Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

ADVERTISEMENT

Fatehpur News: फतेहपुर के पानी में घुला ज़हर ! एनजीटी ने दिखाई सख्ती, मुख्य सचिव को दी निगरानी की जिम्मेदारी

Fatehpur News In Hindi

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले के औंग क्षेत्र के गोधरौली, आशापुर, अभयपुर और बनियनखेड़ा गांवों में भूजल गंभीर रासायनिक प्रदूषण का शिकार हो चुका है. यहां लोगों के खून में क्रोमियम और मरकरी जैसे जहरीले तत्व मिले हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस पर सख्ती दिखाते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है और मुख्य सचिव को निगरानी की सीधी जिम्मेदारी दी है.

Fatehpur News: फतेहपुर के पानी में घुला ज़हर ! एनजीटी ने दिखाई सख्ती, मुख्य सचिव को दी निगरानी की जिम्मेदारी
फतेहपुर के गांवों से निकल रहा प्रदूषित पानी (गोधरौली से निकलता पानी फाइल फोटो युगान्तर प्रवाह) दाएं प्रतीकात्मक फोटो: Image Credit Original Source
ADVERTISEMENT

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में एक और आपदा से लोग जूझ रहे है. औंग क्षेत्र के कई गांवों में भूजल में क्रोमियम और मरकरी जैसे खतरनाक रसायनों की मौजूदगी से स्थानीय निवासियों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इसे बेहद गंभीर मामला मानते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है और साफ निर्देश दिए हैं कि अब कोई टालमटोल नहीं चलेगा.

पूरे मामले की निगरानी राज्य के मुख्य सचिव स्वयं करेंगे और हर सिफारिश पर तय समय सीमा में कार्रवाई की जाएगी. आपको बतादें कि फैक्ट्री से निकलने वाले रसायनिक वेस्ट से कई गांवों का पानी प्रदूषित हो गया है.

ग्रामीण इलाकों में मिला जहरीला क्रोमियम और मरकरी

जिले के औंग क्षेत्र के चार गांव—गोधरौली, आशापुर, अभयपुर और बनियनखेड़ा—भूजल प्रदूषण की गंभीर चपेट में हैं. एक हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि इन गांवों के निवासियों के खून में क्रोमियम और मरकरी जैसे घातक रसायन पाए गए हैं.

एनजीटी के निर्देश के बाद की गई जांच में 44 लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 32 के खून में क्रोमियम और एक में मरकरी की उपस्थिति पाई गई है. यह स्थिति न सिर्फ स्थानीय स्वास्थ्य पर खतरा बन गई है, बल्कि राज्य सरकार की जल आपूर्ति और प्रदूषण नियंत्रण नीति की पोल भी खोल रही है.

Read More: UP Jal Nigam News: 6 महीने से वेतन-पेंशन से वंचित जल निगम कर्मियों ने बांधी काली पट्टी, फतेहपुर समेत पूरे यूपी में मौन प्रदर्शन

एनजीटी ने लगाई फटकार, कहा-अब नहीं चलेगा टालमटोल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इस गंभीर जल प्रदूषण मामले में राज्य सरकार की लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई है. एनजीटी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा. स्वास्थ्य, स्वच्छ जल आपूर्ति और प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी हर सिफारिश के क्रियान्वयन के लिए समय सीमा तय की जाए. इसकी निगरानी स्वयं राज्य के मुख्य सचिव करेंगे. ट्रिब्यूनल ने इस मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को निर्धारित की है, जिससे पहले ठोस कदम उठाए जाने अनिवार्य होंगे.

Read More: Fatehpur News: फतेहपुर में रिटायर्ड फौजी के इंजीनियर बेटे ने घर में घुसी गाय को काट डाला ! फैला तनाव, पुलिस ने किया गिरफ्तार

मानक से कम जल आपूर्ति पर जताई चिंता, हर व्यक्ति को 135 लीटर शुद्ध जल का निर्देश

सर्वे रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि प्रभावित क्षेत्रों में जल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित है. अभी भी गोधरौली गांव के 30 परिवार स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं. जहां 40-50 लीटर प्रति व्यक्ति जल आपूर्ति हो रही है, वहीं एनजीटी ने जल आपूर्ति की न्यूनतम सीमा 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तय की है. ट्रिब्यूनल ने इस बात को गंभीरता से लिया और सरकार को निर्देशित किया कि सभी प्रभावित परिवारों तक तय मानक के अनुरूप शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाए.

Read More: Fatehpur News: फतेहपुर में सहकारी बैंक घोटाला ! लाखों की हेराफेरी करने वाले 5 आरोपी CID के हत्थे चढ़े, शाखा प्रबंधक फरार

जाजमऊ, राखीमंडी और रनियां में क्रोमियम डंपिंग बनी महामारी की जड़, एनजीटी ने जताई गहरी नाराजगी

फतेहपुर के अलावा कानपुर और कानपुर देहात के कई क्षेत्र भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. खासकर जाजमऊ, राखीमंडी और रनियां जैसे इलाकों में क्रोमियम डंपिंग और जल प्रदूषण विकराल रूप ले चुका है. एनजीटी ने इन क्षेत्रों में सरकार की अब तक की कार्रवाई को ‘गंभीरता से रहित’ करार दिया है और कहा है कि जब तक उच्च स्तर पर जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक सुधार संभव नहीं है.

मुख्य सचिव को सौंपी गई जिम्मेदारी, हर स्तर पर तय होगी जवाबदेही

एनजीटी ने इस गंभीर मामले की निगरानी की जिम्मेदारी सीधे मुख्य सचिव को सौंपी है. ट्रिब्यूनल ने कहा कि अब समय आ गया है जब केवल दिखावटी कार्रवाई की बजाय ज़मीनी स्तर पर ठोस और मापनीय कार्य किए जाएं. प्रमुख सचिव स्तर तक की जवाबदेही तय की गई है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक प्रभावित नागरिक को न केवल शुद्ध पेयजल मिले, बल्कि उनके स्वास्थ्य की भी समय-समय पर जांच हो. नीचे दिया गया वीडियो गोधरौली गांव का उस समय का है जब लोगों ने इसके लिए प्रदर्शन किया था वीडियो में साफ दिख रहा है कि लोग कैसे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं 

ADVERTISEMENT

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Gold Silver Price Today: आज सोने की कीमतों में हुआ उछाल ! चांदी फिसली, जानिए ताज़ा भाव Gold Silver Price Today: आज सोने की कीमतों में हुआ उछाल ! चांदी फिसली, जानिए ताज़ा भाव
9 जुलाई 2025 को सोने की कीमतों में फिर से तेजी दर्ज की गई है जबकि चांदी की दरों में...
Uttar Pradesh: यूपी में अब कैबिनेट मंत्री की नहीं सुनते अधिकारी ! योगी को पत्र लिख नंदी ने खोली पोल, सरकारी फाइलें हुईं गुमशुदा
आज का राशिफल 9 जुलाई 2025: मिथुन को मिलेगा धन लाभ, सिंह को संभालने होंगे रिश्ते
UPPCL Strike Today: बिजली कर्मियों की देशव्यापी हड़ताल ! निजीकरण के विरोध में उठेंगी 27 लाख आवाजें
Who Is Bhagwant Rai Khichi: कौन थे राजा भगवंतराय खींची जिन्हें आदिशक्ति का वरदान था ! अंतिम राजा विशेंद्र पाल सिंह जूदेव का निधन
आज का राशिफल 8 जुलाई 2025: मेहनत का मिलेगा फल, इन राशियों की चमकेगी किस्मत
Fatehpur News: फतेहपुर में नकली नोटों के साथ तीन गिरफ्तार ! गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे आरोपी, धरे गए

Follow Us