UP Tirth Yatra Yojana 2025: यूपी में अब तीर्थ यात्रा करने के लिए मिलेंगे 10000 रुपए ! जानिए किसे और कैसे मिलेगा लाभ
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योगी सरकार (Yogi Govt) ने बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं के लिए दो नई तीर्थ यात्रा योजनाओं की घोषणा की है. 'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' और 'पंच तख्त यात्रा योजना' के तहत प्रदेश सरकार प्रति यात्री न्यूनतम ₹10,000 का अनुदान देगी. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को प्राथमिकता मिलेगी.

UP Tirth Yatra Yojana 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं को बड़ी सौगात दी है. सरकार ने दो नई तीर्थ यात्रा योजनाएं शुरू करने का फैसला किया है, जिनमें श्रद्धालुओं को 10,000 रुपए तक का आर्थिक सहयोग मिलेगा. 'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' और 'पंच तख्त यात्रा योजना' को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन योजनाओं को पूरी पारदर्शिता और सुविधा के साथ लागू किया जाए.
बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए ‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ शुरू
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ शुरू करने के निर्देश दिए. इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के बौद्ध श्रद्धालुओं को देशभर के बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा में सहयोग देना है.
योजना का संचालन आईआरसीटीसी के सहयोग से किया जाएगा और प्रत्येक श्रद्धालु को न्यूनतम ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस योजना के लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि तीर्थ यात्राएं केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक समरसता और आत्मिक विकास का माध्यम भी होती हैं.
सिख श्रद्धालुओं के लिए ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ लागू
इनमें श्री आनंदपुर साहिब (पंजाब), श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर, पंजाब), श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो, पंजाब), श्री तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब (नांदेड़, महाराष्ट्र) और श्री हरमंदिर साहिब (पटना साहिब, बिहार) शामिल हैं. योजना का संचालन भी आईआरसीटीसी की सहायता से होगा और प्रत्येक यात्री को ₹10,000 तक का अनुदान मिलेगा.
ऑनलाइन आवेदन और पारदर्शी चयन की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि दोनों योजनाओं के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होनी चाहिए ताकि अधिकतम पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके. इसके अलावा, चयन प्रक्रिया में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को वरीयता दी जाएगी.
आवेदन के दौरान कोई भी श्रद्धालु अपनी धार्मिक आस्था से जुड़े तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए पंजीकरण करा सकेगा. सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी श्रद्धालु आर्थिक कारणों से अपनी धार्मिक यात्रा से वंचित न रहे.
समावेशी विकास की दिशा में सरकार का एक और कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं न केवल धार्मिक आस्था को सम्मान देती हैं, बल्कि प्रदेश की समावेशी विकास नीति और "सबका साथ, सबका विकास" के विजन को भी सशक्त करती हैं.
तीर्थ यात्रा को आत्मिक उत्थान और सामाजिक एकता का जरिया मानते हुए सरकार ने इन योजनाओं को सभी वर्गों तक पहुंचाने की योजना बनाई है. इससे उत्तर प्रदेश की धार्मिक सहिष्णुता को भी एक नया आयाम मिलेगा.
पर्यटन और सांस्कृतिक सौहार्द को भी मिलेगा बढ़ावा
‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ और ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. इन योजनाओं से न केवल प्रदेश के श्रद्धालु लाभान्वित होंगे बल्कि देश के अन्य हिस्सों में उत्तर प्रदेश की सामाजिक और सांस्कृतिक छवि भी सशक्त होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये योजनाएं ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी जीवंत करेंगी.