Fatehpur News: फतेहपुर की मधुचंद्रा फैक्ट्री सीज ! प्रदूषण के चलते उठीं थीं आवाजें, 2.53 करोड़ की बकाएदारी पर बंद
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले के गोघरौली गांव स्थित मधुचंद्रा टेक्नोकेम प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री को एक्सिस बैंक ने ढाई करोड़ रुपये के बकाए पर सीज कर दिया है. फैक्ट्री पर भूजल को रासायनिक अपशिष्ट से प्रदूषित करने का भी आरोप है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह सीलिंग कार्रवाई एनजीटी की संभावित सजा से बचने की साजिश है.

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले के गोघरौली गांव में स्थित मधुचंद्रा टेक्नोकेम प्राइवेट लिमिटेड को शुक्रवार को एक्सिस बैंक ने करीब 2.53 करोड़ रुपये के बकाए पर सीज कर दिया. यह फैक्ट्री भूजल प्रदूषण के गंभीर आरोपों से पहले ही घिरी हुई है. फैक्ट्री से निकलने वाले रासायनिक अपशिष्ट के कारण गांव का पानी जहरीला हो चुका है और मामला एनजीटी (NGT News) में विचाराधीन है.
फैक्ट्री पर लगा भूजल प्रदूषण का गंभीर आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिले के चौडगरा औद्योगिक क्षेत्र के कानपुर-प्रयागराज हाईवे स्थित मधुचंद्रा टेक्नोकेम प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना गोघरौली गांव में वर्ष 2000 में की गई थी. यह फैक्ट्री मुख्य रूप से केमिकल उत्पादन में लगी थी.
ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री में केमिकल बनाने के दौरान निकलने वाले अपशिष्ट को गांव के आस-पास खुले में फेंका गया, जिससे इलाके का भूजल गंभीर रूप से प्रदूषित हो गया. जांच में सामने आया कि भूगर्भ जल में जहरीले रसायनों की मात्रा मानक से कई गुना अधिक पाई गई. इसी कारण गांव में बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ा.
एनजीटी की सक्रियता और प्रदूषण पर जनआंदोलन
विशेषज्ञों की टीमों ने फैक्ट्री और उसके आस-पास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया. रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि फैक्ट्री के कारण भूजल प्रदूषित हुआ है. मामला एनजीटी में विचाराधीन है और कभी भी फैक्ट्री पर भारी जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है.
बैंक रिकवरी टीम ने की सीलिंग की कार्रवाई
शुक्रवार को प्रयागराज से एक्सिस बैंक की टीम गोघरौली पहुंची. रिकवरी ऑफिसर श्रीशन शांडिल्य और क्षेत्रीय प्रबंधक अमोल सिंह के नेतृत्व में टीम ने पुलिस की मौजूदगी में फैक्ट्री के गेट पर सीलिंग नोटिस चस्पा किया.
इसमें बताया गया कि फैक्ट्री पर 2 करोड़ 53 लाख 31 हजार 985 रुपये की बकाएदारी है. यह राशि 10 फरवरी 2023 से लंबित थी और बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद फैक्ट्री मालिक की ओर से कोई जवाब नहीं मिला. अंततः बैंक ने इसे सीज करने का फैसला लिया.
फैक्ट्री में डंप है बड़ी मात्रा में अपशिष्ट पदार्थ
फैक्ट्री के अंदर बड़ी मात्रा में रासायनिक अपशिष्ट डंप है जो अब भी खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों का दावा है कि पिछले कुछ वर्षों में फैक्ट्री मालिक ने यहां से कई महंगी मशीनें हटवा दीं.
इसके अलावा श्रमिकों की नियुक्ति भी बंद हो चुकी थी. अंदेशा जताया जा रहा है कि फैक्ट्री मालिक ने जानबूझकर इसे बंद कर दिया ताकि वह भविष्य में एनजीटी के भारी जुर्माने से बच सके. ग्रामीण इस कार्रवाई को महज दिखावा बता रहे हैं.
ग्रामीणों में नाराजगी, सीलिंग पर उठे सवाल
फैक्ट्री की सीलिंग को लेकर गांव में चर्चा गर्म है. ग्रामीणों का कहना है कि यह सीलिंग सिर्फ कानूनी कार्रवाई से बचने का प्रयास है. उन्होंने आरोप लगाया कि फैक्ट्री मालिक एनजीटी के जुर्माने से बचने के लिए यह नाटक कर रहे हैं ताकि केस में राहत मिल सके. लोगों की मांग है कि फैक्ट्री में डंप रासायनिक अपशिष्ट को जल्द से जल्द हटवाया जाए और प्रदूषित जल की सफाई कराई जाए. साथ ही इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो.