Fatehpur News: फतेहपुर में लेखपाल आत्महत्या मामले में कानूनगो सहित दो पर मुकदमा. SDM को बचाने के लिए बदली गई तहरीर, शादी के घर मातम
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में शादी से एक दिन पहले लेखपाल सुधीर कुमार की आत्महत्या मामले में कानूनगो सहित दो लोगों पर केस दर्ज हुआ है. परिजन एसडीएम पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने तहरीर बदलवाई. आखिरकार पोस्टमार्टम करीब 30 घंटे बाद हो सका. लेखपाल संघ ने प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है.
Fatehpur News: फतेहपुर में लेखपाल की आत्महत्या का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. शादी से सिर्फ एक दिन पहले सुधीर कुमार ने काम के कथित दबाव में फांसी लगाकर जान दे दी, जिसके बाद परिजनों ने एसडीएम और कानूनगो पर गंभीर आरोप लगाए. देर रात तक चली खींचतान के बाद तहरीर बदली गई और एसडीएम का नाम हटा दिया गया, जिससे पूरे जिले में आक्रोश फैल गया.
एसडीएम का नाम हटवाने पर घंटों चला विवाद

प्रशासन लगातार एसडीएम को बचाने में लगा रहा और तहरीर बदलवाने का दबाव बनाता रहा. रातभर चली बातचीत नाकाम रही. बुधवार सुबह करीब 10 बजे तहरीर बदली गई और सिर्फ कानूनगो शिवराम व एक अज्ञात व्यक्ति पर उकसाने का केस दर्ज हुआ. इससे परिजनों और लेखपालों में और गहरी नाराजगी फैल गई.
शादी से पहले नहीं मिली छुट्टी , काम का दबाव और निलंबन की धमकी
अधिकारी निलंबन से इंकार कर रहे हैं, लेकिन परिवार का दावा है कि दबाव इतना अधिक था कि वह मानसिक रूप से टूट चुके थे. परिजनों का कहना है कि फांसी लगाने से कुछ देर पहले कानूनगो शिवराम घर पहुंचकर काम को लेकर डांट-डपट कर रहे थे, जिससे आहत होकर सुधीर ने यह कदम उठा लिया. शादी की खुशियां देखते ही देखते मातम में बदल गईं.
लेखपालों का फूटा गुस्सा कलम बंद हड़ताल का ऐलान
घटना के बाद जिले भर के लेखपाल प्रशासन के खिलाफ खुलकर सामने आ गए. बुधवार को बिंदकी तहसील में लेखपालों ने कलम बंद हड़ताल कर धरना दिया और एसआईआर का सारा काम रोक दिया. लेखपाल संघ ने साफ कहा कि जब तक एसडीएम पर कार्रवाई नहीं होती, वे काम नहीं करेंगे. संघ ने सदर तहसील में गुरुवार से अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी है. प्रदेश संगठन भी इस आंदोलन में कूद आया है और 28 नवंबर से प्रदेशभर में सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक धरना देने का फैसला किया गया है. इससे प्रशासनिक कामकाज पर बड़ा असर पड़ सकता है.
डीएम-एसपी भी पहुंचे थे लेकिन परिजन नहीं माने
मंगलवार देर रात डीएम रविंद्र कुमार और एसपी अनूप सिंह मृतक के घर पहुंचे. अधिकारियों ने परिवार को आठ लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक परिजन को नौकरी देने का भरोसा दिया. फिर भी परिजन एसडीएम का नाम हटाए जाने और मामले में संवेदनहीनता से बेहद नाराज रहे. बहन अमृता का कहना है कि अगर शादी के पहले भाई को छुट्टी मिल जाती, या काम का इतना दबाव न होता, तो यह घटना नहीं होती. परिवार लगातार न्याय की मांग कर रहा है.
प्रदेश संगठन ने उठाया संवेदनहीनता का मुद्दा
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के प्रदेश मंत्री विनोद कश्यप ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों के बदले हुए व्यवहार और संवेदनहीनता की शिकायत की है. पत्र में सुधीर की आत्महत्या का जिक्र करते हुए कहा गया कि यह घटना बताती है कि फील्ड स्टाफ किस तरह की परिस्थितियों में काम कर रहा है.
संघ ने मांग की है कि दिवंगत की मां को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए, एसआईआर की अंतिम तिथि आगे बढ़ाई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. तहसील अध्यक्ष कुलदीप पटेल ने कहा कि अब प्रदेश संगठन भी साथ है और संघर्ष तेज होगा.
