Uttar Pradesh News: यूपी STF ने पकड़ा फर्जी आयुष्मान कार्ड गिरोह ! कई जिलों में सक्रिय है गैंग, इतने पैसों में तैयार करता है नकली कार्ड
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यूपी एसटीएफ (UP STF) ने आयुष्मान भारत योजना के नाम पर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है. गिरोह नकली आयुष्मान कार्ड (Ayushman card) बनाकर लोगों से 3500 से 5000 रुपये वसूल रहा था. प्रयागराज (Prayagraj) से पकड़े गए आरोपितों ने कई जिलों में रैकेट फैलाने की बात स्वीकारी है.

UP Fake Ayushman card STF: यूपी में गरीबों के इलाज के लिए चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना अब फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. एसटीएफ ने प्रयागराज (Prayagraj) से एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों से मोटी रकम लेकर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवा रहा था. हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस गैंग का नेटवर्क प्रयागराज से लेकर फतेहपुर (Fatehpur) लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशांबी और अमेठी जैसे कई जिलों में फैला हुआ है.
3500 से 5000 रुपये में बन रहे थे नकली कार्ड
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसटीएफ (UP STF) की टीम को सूचना मिली थी कि प्रयागराज (Prayagraj) के कुछ इलाकों में आयुष्मान भारत योजना के फर्जी कार्ड बनाए जा रहे हैं. कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने नवाबगंज निवासी अमित पांडेय और सोरांव निवासी बृजभुवन पटेल को गिरफ्तार किया.
पूछताछ में आरोपितों ने कबूल किया कि वे 3500 से 5000 रुपये लेकर जाली कार्ड बनाते थे. कार्ड असली जैसे दिखते थे, ताकि कोई संदेह न हो. आरोपित फर्जी दस्तावेज तैयार कर कार्ड सिस्टम में एंट्री भी करवा देते थे, जिससे अस्पतालों में इलाज भी संभव हो पाता था.
प्रयागराज, फतेहपुर, रायबरेली समेत कई जिलों में फैला है नेटवर्क
इस रैकेट से जुड़े लोग स्थानीय अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों से मिलकर फर्जी कार्ड तैयार करवाते थे. गिरोह का एक तार प्रयागराज के एक निजी अस्पताल कर्मचारी राहुल गुप्ता से भी जुड़े हैं, जो कौशांबी और फतेहपुर (Fatehpur) के हॉस्पिटल स्टाफ के संपर्क में था.
84 फर्जी कार्ड, 112 जाली डेटा और सैकड़ों वाट्सएप चैट बरामद
एसटीएफ ने दोनों आरोपितों के पास से 84 फर्जी कार्ड, 112 जाली कार्ड डेटा, और 284 वाट्सएप चैटिंग स्क्रीनशॉट बरामद किए हैं. इन चैट्स में कार्ड बनवाने वालों की जानकारी, भुगतान के स्क्रीनशॉट और दस्तावेजों का आदान-प्रदान शामिल है. यह भी पता चला कि गिरोह के पास लोगों के आधार नंबर और पहचान पत्र पहले से मौजूद होते थे, जिनका उपयोग वे जालसाजी में करते थे.
फतेहपुर में 9 लाख कार्ड, लेकिन अब खड़े हुए सवाल
इस खुलासे के बाद फतेहपुर (Fatehpur) जैसे जिलों में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. वहां अब तक 9 लाख से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, लेकिन अब यह सवाल उठ गया है कि इन कार्डों में कितने असली हैं और कितने फर्जी. जानकारी के मुताबिक जिले में 2.5 लाख पात्र लोग अब भी कार्ड से वंचित हैं. ऐसे में आशंका है कि फर्जीवाड़ा करने वाले ठग इन्हीं को शिकार बना रहे हैं.
सीएमओ का निर्देश, अलर्ट मोड पर विभाग
फतेहपुर (Fatehpur) के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजीव नयन गिरि ने कहा है कि फर्जी कार्ड मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. आयुष्मान प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे जनपद के हर कोने में निगरानी रखें. अगर किसी जगह फर्जी कार्ड बनवाने की सूचना मिले तो तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी जाए.
उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे केवल अधिकृत केंद्रों पर जाकर ही आयुष्मान कार्ड बनवाएं और किसी अनजान व्यक्ति को पैसे न दें. सूत्रों की माने तो STF आरोपियों से पूछताछ में जुटी है और अन्य जनपदों में फैले इस गैंग की भी गिरफ्तारी हो सकती है.