Fatehpur News: 100 साल पुराने बालाजी मंदिर का क्या है प्रेतराज कनेक्शन? पिता-पुत्र ने मिलकर किया डबल मर्डर
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले के 100 साल पुराने बालाजी मंदिर में मंगलवार तड़के पुजारी कृष्ण गोविंद तिवारी और सेवादार अवधेश प्रजापति की ईंट से कूंचकर हत्या कर दी गई. आरोपी राजू पासवान और उसके बेटे चंद्रशेखर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

Fatehpur News: आस्था और इतिहास से भरे करीब 100 साल पुराने बालाजी मंदिर में उस समय दहशत का माहौल फैल गया, जब मंगलवार तड़के मंदिर परिसर में सो रहे मुख्य पुजारी कृष्ण गोविंद तिवारी (65) और उनके सेवादार अवधेश प्रजापति (50) की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे फतेहपुर जिले को हिला कर रख दिया.
बालाजी मंदिर एक सदी पुराना आस्था का प्रतीक
फतेहपुर (Fatehpur) के थरियांव थाना (Thariyao Thana) क्षेत्र के प्रयागराज-कानपुर हाइवे बिलंदा स्थित बालाजी मंदिर (Balaji Mandir Murder) न सिर्फ आध्यात्मिक केंद्र रहा है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक विरासत भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. स्थानीय निवासी दिलीप कुमार गुप्ता के पूर्वजों द्वारा बनाए गए इस मंदिर का पुनरुद्धार कानपुर के शनि मंदिर के पास रहने वाले बाबा 'प्रेतराज सरकार' ने लगभग एक दशक पहले किया था.
इसके बाद से मंदिर का स्वरूप पूरी तरह बदल गया और यह क्षेत्र में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बन गया. एकजुटता के इस केंद्र में मंगलवार तड़के ऐसा खौफनाक दृश्य सामने आया, जिसने इस पवित्र स्थल को अपराध की कालिख में रंग दिया.
तड़के चार बजे मंदिर में घुसा कातिल, ईंट से ताबड़तोड़ वार
बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में रात्रि विश्राम कर रहे पुजारी और सेवादार पर गांव के ही आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति राजू पासवान उर्फ टुट्टी ने उस समय हमला किया, जब वे गहरी नींद में थे. राजू ने एक हाथ में ईंट लेकर सोते हुए दोनों के सिर पर ताबड़तोड़ वार किए और उन्हें लहूलुहान अवस्था में मरा समझ कर छोड़कर फरार हो गया.
पुलिस जांच में सामने आया कि राजू का बायां हाथ 15 साल पहले बम बनाते समय उड़ गया था, बावजूद इसके उसने एक ही हाथ से यह बर्बर हमला कैसे किया? मंदिर में गांजे की मांग को लेकर हुए विवाद और पुजारी द्वारा मंदिर में प्रवेश से मना किए जाने को लेकर वह रंजिश पाले बैठा था.
पुजारी की मौके पर मौत सेवादार की अस्पताल में थमी सांसे
घटना की जानकारी तब हुई जब सुबह टहलते हुए एक ग्रामीण सरस मंदिर पहुंचा और दोनों को खून से लथपथ पाया. पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए. पुजारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सेवादार को गंभीर हालत में लखनऊ के KGMU अस्पताल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई.
घटनास्थल से आरोपी गिरफ्तार, बेटे का एनकाउंटर
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राजू पासवान को गांव से ही गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने कबूल किया कि मंदिर में आने से रोके जाने की खुन्नस में उसने हत्या की. राजू की निशानदेही पर पास के पीपल के पेड़ से खून से सनी ईंट भी बरामद की गई.
चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब राजू ने पुलिस को बताया कि इस हत्या में उसका बेटा चंद्रशेखर उर्फ लाला भी शामिल था. इसके बाद बीती रात पुलिस ने केशवपुर मोड़ पर मुठभेड़ में चंद्रशेखर को मुठभेड़ के दौरान घायल कर पकड़ा और उसके पास से पुजारी का मोबाइल, अवैध तमंचा और कारतूस बरामद किए.
अधिकारियों ने लिया घटनास्थल का जायजा
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी अनूप सिंह और आईजी अजय मिश्रा, डीएम रविंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की. इस जघन्य अपराध को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. डीएम व पुलिस अधिकारियों ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
गांव में मातम, मंदिर में ताले जैसी खामोशी
श्रद्धा और शांति का प्रतीक बालाजी मंदिर अब शोक और स्तब्धता का केंद्र बना हुआ है. ग्रामीणों ने मृतक पुजारी व सेवादार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रशासन से आरोपियों को कठोर सज़ा देने की मांग की है.