UP Fatehpur News: फतेहपुर में घर के बाहर सो रहे युवक की हत्या में 9 साल बाद फैसला ! कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में बिंदकी क्षेत्र में 2015 में सोते समय युवक राघवेंद्र की बांका से हत्या के मामले में एडीजे कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया. आरोपी पड़ोसी सुधीर यादव को कोर्ट ने उम्रकैद और 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

Fatehpur Court News: यूपी के फतेहपुर जिले में नौ साल पुराने हत्याकांड में आखिरकार इंसाफ हुआ है. 21 जून 2015 की रात घर के बाहर सो रहे 20 वर्षीय राघवेंद्र की बांका से बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. मामले में आरोपी सुधीर यादव को उम्रकैद और 40 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. नौकर की गवाही और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
पुरानी रंजिश में गई युवक की जान, रात में बांका से हमला
वारदात फतेहपुर (Fatehpur) के बिंदकी कोतवाली (Bindki Kotwali) क्षेत्र के सदान बदान का पुरवा गांव की है. 20 वर्षीय राघवेंद्र यादव 21 जून 2015 की रात अपने घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था. उसी दौरान रात करीब 11 बजे पड़ोसी सुधीर यादव ने पुरानी रंजिश में बांका लेकर उस पर हमला कर दिया.
राघवेंद्र को संभलने का मौका तक नहीं मिला और वह मौके पर ही लहूलुहान होकर गिर पड़ा. हमले में गंभीर चोटें आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि विवाद तीन महीने पहले हुए झगड़े से जुड़ा था, जिसमें सुधीर ने राघवेंद्र को जान से मारने की धमकी दी थी.
100 मीटर दूर लेटे नौकर ने देखा पूरा मंजर, गवाही बनी निर्णायक
घटना के वक्त राघवेंद्र के घर का नौकर तुषार बहेरा करीब 100 मीटर दूर लेटा हुआ था. उसने अपनी आंखों से देखा कि सुधीर यादव हाथ में बांका लेकर आया और राघवेंद्र पर कई बार वार किए.
तुषार ने तुरंत पुलिस को जानकारी दी और बाद में कोर्ट में बतौर चश्मदीद गवाह गवाही दी. उसकी गवाही ही केस का टर्निंग पॉइंट बनी. उसने यह भी बताया कि घटना से पहले सुधीर और राघवेंद्र के बीच कई बार बहस और धमकी की बातें हुई थीं.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोली हत्या की परत, नौ गहरे घाव मिले
घटना के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. रिपोर्ट में राघवेंद्र के शरीर पर धारदार हथियार से कुल नौ गहरे घाव पाए गए. इन चोटों को ही मौत का कारण बताया गया. रिपोर्ट कोर्ट में बतौर महत्वपूर्ण सबूत पेश की गई.
रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हमला बहुत नजदीक से किया गया था और राघवेंद्र को बचाव का कोई मौका नहीं मिला. यह सब कोर्ट में अभियोजन पक्ष के लिए मजबूत आधार बने.
आरोपी की गिरफ्तारी के वक्त मिला था बांका
घटना के कुछ ही घंटों के भीतर पुलिस ने तुषार की निशानदेही पर आरोपी सुधीर यादव को गिरफ्तार कर लिया था. उसके पास से हत्या में प्रयुक्त बांका भी बरामद कर लिया गया था.
पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए हथियार भेजा, जिसमें राघवेंद्र का खून पाया गया. इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. पूरे मामले में पुलिस की तत्परता से केस मज़बूत हुआ.
ज्ञानेंद्र सिंह और विजय यादव समेत कई गवाहों की गवाही
कोर्ट में सुनवाई के दौरान गांव के अन्य कई लोगों की गवाही भी दर्ज की गई. इनमें ज्ञानेंद्र सिंह और विजय यादव जैसे गवाहों ने घटना से जुड़ी अहम जानकारियां दीं.
सभी ने बताया कि आरोपी और मृतक के बीच पहले से विवाद था और सुधीर अक्सर राघवेंद्र को धमकाता था. इन गवाहियों से कोर्ट में यह साबित हुआ कि हत्या योजनाबद्ध थी. अदालत ने गवाहों की बातों और सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया.
एडीजे कोर्ट ने सुनाया फैसला, उम्रकैद और 40 हजार जुर्माना
गुरुवार को एडीजे रामकिशोर तृतीय की अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई के बाद फैसला सुनाया. आरोपी सुधीर यादव को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
इसके अलावा कोर्ट ने उस पर 40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. मृतक के पिता राजेंद्र यादव ने कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बताया और कहा कि अब उनके बेटे की आत्मा की शांति का सुकून मिला है.