राजनीतिक वर्चस्व का अखाड़ा बना सरकंडी: शासन से शिकायत के बाद ऐतिहासिक जांच शुरू

Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले की सरकंडी ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री- मुख्यमंत्री आवास योजना और मनरेगा मजदूरी में करोड़ों की अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. शासन से शिकायत पर लखनऊ से आई उच्च स्तरीय टीम ने सात घंटे तक गांव के 1500 आवासों की जांच की. लाभार्थियों ने बताया कि योजना का लाभ दिलाने के लिए उनसे 25 हजार रुपये तक वसूले गए और कई मकान अधूरे छोड़ दिए गए.
Fatehpur Sarkandi News: यूपी के फतेहपुर की सरकंडी ग्राम पंचायत इस समय सुर्खियों में है. शासन स्तर पर शिकायत दर्ज होने के बाद यहां प्रधानमंत्री- मुख्यमंत्री आवास योजना और मनरेगा मजदूरी में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. लखनऊ (Lucknow) से आई टीम ने बीते मंगलवार को सात घंटे तक मजरों में घूमकर लाभार्थियों के बयान दर्ज किए. जांच में सामने आया कि गरीबों से मोटी रकम वसूली गई और जिनके पास पूरी राशि नहीं थी, उनके मकान अधूरे ही छोड़ दिए गए.
गरीबों के सपनों के घर बने अधूरे ढांचे
जांच टीम जब पंचायत में पहुंची तो कई मकान अधूरे हालत में मिले. कहीं छत नहीं बनी, कहीं दीवारें अधूरी रह गईं और कहीं सिर्फ नींव ही पड़ी दिखी. लाभार्थियों ने टीम को बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए उनसे 22 से 25 हजार रुपये तक की रकम मांगी गई. जिन परिवारों ने पूरी राशि दी, उनका मकान खड़ा हो गया लेकिन जिनके पास रकम नहीं थी, वे आज भी अधूरे घरों और झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं.
सत्ता संघर्ष से जुड़ा मामला, डिप्टी सीएम तक पहुंची शिकायत
सूत्रों के मुताबिक स्थानीय स्तर पर लंबे समय से इस पंचायत और आस-पास में राजनीतिक दबदबे को लेकर खींचतान चल रही है. बताया जा रहा है कि एक राजनीतिक शख्स ने एक विधायक के माध्यम से डिप्टी सीएम से शिकायत की. उसके बाद शासन को शिकायत की गई. आरोप है कि साल 2016 से 2024 तक लगभग 1500 आवासों के नाम पर करीब पांच करोड़ रुपये की वसूली की गई. शिकायत पर तेजी से कार्रवाई करते हुए सरकार ने तुरंत लखनऊ से जांच टीम भेजने का आदेश दिया गया.
जांच का नजारा बना ऑपरेशन, गांव में घुसीं 20 गाड़ियां
मनरेगा मजदूरी में भी हेराफेरी
आवास योजना के अलावा जांच में मनरेगा मजदूरी का खेल भी उजागर हुआ. कई ग्रामीणों ने बताया कि मजदूरी का पैसा वास्तविक श्रमिकों को न देकर परिचितों और नजदीकी लोगों के खातों में भेजा गया. नतीजा यह रहा कि मजदूरों को अपनी मेहनत की कमाई तक नसीब नहीं हुई और वे बार-बार कार्यालयों के चक्कर काटते रहे.
अधिकारियों का बयान: कार्रवाई से पहले शासन को जाएगी रिपोर्ट
पहले दिन की जांच के बाद ज्वॉइंट डायरेक्टर ग्राम विकास संजय कुमार पांडेय ने मीडिया से कहा कि पंचायत में किए गए विकास कार्यों की गहन पड़ताल की गई है और प्रारंभिक स्तर पर कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं. उन्होंने साफ किया कि पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी.
वहीं सीडीओ पवन कुमार मीणा ने मीडिया रिपोर्ट्स में बताया कि शिकायत के बाद शासन स्तर से जांच कराई गई है. लखनऊ से आई टीम ने आवास और अन्य योजनाओं की स्थिति की बारीकी से जांच की है. रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जिले के इतिहास की सबसे बड़ी पंचायत स्तरीय जांच
302 मजरों वाली सरकंडी पंचायत में हुई यह कार्यवाही जिले के इतिहास की सबसे बड़ी पंचायत स्तरीय जांच मानी जा रही है. प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस स्तर पर हुई पड़ताल ने पूरे सिस्टम को हिला दिया है. अब सबकी निगाहें शासन की उस रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि भ्रष्टाचार के इस गढ़ पर आखिरकार गाज कब गिरेगी.