मिनट की देरी होती, तो शायद यह जान भी नहीं बचाई जा सकती थी.
जंगल में पेड़ से लटकता मिला पिता का शव
उधर, जब छंगालाल को पत्नी की आत्महत्या की कोशिश की खबर मिली, तो वह सीधे गांव के बाहर जंगल की तरफ चला गया. देर शाम ग्रामीणों ने जब उसकी खोजबीन शुरू की, तो उनका शव नीम के पेड़ से लटका मिला. शर्ट को फाड़कर बनाया गया फंदा उनके गले में कस चुका था.
इस दृश्य को देखकर गांव में कोहराम मच गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में आर्थिक तंगी को लेकर दंपति में झगड़ा होता था. उन्होंने कहा पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है.
शादी का घर बन गया शोक स्थल
जिस घर में चंद दिनों बाद बारात आनी थी, वहां अब मातम पसरा है. बेटी लक्ष्मी की आंखों में आंसू हैं—बाप का सपना अधूरा रह गया और मां की हालत नाज़ुक है. घर की दीवारों पर सजी शगुन की लड़ी अब वीरानी का एहसास दिला रही है.
घर के कोने-कोने में वो सामान बिखरा पड़ा है, जो शादी की तैयारी के लिए जुटाया गया था. गांव की महिलाएं दुख में डूबी हैं, कोई बेटी को ढांढस बंधा रहा है, तो कोई अपनी आंखें पोंछ रही है.
