UP School Merger News: फतेहपुर में गुलाबी गैंग का हल्ला बोल, 5000 स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ बांधी काली पट्टी
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा 5000 प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों को बंद करने के फैसले ने फतेहपुर में विरोध की लहर खड़ी कर दी है. बहुआ ब्लॉक के सुजानपुर गांव में गुलाबी गैंग लोकतंत्र की अध्यक्ष हेमलता पटेल के नेतृत्व में महिलाओं ने काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री से फैसला वापस लेने की मांग की.

UP School Merger Protest: सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले से ग्रामीण और गरीब तबके की चिंता बढ़ गई है. फतेहपुर (Fatehpur) के बहुआ ब्लॉक स्थित सुजानपुर गांव में महिलाओं ने गुलाबी गैंग लोकतंत्र की अध्यक्ष हेमलता पटेल के नेतृत्व में जोरदार विरोध दर्ज कराया. प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने कहा कि स्कूल बंद होने से बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा पर बड़ा संकट आ सकता है.
सरकार ने क्यों लिया स्कूल बंद करने का फैसला?
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के ऐसे प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों को बंद करने की योजना बनाई है जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम है. पहले चरण में 5000 स्कूल बंद किए जाएंगे जबकि कुल 27 हजार स्कूलों को भविष्य में बंद करने का प्रस्ताव है.
सरकार का दावा है कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा. लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में यही स्कूल गरीब और मजदूर परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा का एकमात्र सहारा हैं.
सुजानपुर गांव में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
गरीबों की शिक्षा पर चोट है ये स्कूल बंदी
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि उनके बच्चे पास के ही स्कूलों में पढ़ते हैं क्योंकि वे रोज मजदूरी कर घर चलाती हैं. अगर ये स्कूल बंद हो गए तो बच्चों को दूर-दराज के निजी स्कूलों में भेजना पड़ेगा, जो उनके लिए आर्थिक रूप से संभव नहीं है. इससे गरीब बच्चों की पढ़ाई छूटने का खतरा है और सामाजिक असमानता और बढ़ेगी.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता
सावित्री कुशवाहा, शुतन, नीलम देवी, रजिया, गुड्डी वर्मा, अमिता सिंह, रानी और प्रीति पासवान जैसी कई महिलाओं ने स्कूल बंद होने के बाद बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए.
उनका कहना था कि कई बार रास्ते खतरनाक होते हैं, खासकर लड़कियों के लिए. महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सरकार बच्चों की सुरक्षा और सुविधा को नजरअंदाज कर रही है.
मुख्यमंत्री से फैसले पर पुनर्विचार की मांग
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. हेमलता पटेल ने कहा कि यदि सरकार वास्तव में सबका विकास चाहती है तो गरीब बच्चों की शिक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. स्कूलों को बंद करना गरीब वर्ग पर सीधा प्रहार है और यह फैसला वापस लिया जाना चाहिए.