Lucknow News: लखनऊ में फर्जी जॉब कॉल सेंटर का पर्दाफाश ! नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी, 5 युवतियों समेत 9 गिरफ्तार
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लखनऊ (Lucknow) पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है, जो एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था. सरोजनीनगर और बंथरा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 5 युवतियों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों से लैपटॉप और मोबाइल बरामद हुए हैं.

Lucknow News: अगर आपके पास किसी कंपनी से कॉल आकर एयरलाइंस में नौकरी देने का लालच दिया जाए तो सावधान हो जाइए, क्योंकि लखनऊ में पुलिस ने ऐसे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों से मोटी सैलरी का झांसा देकर पैसे ऐंठता था. इस गिरोह में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 5 युवतियां भी शामिल हैं.
आउटर रिंग रोड के पास चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर
लखनऊ (Lucknow) के आउटर रिंग रोड स्थित कानपुर (Kanpur) अंडरपास के पास एक इमारत के पहले माले पर फर्जी कॉल सेंटर का संचालन हो रहा था. सरोजनी नगर और बंथरा थाना पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद से इस कॉल सेंटर पर छापा मारा.
यहां 'स्काई नेट इंटरप्राइजेज' के नाम से बोर्ड लगा मिला, लेकिन अंदर दो अलग-अलग फर्जी कॉल सेंटर चल रहे थे. जब पुलिस ने भीतर प्रवेश किया, तो कुछ युवक और युवतियां लैपटॉप व मोबाइल के जरिए कॉलिंग में व्यस्त थे. पुलिस की अचानक दबिश से अंदर हड़कंप मच गया और कई आरोपी भागने की कोशिश में थे.
नौकरी का लालच देकर लोगों से ठगी
एक बार पैसा मिल जाने के बाद उन्हें ऑनलाइन फर्जी नियुक्ति पत्र भेज दिए जाते थे. यदि कोई व्यक्ति अधिक जानकारी मांगता या शक जाहिर करता, तो उसका नंबर तुरंत ब्लॉक कर दिया जाता, जिससे वह दोबारा संपर्क न कर सके.
नोएडा से खरीदा जाता था डाटा, हर कॉलर को मिलते थे 100 CV
इस फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को हर महीने 8 से 10 हजार रुपए की सैलरी दी जाती थी. ये लोग नोएडा की एक एजेंसी से हर महीने 15 हजार रुपए में डेटा खरीदते थे.
इस डेटा में ऐसे लोगों की डिटेल्स होती थीं, जो नौकरी की तलाश में थे. हर कॉलर को रोजाना 100 सीवी उपलब्ध कराए जाते थे, जिनके जरिए वे अपने शिकार चुनते थे. ये कॉलर बड़े ही पेशेवर अंदाज़ में बात करते थे ताकि लोगों को कोई शक न हो.
भारी मात्रा में मोबाइल और लैपटॉप बरामद
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम कुलदीप, प्रियंका, शालू, आँचल शर्मा, अजय प्रताप सिंह, संतोष, ब्रशाली सिंह और आरती सिंह हैं.
पुलिस ने इनके पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं, जिनका उपयोग ठगी की गतिविधियों में किया जा रहा था. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह बीते कई महीनों से सक्रिय था और देशभर के सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है.
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस को शक है कि इस गिरोह में और भी कई लोग शामिल हैं, जो अलग-अलग शहरों से ऑपरेट कर रहे हो सकते हैं. पूछताछ के दौरान कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर पुलिस बाकी सदस्यों की तलाश में जुट गई है.
कॉल सेंटर में इस्तेमाल हुए फर्जी दस्तावेज, बैंक अकाउंट और ट्रांजैक्शन की जांच के लिए साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल पर नौकरी के नाम पर पैसे न भेजें और तुरंत नजदीकी थाने में इसकी शिकायत करें.