Fatehpur Bindki News: फतेहपुर में सब्र का बांध टूटा भेड़-बकरियों सहित तहसील पहुंचा भाकियू ! जानिए क्या है पूरा मामला
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फतेहपुर (Fatehpur) के बिंदकी (Bindki) तहसील में किसानों की अनदेखी के विरोध में भाकियू कार्यकर्ताओं ने भेड़-बकरियों के साथ तहसील परिसर में प्रदर्शन कर दिया. पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो दो जगहों पर तीखी नोकझोंक हुई. बाद में SDM की पहल पर समस्याओं की सुनवाई हुई और समाधान का भरोसा मिलने पर कार्यकर्ता शांत हुए.

Fatehpur Bindki News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के बिंदकी तहसील में मंगलवार को किसानों का आक्रोश फूट पड़ा नौ दिन से लगातार धरने पर बैठे भाकियू (अराजनैतिक) कार्यकर्ताओं को प्रशासनिक अनदेखी का सामना करना पड़ा.
अधिकारियों की अनुपस्थिति से नाराज किसानों ने भेड़-बकरियों के झुंड के साथ तहसील की ओर कूच कर दिया. पुलिस के रोकने की कोशिश पर झड़प हुई, लेकिन आखिरकार SDM की पहल से मामला शांत हुआ.
सैकड़ों भेड़-बकरियों संग तहसील पहुंचे भाकियू कार्यकर्ता
भाकियू (अराजनैतिक) के खजुहा ब्लॉक अध्यक्ष अंगद सिंह की अगुवाई में किसान बिजली, पानी और अन्य स्थानीय मुद्दों को लेकर बीते नौ दिनों से कसियापुर बिजली उपकेंद्र पर धरना दे रहे थे. सोमवार शाम तक कार्यकर्ताओं ने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा. इससे नाराज होकर मंगलवार सुबह कार्यकर्ताओं ने भेड़-बकरियों के झुंड के साथ तहसील की ओर रुख कर दिया. यह दृश्य पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया.
भवानीपुर मोड़ और ललौली चौराहे पर पुलिस से तीखी झड़प
इसके बाद ललौली चौराहे पर तहसीलदार ने उन्हें रोकने की कोशिश की और समझाने का प्रयास किया. लेकिन भाकियू कार्यकर्ता अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटे और सीधा तहसील गेट पर पहुंच कर नारेबाजी शुरू कर दी.
SDM की पहल पर हुआ समाधान, समाधान का दिया भरोसा
स्थिति को बिगड़ता देख बिंदकी के उपजिलाधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला. उन्होंने सबसे पहले मवेशियों को तहसील परिसर से हटवाकर बड़े मैदान में भिजवाया, ताकि अव्यवस्था न फैले.
इसके बाद उन्होंने भाकियू नेताओं के साथ तहसील सभागार में बैठक की. बैठक में किसानों की सभी समस्याएं एक-एक कर सुनी गईं और हर मांग के समाधान का भरोसा दिया गया. दो घंटे तक चली बातचीत के बाद कार्यकर्ताओं ने अपना आंदोलन समाप्त किया और मवेशियों के साथ वापस लौट गए.
क्या हैं भाकियू की मुख्य मांगें जिन पर हुआ मंथन
धरना दे रहे किसानों की प्रमुख मांगों में सबसे पहली थी निचली गंगा नहर में पानी छोड़े जाने की, ताकि धान की रोपाई हो सके. दूसरी मांग बिजली ट्रिपिंग को बंद कराने की थी जिससे नलकूपों से सिंचाई बाधित हो रही थी. तीसरी मांग आदर्श नगर कॉलोनी में स्कूलों और घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को हटाने की थी.
चौथी शिकायत खाद की किल्लत को लेकर थी, जहां किसानों ने बताया कि सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है. पांचवीं और अहम मांग खजुहा ब्लॉक के गांवों में गंदगी और साफ-सफाई को लेकर थी, जिनकी ओर अब तक प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया था.
नहीं हुआ समाधान तो फिर होगा बड़ा आंदोलन
हालांकि SDM के आश्वासन के बाद फिलहाल मामला शांत हो गया, लेकिन भाकियू कार्यकर्ताओं ने साफ कहा है कि अगर इन मांगों का जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.
किसानों का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और सरकार व प्रशासन को किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देनी ही होगी. भाकियू ने चेतावनी दी कि दोबारा अगर उपेक्षा की गई तो अगला प्रदर्शन और बड़ा होगा.