Kanpur Hair Transplant Death: हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले हो जाएं सावधान ! कानपुर में दो इंजीनियरों की अचानक हुई मौत
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में केशवपुरम की इंपायर क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद दो इंजीनियरों की संदिग्ध मौत हुई है. मार्च 2025 में विनीत दुबे की मौत के बाद नवंबर 2024 में मयंक कटियार की मौत का मामला सामने आया. आरोपी डॉक्टर फरार है, पुलिस जांच में जुटी है.

Kanpur Hair Transplant Death: यूपी के कानपुर में केशवपुरम स्थित इंपायर क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराने गए दो इंजीनियरों की मौत ने पूरे शहर को दहला दिया है. पहले मार्च 2025 में पनकी पावर हाउस में तैनात सहायक अभियंता विनीत दुबे की मौत हुई, और फिर मामला सामने आया कि कुछ महीने पहले नवंबर 2024 में फर्रुखाबाद (Farrukhabad) के युवा इंजीनियर मयंक कटियार की भी इसी क्लिनिक से इलाज कराने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. दोनों ही मामलों में एक ही महिला डॉक्टर अनुष्का तिवारी का नाम सामने आया है, जो फिलहाल फरार हैं और उनकी क्लिनिक पर ताला लटका हुआ है.
इंजीनियर विनीत दुबे की मौत के बाद हुआ खुलासा
13 मार्च 2025 को पनकी निवासी सहायक अभियंता विनीत दुबे, जो हाल ही में एचबीटीयू से पीएचडी पूरी कर चुके थे, अपने बढ़ते गंजेपन को लेकर चिंतित थे. सोशल मीडिया पर चल रहे हेयर ट्रांसप्लांट के विज्ञापनों से प्रभावित होकर उन्होंने केशवपुरम की इंपायर क्लीनिक में संपर्क किया.
ट्रांसप्लांट के दौरान इंजेक्शन दिए जाने के बाद विनीत की तबीयत बिगड़ गई. उनके चेहरे पर सूजन आ गई और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. डॉक्टर ने खुद किसी अनजान नंबर से विनीत की पत्नी को कॉल किया, लेकिन अपनी पहचान नहीं बताई और इलाज बीच में छोड़कर क्लिनिक बंद कर दिया.
15 मार्च को सर्वोदय नगर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान विनीत की मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने न तो सही इलाज किया और न ही समय पर कोई मेडिकल सपोर्ट दिया. शिकायतों के बावजूद पुलिस ने शुरुआत में कोई कार्रवाई नहीं की. आखिरकार मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के 54 दिन बाद FIR दर्ज की गई.
फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की हुई थी मौत
फर्रुखाबाद (Farrukhabad) निवासी 32 वर्षीय मयंक कटियार, जो पीएसआईटी कानपुर (Kanpur) से बीटेक करने के बाद एक निजी कंपनी में इंजीनियर थे, 18 नवंबर 2024 को उसी इंपायर क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट (Hair Transplant Death) के लिए पहुंचे थे. डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने सुबह उन्हें बुलाया और दोपहर दो बजे के करीब छोड़ा.
शाम को वह अपने छोटे भाई के साथ फतेहगढ़ स्थित घर पहुंचे, लेकिन रात करीब 12 बजे उनके सिर में असहनीय दर्द शुरू हुआ. डॉक्टर से संपर्क करने पर उन्होंने केवल इंजेक्शन और पट्टी ढीली करने की सलाह दी. अगले दिन चेहरे में सूजन और सीने में तेज दर्द की शिकायत पर स्थानीय चिकित्सकों से संपर्क किया गया, जिन्होंने कार्डियक कारणों से इनकार किया और दोबारा उसी डॉक्टर से मिलने को कहा.
19 नवंबर को मयंक की मौत हो गई. परिजन छह महीने तक थानों और अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. अंततः 2025 में पुलिस कमिश्नर से मिलकर FIR की मांग की गई, जिसके बाद रावतपुर थाने को जांच सौंपी गई.
क्लिनिक बंद कर फरार हुई डॉक्टर, पुलिस कर रही तलाश
मामले सामने आने के बाद से इंपायर क्लिनिक को बंद कर डॉक्टर फरार हो गई है. चार मंजिला बिल्डिंग में मौजूद इस क्लिनिक के बाहर लगे साइनबोर्ड और नेम प्लेट भी हटा दिए गए हैं. सुरक्षा गार्ड के मुताबिक, डॉक्टर अनुष्का तिवारी और उनके पति (जो दंत चिकित्सक बताए जा रहे हैं) पिछले कई दिनों से क्लिनिक नहीं आए हैं.
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की लापरवाही
दो मौतों के बावजूद अब तक डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआत से ही मामले को दबाने की कोशिश की और अब तक कोई स्पष्ट मेडिकल रिपोर्ट या पोस्टमॉर्टम निष्कर्ष भी साझा नहीं किया गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग पर भी गैरकानूनी रूप से चल रहे क्लिनिक पर कार्रवाई न करने का आरोप लग रहा है.