UP Fatehpur News: फतेहपुर की 18 ग्राम पंचायतें खत्म, 249 सदस्य और 36 बीडीसी वार्डों का होगा अंत
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर जिले में पंचायत पुनर्गठन के बाद अब परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बार की कवायद में जिले की 18 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में समाहित होकर समाप्त हो गई हैं. साथ ही 249 ग्राम पंचायत वार्ड और 36 बीडीसी सदस्य पद पूरी तरह खत्म हो जाएंगे. जिला पंचायत के आठ वार्डों का आकार बदलेगा.

UP Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में पंचायत व्यवस्था को लेकर बड़ा प्रशासनिक बदलाव सामने आने वाला है. पांच जून को ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद अब परिसीमन की तैयारी शुरू हो गई है. हालांकि शासनादेश अभी नहीं आया है, लेकिन खाका लगभग साफ हो चुका है. इस बार की प्रक्रिया में 18 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और कई वार्डों में संरचनात्मक बदलाव होंगे. इससे पंचायत चुनाव की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है.
18 ग्राम पंचायतों का हुआ अंत, अब शहरी सीमा में शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिले की खखरेडू, धाता और खागा जैसी प्रमुख नगर पंचायतों के नवसृजन और विस्तार के कारण 18 ग्राम पंचायतें शहरी सीमा में समाहित हो चुकी हैं. इसमें सुजरही, चितौली, हरदों, सुजानीपुर, लौकियापुर, तिलकापुर, चचीड़ा, भूला, कल्यानपुर कचरौली, धर्मदासपुर, दयालपुर, सरसई बुजुर्ग, कारीकान धाता, नरसिंहपुर कबरहा, सलवन, हरदासपुर, रक्षपालपुर और खखरेडू शामिल हैं. अब ये पंचायतें ग्रामीण नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्र का हिस्सा मानी जाएंगी, जिससे इनका ग्राम सभा स्वरूप समाप्त हो जाएगा.
वार्ड गठन की प्रक्रिया दोबारा होगी, कई क्षेत्रों की स्थिति बदलेगी
शिवपुरी ग्राम सभा का लोहारपुर गांव पहले ही शहरी सीमा में चला गया है, मगर शिवपुरी अभी भी ग्राम सभा है. इसलिए अब वहां नए सिरे से वार्डों का गठन होगा. इसी तरह हरदासपुर गांव का भी एक हिस्सा नगर क्षेत्र में जा चुका है.
जिला पंचायत के आठ वार्डों का बदलेगा आकार
जिले में अब तक 46 जिला पंचायत वार्ड थे, जिनकी औसत आबादी लगभग 50 हजार थी. लेकिन अब 18 ग्राम सभाओं के शहरी क्षेत्र में चले जाने से कई वार्डों की जनसंख्या में गिरावट आई है.
इसका सीधा असर परिसीमन पर पड़ेगा. गढ़ा, कारीकान धाता, ऐरायां सादात, डेंडासाई, रायपुर भरसौल, टेनी और बुदवन जैसे वार्डों का क्षेत्रफल घट-बढ़ सकता है. कुछ वार्डों को मिलाया जा सकता है तो कुछ नए बन सकते हैं. इससे ग्रामीण चुनावी समीकरणों में व्यापक बदलाव संभव है.
खत्म हो जाएंगे 249 पंचायत सदस्य और 36 बीडीसी वार्ड
ग्राम पंचायत पुनर्गठन और आगामी परिसीमन से सबसे बड़ा असर पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के पदों पर पड़ेगा. जिन ग्राम पंचायतों को शहरी क्षेत्र में शामिल किया गया है.
कुल 249 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद अब खत्म हो जाएंगे. साथ ही, बीडीसी के 36 वार्ड भी समाप्त हो जाएंगे. ये पद अब पंचायत चुनावों में अस्तित्व में नहीं रहेंगे. इसे ग्रामीण प्रतिनिधित्व की संख्या में भारी कटौती मानी जा रही है.
2011 की जनगणना बनी परिसीमन की बाधा, नई ग्राम सभाएं नहीं बनेंगी
जनपद में वर्तमान समय में ऐसी 100 से अधिक ग्राम सभाएं हैं, जिनकी जनसंख्या पांच हजार से अधिक है. स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि इन्हें स्वतंत्र ग्राम सभा का दर्जा मिलेगा. लेकिन परिसीमन की आधारभूत जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना को माना गया है.
इस वजह से अधिकांश क्षेत्रों में अपेक्षित बदलाव नहीं हो पाएंगे. लोगों में इसको लेकर निराशा है कि वर्तमान जनसंख्या को नजरअंदाज कर बीते आंकड़ों के आधार पर फैसले लिए जा रहे हैं.
डीपीआरओ बोले शासनादेश आते ही होगा कार्यान्वयन
जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) उपेंद्र राज सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुनर्गठन की प्रक्रिया 5 जून को पूरी की जा चुकी है. अब शासन से परिसीमन का आदेश प्राप्त होना बाकी है.
आदेश मिलते ही जिला प्रशासन वार्डों के पुनर्गठन और अन्य बदलावों की प्रक्रिया शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि परिसीमन के चलते पंचायत चुनावों की पूरी तस्वीर बदलेगी, और ग्रामीण प्रतिनिधित्व की नई संरचना सामने आएगी.