Mock Drill In UP: सायरन बजते ही अंधेरे में डूबा शहर और सीओ जमीन पर लेट गए ! फतेहपुर में मॉकड्रिल ने रचा युद्ध का मंजर
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए बुधवार शाम मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. धमाके, ब्लैकआउट और सायरनों के बीच फायर ब्रिगेड, पुलिस व एम्बुलेंस की त्वरित प्रतिक्रिया दिखाई गई. सीओ सिटी खुद जमीन पर लेटकर लोगों को जागरूक करते दिखे.

UP Fatehpur Mock Drill: यूपी के फतेहपुर में बुधवार शाम 4 बजे का वक्त था. अचानक एक तेज धमाके की आवाज गूंजी, बिजली कट गई, और पूरे फतेहपुर शहर में सायरनों की गूंज फैल गई. एक पल को ऐसा लगा मानो देश पर हमला हो गया हो.
लेकिन यह किसी हमले की दहशत नहीं, बल्कि एक अत्यंत संगठित मॉकड्रिल थी—जिसे युद्ध जैसी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने की तैयारी के रूप में अंजाम दिया गया. राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) मैदान युद्धभूमि में बदल गया, जहां हर पल प्रशिक्षण और समर्पण की कहानी बुन रहा था.
जब मैदान बना रणभूमि, और अधिकारियों ने मोर्चा संभाला
GT रोड स्थित GIC मैदान में जैसे ही बम धमाके जैसी आवाज गूंजी, पूरा इलाका सायरनों से थर्रा उठा. फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियां हवा चीरती हुई मैदान में पहुंचीं. मैदान में मौजूद छात्र, शिक्षकों और आम लोगों को तुरंत जमीन पर लेटने, सिर ढकने और सुरक्षित स्थानों की ओर जाने का अभ्यास कराया गया.
सबसे प्रभावशाली दृश्य तब देखने को मिला, जब सीओ सिटी सुशील दुबे खुद जमीन पर लेट गए. कानों पर हाथ रखकर उन्होंने युद्ध जैसी परिस्थिति में ज़मीन पकड़ने और खुद को बचाने का तरीका दिखाया. उनका साहसिक प्रदर्शन सभी के लिए प्रेरणादायक रहा.
10 सेकंड में एम्बुलेंस की एंट्री, सटीक प्रदर्शन
धमाके के बाद जैसे ही घायल छात्र ज़मीन पर गिरे, मात्र 10 सेकंड में एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई. एनसीसी कैडेट्स और रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों ने घायल बने छात्रों को स्ट्रेचर और कंधों के सहारे उठाया. उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और तय प्रक्रिया के तहत अस्पताल ले जाने की कार्यवाही का प्रदर्शन किया गया. यह दृश्य महज़ अभ्यास नहीं, बल्कि एक जीवन रक्षक व्यवस्था की ताकत का सबूत था.
दमकल टीम ने बुझाई आग, बम डिस्पोजल टीम ने दिखाया साहस
ड्रिल का अगला चरण और रोमांचक था. मैदान में कृत्रिम आग लगाई गई. धमाके की जगह से आग उठती दिखाई दी, जिसे फायर ब्रिगेड ने मुस्तैदी से बुझाया. इसी दौरान बम निरोधक दस्ते ने बिना फटे पड़े बमों को डिफ्यूज करने का प्रदर्शन किया. हर कदम, हर क्रिया इतनी वास्तविक थी कि देखने वाले एक पल को भूल गए कि ये केवल अभ्यास है.
'जय हिंद' के नारों से गूंजा मैदान, प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण
रेड क्रॉस सोसायटी के डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों और उपस्थित लोगों में जोश भरने के लिए "जय हिंद" और "वंदे मातरम" के नारों का उद्घोष कराया. माहौल देशभक्ति से भर उठा. इसके बाद मेडिकल टीम ने लोगों को CPR देने की प्रक्रिया, प्राथमिक उपचार की विधियां और घायलों की तत्काल सहायता कैसे करें—ये सब सिखाया. इस भागीदारी में छात्राओं ने विशेष रुचि दिखाई और हर स्टेप को गंभीरता से सीखा.
प्रशासन, छात्र और समाज की अभूतपूर्व भागीदारी
इस अभ्यास में ADM वित्त एवं राजस्व अविनाश त्रिपाठी, ADM न्यायिक धीरेंद्र प्रताप, ASP विजय शंकर मिश्र, CFO उमेश गौतम, रेड क्रॉस से डॉ. अनुराग श्रीवास्तव व संजय श्रीवास्तव, बजरंग दल से धर्मेंद्र सिंह, विहिप से विजय शंकर समेत बड़ी संख्या में अधिकारी, स्वयंसेवी संगठन और स्कूली छात्र-छात्राएं शामिल रहे.
ADM त्रिपाठी ने बताया कि यह अभ्यास भारत सरकार के गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर कराया गया. मकसद यही था कि आम जनता को जागरूक किया जाए और युद्ध जैसी स्थितियों में डर के बजाय प्रतिक्रिया की क्षमता विकसित की जाए.