UP News: अच्युत की मौत या साजिशन हत्या? होटल में लटका मिला छात्र, परिजनों ने लगाए संगीन आरोप, पुलिस भी कटघरे में
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) निवासी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र अच्युत त्रिपाठी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. शव प्रयागराज के मेजा में होटल में फंदे से लटका मिला. परिजनों का आरोप है कि यह सुनियोजित हत्या है. पुलिस ने आरोपियों गिरफ्तार करते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने पर मुकदमा दर्ज किया है. लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं. पढ़ें पूरी ख़बर..

Fatehpur Khaga News: यूपी के फतेहपुर खागा (Fatehpur Khaga) निवासी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र अच्युत त्रिपाठी की प्रयागराज (Prayagraj) में रहस्यमयी मौत ने विश्वविद्यालय प्रशासन, स्थानीय पुलिस और छात्र राजनीति की जटिलताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया है.
मेजा थाना क्षेत्र के एक होटल में फंदे से लटका मिला यह होनहार छात्र हाल ही में नेट पास कर चुका था. परिजनों का दावा है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि एक रची गई साजिश है, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र, होटल संचालक और पुलिस की मिलीभगत शामिल है.
होटल में पार्टी के नाम पर बुलाया, फिर मिला फंदे पर झूलता शव
फतेहपुर (Fatehpur) खागा (Khaga) निवासी अच्युत त्रिपाठी (24) डायमंड जुबली हॉस्टल प्रयागराज में रहकर एम0ए0 की पढ़ाई कर रहा था. नेट की तैयारी के लिए उसने विश्वविद्यालय के हॉस्टल के बाहर एक प्राइवेट कमरा ले रखा था जिसमें वो पिछले तीन चार महीने से रह रहा था.
परिवार का आरोप है कि 28 अप्रैल को उनके ही हॉस्टल के पूर्व छात्र विपिन उपाध्याय उर्फ मोलू पंडित, अजय अरुण पांडेय, सोनू भभया और होटल संचालक शिवम मिश्रा ने पार्टी के बहाने मेजा स्थित ब्रदर्श होटल में बुलाया. अच्युत उस शाम परीक्षा देने के बाद आराम करने वाले थे, लेकिन इन्हीं दोस्तों के बुलावे पर होटल चले गए.
देर शाम जब उन्होंने अपने चचेरे भाई प्रत्युष को फोन कर लोकेशन भेजी और तुरंत बुलाया, तो यह साफ था कि वे किसी परेशानी में हैं. जब प्रत्युष होटल पहुंचा तो सभी आरोपी बाहर खाना खा रहे थे उसने भाई के बारे में पूछा तो पता चला वो कमरे में है. जैसे ही प्रत्युष कमरे में गया तो अच्युत का शव फंदे पर झूल रहा था. परिजनों का कहना है कि यह कोई आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है.
आरोपी ही लेकर पहुंचे अस्पताल, फिर हुए फरार
घटना के बाद विपिन उपाध्याय, अजय अरुण पांडेय, सोनू और ब्रदर्स होटल संचालक शिवम् मिश्रा अचेत अवस्था में अच्युत को बोलेरो गाड़ी में स्वरूपरानी हॉस्पिटल ले गए. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह महत्वपूर्ण है कि घटना स्थल में CCTV कैमरे मौजूद थे, लेकिन फुटेज गायब हैं.
परिजनों को शक है कि आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए घटना के तुरंत बाद कमरे की सफाई की और होटल संचालक शिवम मिश्रा ने भी साक्ष्य छिपाने में उनकी मदद की. अस्पताल पहुंचते ही आरोपी वहां से फरार हो गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है और पूछताछ चल रही है.
एसीपी मेजा रवि गुप्ता ने कहा कि छात्र अच्युत त्रिपाठी की मौत के मामले में मृतक के भाई की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. फिलहाल मामले की हर पहलू से गहनता से जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद सच सामने आ जाएगा और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस पर गंभीर आरोप: रिपोर्ट मनमर्जी से लिखी, साक्ष्य मिटाने की अनदेखी
मृतक के बड़े भाई भाजपा नेता जनार्दन त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि मेजा थाना प्रभारी राजेश उपाध्याय ने रिपोर्ट को जानबूझकर आत्महत्या की दिशा में एफआईआर मोड़ दिया.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी मूल एफआईआर में हत्या की धाराएं जोड़ने की बात की गई थी, लेकिन पुलिस ने जबरन तहरीर बदलवाकर सिर्फ आत्महत्या के लिए उकसाना और साक्ष्य मिटाने की धाराएं ही लगाई. परिजनों का कहना है कि पुलिस जानबूझकर आरोपियों को बचाने में लगी है और निष्पक्ष जांच की कोई मंशा नहीं दिख रही.
मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, की गई SIT जांच की मांग
फतेहपुर (Fatehpur) के भाजपा खागा मंडल के महामंत्री जनार्दन त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजकर इस पूरे मामले की विशेष जांच टीम (SIT) से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा कि मृतक अच्युत एक पुराने केस में गवाह था, जिसमें आरोपी विपिन और अजय उसे गवाही से रोकना चाहते थे.
इसी कारण उसे धमकाया जा रहा था और मानसिक दबाव बनाया गया. पत्र में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं और सीबीसीआईडी या उच्च न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी किसी ने कोई मदद नहीं की है. पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और जनमानस का समर्थन भी मिल रहा है.
खागा में कैंडल मार्च: न्याय के लिए उठी एकजुट आवाज
मृतक अच्युत त्रिपाठी की मौत से आहत परिजनों, स्थानीय नागरिकों और छात्र संगठनों ने शुक्रवार शाम खागा कस्बे में कैंडल मार्च निकाला. मार्च में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, भाजपा नेता अखिलेश पांडेय और आम लोग शामिल हुए.
हाथों में मोमबत्तियां और पोस्टर लेकर लोगों ने न्याय की मांग की “अच्युत को न्याय दो”, “हम हत्यारों को सज़ा दिलाएंगे” जैसे नारे लगाते हुए लोग खागा बाजार से तहसील तक पैदल चले. मृतक के भाई ने एलान किया कि यदि जल्द जांच में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा. पूरे कस्बे में दुख और गुस्से का माहौल है.