UP Fatehpur News: फतेहपुर की SDM सस्पेंड ! तहसीलदार को अभयदान, बरमतपुर प्रकरण को लेकर शासन की कार्रवाई
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर जिले के बरमतपुर गांव में दिव्यांग अनिल का मकान बुलडोजर से गिराए जाने के मामले में शासन ने एसडीएम अर्चना अग्निहोत्री को सस्पेंड कर दिया है, जबकि कार्रवाई के आदेश देने वाले प्रभारी तहसीलदार अमरेंद्र सिंह पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे राजनीतिक संरक्षण का आरोप लगने लगा है.

UP Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में दिव्यांग अनिल कुमार का मकान गिराने की कार्रवाई पर सियासत गरमा गई है. लखनऊ तक गूंजे इस मामले में शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सदर एसडीएम अर्चना अग्निहोत्री को निलंबित कर दिया है. लेकिन कार्रवाई का असली आदेश देने वाले तहसीलदार अमरेंद्र सिंह पर कोई कदम न उठाए जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिससे मामले में राजनीति की बू आने लगी है.
बरमतपुर में बुलडोजर से उजड़ा था दिव्यांग अनिल का आशियाना
जिले के मलवां ब्लॉक अंतर्गत बरमतपुर गांव में 16 जुलाई को दिव्यांग अनिल कुमार के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया था. आरोप था कि मकान चकमार्ग पर बना था, लेकिन पीड़ित का कहना है कि केवल एक छोटा हिस्सा मार्ग में आ रहा था.
प्रशासन ने बिना उचित मापजोक और बिना नोटिस दिए पूरा मकान जमींदोज कर दिया, जिससे दिव्यांग अनिल और उसका परिवार बेघर हो गया. बताया जा रहा है कि प्रभारी तहसीलदार ने ही इस कार्रवाई के लिए आदेश दिया था.
लखनऊ तक पहुंचा मामला, विधायक और आयोग अध्यक्ष ने दिखाई सख्ती
इसके बाद बैजनाथ रावत ने खुद गांव जाकर दिव्यांग अनिल से मुलाकात की और प्रशासन की लापरवाही पर जमकर फटकार लगाई. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पीड़ित को पूरा न्याय दिलाया जाएगा.
लेखपाल कानूनगो हुए थे सस्पेंड, हटे थे घुरई लाल
घटना की जांच के बाद डीएम रविन्द्र सिंह ने कानूनगो जितेंद्र सिंह और लेखपाल आराधना को सस्पेंड कर दिया था. नायब तहसीलदार घुरई लाल राठौर को भी हटाकर भूलेख कार्यालय से अटैच कर दिया गया था. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश भी की गई थी. लेकिन प्रभारी तहसीलदार अमरेंद्र सिंह पर कार्रवाई ना होना सवालों के घेरे में है.
एसडीएम अर्चना अग्निहोत्री बनी राजनीति का शिकार
इस मामले में शासन ने गुरुवार को एसडीएम अर्चना अग्निहोत्री को निलंबित कर दिया है. लेकिन स्थानीय लोग मान रहे हैं कि उन्हें राजनीति का शिकार बनाया गया है. अर्चना अग्निहोत्री का नाम सिर्फ खानापूर्ति के लिए घसीटा गया, जबकि लोगों का कहना है कि इस प्रकरण में तहसीलदार पर कार्रवाई होनी चाहिए थी. लेकिन ‘पॉलिटिकल स्टंट’ के चलते केवल एसडीएम पर गाज गिरी है.