UP Journalist News: लखनऊ में सैकड़ों पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन ! पेंशन, इलाज, आवास समेत कई सूत्री मांगों को उठाया

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लखनऊ (Lucknow) में राज्यभर से जुटे सैकड़ों पत्रकारों ने अपनी लंबे समय से लंबित समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को एक मांगपत्र सौंपा. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक विशाल सिंह के माध्यम से भेजे गए इस ज्ञापन में पत्रकारों ने पेंशन, इलाज, आवास, मुआवजा और अन्य सुविधाओं देने की मांग की है.
UP Journalist News: यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार को एक बड़ी पत्रकार एकजुटता देखने को मिली जब राज्यभर से आए सैकड़ों मान्यता प्राप्त पत्रकारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को एक 6 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा.
सूचना निदेशक विशाल सिंह (IAS Vishal Singh) के माध्यम से दिए गए इस ज्ञापन में पेंशन योजना लागू करने से लेकर पत्रकार कॉलोनी, इलाज के लिए फंड, और आकस्मिक मृत्यु पर मुआवजा जैसी बुनियादी सुविधाओं को देने की प्रमुख मांगे रखी गईं हैं. पत्रकारों का कहना है कि जब तक सरकार पत्रकारों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता नहीं देती, तब तक जनसंपर्क और सरकारी योजनाओं के प्रचार में पत्रकार अपनी भूमिका पूरी तरह नहीं निभा सकते.
राजधानी में गूंजी पत्रकारों की आवाज, सौंपा 6 सूत्रीय मांग पत्र
राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक बार फिर पत्रकारों की पीड़ा और उनके हक की आवाज़ गूंजी. राज्य मुख्यालय समेत विभिन्न जनपदों से आए सैकड़ों मान्यता प्राप्त पत्रकारों ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक विशाल सिंह को एक ज्ञापन सौंपा, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित था.
पत्रकार पेंशन योजना लागू करने की मांग
ज्ञापन में सबसे प्रमुख मांग पेंशन व्यवस्था को लेकर रखी गई. पत्रकारों ने स्पष्ट कहा कि देश के कई राज्यों में पत्रकारों के लिए पेंशन की व्यवस्था पहले से है, जबकि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब तक लागू नहीं हो पाई है. वरिष्ठ और वृद्ध पत्रकारों के लिए यह सुविधा उनके अंतिम वर्षों में संबल बन सकती है. पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से इसे तत्काल प्रभाव से लागू कराने की मांग की है ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें.
एसजीपीजीआई में इलाज के लिए रिवॉल्विंग फंड
पत्रकारों ने चिकित्सा से जुड़ी समस्याओं का भी उल्लेख करते हुए कहा कि एसजीपीजीआई (SGPGI) में इलाज के दौरान मिलने वाली रिवाल्विंग फंड की सुविधा वर्तमान में तकनीकी अड़चनों के कारण बाधित हो गई है. इसके समाधान के लिए शासनादेश में संशोधन जरूरी है. पत्रकारों ने मांग की कि सूचना विभाग एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे, जो पत्रकारों के इलाज और स्वास्थ्य से संबंधित मामलों में मार्गदर्शन और मदद कर सके.
राज्य और जिला स्तर पर पत्रकार को आवास योजना
ज्ञापन में यह भी मांग रखी गई कि पत्रकारों के लिए एक सुनियोजित आवास योजना बजट सत्र से पहले लागू की जाए. पत्रकारों ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर आवास की स्थायी सुविधा से उन्हें रहने की स्थिरता और सुरक्षा मिलेगी, जो उनके कार्य को और बेहतर बनाएगा. पत्रकार कॉलोनी की मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
मृत्यु अथवा गंभीर दुर्घटना की स्थिति में तत्काल मुआवजा
पत्रकारों ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी सरकार से अपील की है. मांग पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि पत्रकारों के आकस्मिक निधन या गंभीर घायल होने की स्थिति में सरकार को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध करानी चाहिए. पूर्व में ₹20 लाख की राशि प्रदान की जाती रही है, जिसे फिर से बहाल करने की आवश्यकता है. पत्रकारों ने इसे मानवीय दृष्टिकोण से जरूरी बताया है.
आयुष्मान योजना में सुविधा बहाल करने की मांग
पत्रकारों को आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाली चिकित्सा सुविधाएं भी पिछले कुछ समय से बाधित हैं. ज्ञापन में कहा गया कि केंद्र की ओर से योजना में पत्रकारों को शामिल किया गया है लेकिन राज्यांश न जमा होने से कार्ड निष्क्रिय हो रहे हैं. पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस दिशा में त्वरित कार्रवाई कर राज्यांश जमा कराया जाए ताकि उनके परिवार को समय पर इलाज मिल सके.
जिलास्तरीय पत्रकार प्रशासन समन्वय समिति की पुनर्स्थापना
ज्ञापन के अंत में पत्रकारों ने जिलास्तर पर पूर्व में गठित पत्रकार प्रशासन समन्वय समिति को पुनः सक्रिय करने की मांग की. यह समिति जनपद स्तर पर पत्रकारों की समस्याओं के समाधान में अत्यंत कारगर रही थी. पत्रकारों ने कहा कि वर्तमान समय में जब पत्रकारों को विभिन्न स्तरों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, तब एक ऐसी समिति की आवश्यकता अधिक महसूस होती है जो उनकी समस्याओं को समयबद्ध रूप से सुलझा सके.