Fatehpur Akhilesh Yadav News: फतेहपुर पहुंचे अखिलेश यादव ! मृतक लेखपाल के परिजनों को दी आर्थिक सहायता, कहा BJP के अधिकारी हैं नहीं दर्ज होगा मुकदमा
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आत्महत्या करने वाले लेखपाल सुधीर कोरी के परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया. उन्होंने दो लाख रुपये की आर्थिक मदद दी और आरोपी अधिकारी पर मुकदमा न होने पर योगी सरकार को घेरा. अखिलेश ने कहा कि आरोपी BJP के अधिकारी हैं, इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है.
Fatehpur Akhilesh Yadav News: फतेहपुर के खजुहा कस्बे में मृतक लेखपाल सुधीर कोरी के घर पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने परिजनों से मुलाकात कर आर्थिक सहायता दी और भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आरोपियों के BJP से जुड़े होने के कारण मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा है. अखिलेश ने परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ने का वादा भी किया.
अखिलेश के पहुंचे ही फफक कर रोए परिजन

उन्होंने वहीं दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता सौंपी और कहा कि यह मदद शुरुआत है, पार्टी आगे भी हर संभव सहयोग करेगी. इस दौरान परिजनों ने बताया कि सुधीर लगातार मानसिक दबाव में था और अधिकारियों की धमकी से टूट चुका था. अखिलेश ने उनकी बातें ध्यान से सुनीं और आश्वासन दिया कि इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी.
BJP पर तीखा वार और कार्रवाई पर सवाल
उन्होंने यह भी कहा कि यह वही सिस्टम है जहां पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटकता है और दोषी सत्ता की ढाल में सुरक्षित रहते हैं. उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर कब तक कर्मचारियों को धमकाकर काम करवाया जाएगा और प्रशासनिक दबाव में युवाओं की जान जाएगी. अखिलेश ने साफ कहा कि सपा इस मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाएगी और दोषियों को बचने नहीं देगी.
मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग तेज
अखिलेश यादव ने मृतक सुधीर कोरी के परिवार की स्थिति देखते हुए सरकार से मांग की कि आश्रितों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए और परिवार के किसी सदस्य को तुरंत सरकारी नौकरी प्रदान की जाए. उन्होंने कहा कि सुधीर की मौत कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि सरकारी दबाव और धमकियों का नतीजा है. ऐसे में सिर्फ सांत्वना काफी नहीं है, परिवार को वास्तविक मदद की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी ने घर जाकर धमकी दी और मीटिंग में बर्खास्तगी की बात कही, उसके खिलाफ तुरंत हत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज होना चाहिए. साथ ही भाजपा के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार यदि न्याय नहीं देगी तो कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जाएगा और यह मामला प्रदेशव्यापी मुद्दा बन सकता है.
SIR के दबाव में टूटे सुधीर की दर्दनाक कहानी
28 वर्षीय सुधीर कुमार कोरी बिंदकी तहसील में लेखपाल थे और SIR प्रक्रिया के दौरान उन्हें जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में सुपरवाइजर बनाया गया था. परिवार के अनुसार 26 नवंबर को उनकी बारात जानी थी जिसके लिए उन्होंने छुट्टी मांगी थी, लेकिन ERO ने मीटिंग में निलंबन और बर्खास्तगी की चेतावनी देते हुए दबाव बनाया.
आरोप है कि कानूनगो घर तक पहुंच गया और धमकी देकर कहा कि छुट्टी लेने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. शादी के सिर्फ एक दिन पहले, इस दबाव और अपमान से टूटकर सुधीर ने 25 नवंबर की सुबह फांसी लगा ली. परिवार का कहना है कि अगर अधिकारियों ने मानसिक प्रताड़ना न दी होती तो सुधीर आज जिंदा होते. यह घटना पूरे जिले में प्रशासनिक तंत्र की क्रूरता का प्रतीक बन गई है.
कर्मचारी संगठनों में भारी आक्रोश
घटना के बाद लेखपाल संघ, कानूनगो संगठन और अन्य कर्मचारी यूनियनों में उबाल है. सभी संगठनों का कहना है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर अधिकारियों ने सुधीर को प्रताड़ित किया, इसलिए यह आत्महत्या नहीं बल्कि प्रशासनिक दबाव से हुई मौत है. संगठनों ने मांग की है कि आरोपी अधिकारियों पर हत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया जाए और SIR जैसी मनमानी प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाए.
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो जिला ही नहीं पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा. कर्मचारियों का कहना है कि सुधीर की मौत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कर्मचारी नौकरी करें या अधिकारियों की दबंगई का शिकार बनते रहें. पूरे प्रकरण ने सरकारी मशीनरी की संवेदनहीनता को खुलकर सामने ला दिया है.
