Viksit UP 2047: योगी सरकार मास्टर प्लान ! जिलाधिकारियों को जारी हुए निर्देश, हर परिवार से लिया जाएगा फीडबैक

Lucknow News In Hindi
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2047 तक राज्य को विकसित बनाने के लिए "विकसित उत्तर प्रदेश अभियान" शुरू किया है. इसके तहत सभी जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे गांव-गांव से फीडबैक लें. सरकार का लक्ष्य है कि हर परिवार से सुझाव लेकर एक व्यापक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाए.
Lucknow News In Hindi: उत्तर प्रदेश को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत बनाने के लिए योगी सरकार ने विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान की शुरुआत कर दी है. इस अभियान में जिलाधिकारियों को प्रेरक की भूमिका सौंपी गई है. गांव और शहरों में गोष्ठियों, प्रबुद्धजनों की बैठकों और क्यूआर कोड आधारित फीडबैक के जरिए सरकार जनता से सुझाव जुटा रही है.
समग्र विकास, आर्थिक नेतृत्व और सांस्कृतिक पुनर्जागरण पर होगा फोकस

दूसरा मिशन है आर्थिक नेतृत्व, जिसमें उद्योग, कृषि और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देकर यूपी को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर आर्थिक शक्ति बनाने की योजना है. तीसरा मिशन है सांस्कृतिक पुनर्जागरण, जिसके तहत परंपरा और आधुनिक तकनीक का संगम कर समाज और संस्कृति के उत्थान का प्रयास किया जाएगा.
तीन थीम के जरिए तय होगा भविष्य का रोडमैप
12 सेक्टर पर केंद्रित होगी विकास की दिशा
सरकार ने विकास को आगे बढ़ाने के लिए 12 प्रमुख सेक्टर तय किए हैं. इनमें कृषि और संबद्ध विभाग, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी और उभरती टेक्नोलॉजी, पर्यटन एवं संस्कृति, नगर एवं ग्राम्य विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा व सुशासन शामिल हैं. इन सभी क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से काम कर सरकार एक संतुलित और व्यापक विकास मॉडल तैयार करना चाहती है.
जिलाधिकारियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभियान की सफलता में सभी जिलाधिकारियों को अहम भूमिका दी है. जिलाधिकारी प्रेरक की भूमिका निभाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि जिलों में अधिक से अधिक लोग अपना सुझाव दें. इसके लिए ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग की मदद से गांव और ब्लॉक स्तर पर गोष्ठियां आयोजित होंगी. डीएम के निर्देशों पर ही इन गोष्ठियों में लोगों से विकास के लिए फीडबैक लिया जाएगा.
प्रबुद्धजन करेंगे जिलों का दौरा और संवाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में 400 से अधिक प्रबुद्धजनों को संबोधित किया. अब यही प्रबुद्धजन 8 और 9 सितंबर को अपने-अपने आवंटित जिलों का प्रवास करेंगे.
वे छात्रों, शिक्षकों, किसानों, उद्यमियों, श्रमिक संगठनों और एनजीओ से मिलकर उत्तर प्रदेश के विकास के रोडमैप पर चर्चा करेंगे. उनके द्वारा संकलित सुझावों को नियोजन विभाग तक पहुंचाया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि हर परिवार से कम से कम एक फीडबैक प्राप्त हो.
डिजिटल प्रचार और क्यूआर कोड से जुड़ेंगे लोग
अभियान को लेकर सरकार ने व्यापक प्रचार-प्रसार की भी योजना बनाई है. सभी जिलों में तहसील और ब्लॉक स्तर पर बड़े पैमाने पर होर्डिंग्स लगाए जाएंगे. इन पर क्यूआर कोड अंकित होंगे, जिनके जरिए लोग सीधे ऑनलाइन अपना फीडबैक दे सकेंगे. इससे अधिक से अधिक नागरिक अभियान का हिस्सा बन सकेंगे और भविष्य के उत्तर प्रदेश की तस्वीर गढ़ने में अपनी भूमिका निभा पाएंगे.