UP Panchayat Elections 2026: यूपी में पुराने नियमों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की तैयारी, जानिए क्या है शासन का मूड
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 2026 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पुराने नियमों के तहत कराए जाएंगे. परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया 2011 की जनगणना के आधार पर होगी. सभी वर्गों की महिलाओं को 33% आरक्षण मिलेगा. सरकार OBC आयोग के गठन की तैयारी कर रही है, जिससे आरक्षण व्यवस्था और पारदर्शी हो सके.

UP Panchayat Elections 2026: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2026 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर अहम तैयारियां शुरू कर दी हैं. पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने स्पष्ट किया है कि ये चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर पुराने नियमों से ही कराए जाएंगे. सभी वर्गों की महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा, जबकि चक्रानुक्रम व्यवस्था के तहत सीटों का आरक्षण हर चुनाव में बदला जाएगा.
पुराने नियमों के तहत होंगे चुनाव, 2011 की जनगणना होगी आधार
यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 में कराए जाएंगे और इसके लिए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि परिसीमन और आरक्षण 2011 की जनगणना के अनुसार ही होंगे. पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि फिलहाल नई जनगणना रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए पुराने आंकड़ों को ही आधार बनाकर वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा.
इससे पहले 2021 के पंचायत चुनावों में भी यही आधार मान्य था. चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी तरह नियमबद्ध तरीके से हो.
सभी वर्गों की महिलाओं को मिलेगा 33% आरक्षण, लागू होगी चक्रानुक्रम पद्धति
इसके साथ ही चक्रानुक्रम आरक्षण प्रणाली भी लागू की जाएगी, जिसके अनुसार हर चुनाव में आरक्षित सीटों की स्थिति बदलती रहेगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर क्षेत्र को समय-समय पर प्रतिनिधित्व का अवसर मिले और कोई एक क्षेत्र लगातार आरक्षित न रहे.
OBC आयोग के गठन की तैयारी, कैबिनेट से जल्द मिलेगी मंजूरी
सरकार पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए समर्पित आयोग के गठन की योजना बना रही है, ताकि पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था अधिक पारदर्शी हो सके. इस आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि पिछड़े वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व मिल सके.
हालांकि इस पर राजनीतिक चर्चा भी चल रही है, क्योंकि केंद्र सरकार ने हाल ही में जातिवार जनगणना कराने की घोषणा की है. ऐसे में नई जनगणना रिपोर्ट आने के बाद, अगली बार होने वाले चुनावों में उसी आधार पर आरक्षण तय किया जाएगा. फिलहाल राज्य सरकार कैबिनेट से इस आयोग के गठन को मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया में है.
विकास पर जोर, योजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश
चुनाव से पहले सरकार ने ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है. पंचायती राज मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर गांवों में चल रही योजनाओं की समीक्षा की और उन्हें तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा है.
मंत्री ने कहा कि गांवों में रहने वाले लोगों तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए चौपालों का आयोजन किया जाए. इसके अलावा पंचायत सहायकों और सफाईकर्मियों की उपस्थिति को आधार कार्ड आधारित व्यवस्था से जोड़ा जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्यक्षमता में सुधार होगा.
सफाईकर्मियों व पंचायत सहायकों की निगरानी होगी कड़ी
प्रदेश में लगभग एक लाख सफाईकर्मी और 57 हजार पंचायत सहायक कार्यरत हैं. मंत्री ने निर्देश दिया है कि गांवों में प्रतिदिन सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रहे और इसकी निगरानी नियमित रूप से की जाए. स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पंचायत उत्सव भवन, अंत्येष्टि स्थल, डिजिटल लाइब्रेरी जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
इसके साथ ही सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे कार्यों की नियमित समीक्षा करें और जहां भी गड़बड़ी मिले, वहां तत्काल कार्रवाई हो. विकास कार्यों की गति को तेज करने के लिए जिन जिलों में काम पिछड़ रहा है, वहां युद्धस्तर पर कार्य कराए जाएंगे.