Fatehpur Pollution News: फतेहपुर में फैक्ट्री के प्रदूषण से लोग हुए बीमार, ग्रामीणों ने शुरू किया जन आंदोलन
यूपी के फतेहपुर में फैक्ट्री एरिया के आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में बीमारी के चपेट में आ रहे हैं, वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण और फैक्ट्री का केमिकल युक्त पानी ने लोगों का जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया. ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार में बैठे नेताओं और जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए जन आंदोलन शुरू कर दिया है. पढ़ें युगान्तर प्रवाह की Exclusive Report

हाईलाइट्स
- फतेहपुर में फैक्ट्रियां उगल रही हैं जहर पीने के पानी के लिए तरस रहे लोग
- फतेहपुर के गोधरौली में जल प्रदूषण से बड़ी तादात में लोग बीमार
- प्रदूषण से मुक्ति के लिए ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शुरू किया जन आंदोलन.
Fatehpur Pollution News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में बढ़ते प्रदूषण से लोगों जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया. फैक्ट्री एरिया के आसपास रहने वाले ग्रामीण इसकी चपेट में आने से बड़ी तादात में बीमारी का शिकार हो रहे हैं. क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ मवेशियों के लिए भी वहां का पानी जहरीला हो गया है. ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रदूषण के खिलाफ जन आंदोलन शुरू कर दिया है.
पंद्रह वर्षों से बनी हुई है प्रदूषण क्षेत्र की समस्या (Fatehpur Pollution News)
फतेहपुर के फैक्ट्री एरिया स्थित गोधरौली गांव में जलरीले पानी की वजह से लोगों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि पिछले पंद्रह सालों से यहां का पानी प्रदूषित है. नलों और बोरिंग का पानी पूरी तरह से दूषित है उस पानी को पीना तो दूर नहाने से भी कई तरह के चर्म रोगों की समस्या उत्पन्न हो रही है.
सपा के वरिष्ठ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता संतोष द्विवेदी बताते हैं कि फैक्ट्री एरिया के उद्योगपति, क्षेत्रीय नेताओं और जिला प्रशासन की मिलीभगत से यहां लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम इसके लिए लोगों को जागरूक करेंगे और इसके खिलाफ जिला प्रशासन को ज्ञापन भी देंगे और इसके बाद भी इस समस्या का निदान नहीं हुआ तो इसके लिए धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन भी किया जाएगा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता रमाकांत त्रिपाठी ने कहा कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल को ये लोग सीधे भूगर्म डाल देते हैं साथ ही वेस्टेज को तालाबों में डंप कर देते हैं जिससे आस पास के गांवों का पानी और वातारण प्रदूषित हो गया है. उन्होंने कहा कि अब ये आंदोलन एक जनसैलाब बन गया है या तो फैक्ट्री मालिक अपना ट्रीटमेंट प्लांट सही करा ले या फिर फैक्ट्री बंद कर दें.
शुद्ध पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण (Fatehpur Pollution News)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमायुक्त जीवन के लिए उत्तम स्वास्थ्य का भी अधिकार है और ये लोगों का मौलिक अधिकार भी है लेकिन निजी स्वार्थ के लिए फैक्ट्री मालिक भारतीय संविधान को भी भूल गए हैं.
एडवोकेट और क्षेत्रीय ग्रामीण लोकेश द्विवेदी बताते हैं कि उन्होंने इसके लिए काफी लड़ाई लड़ी है आगे वो बताते हैं कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को कई बार इसके लिए पत्र लिखे हैं लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं निकला है. लोकेश ने कहा कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से एक पत्र उन्हें प्राप्त हुआ था जिसमें कहा गया था कि फतेहपुर में 9 फैक्ट्रियों को एनओसी दी गई है. उन्होंने कहा कि इस फैक्ट्री एरिया में 20 से अधिक मात्रा में फैक्ट्री संचालित हैं. उन्होंने कहा कि यदि इसका समाधान नहीं निकला तो वो हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट तक जायेंगे.
वहीं गोधरौली के रहने वाले हरिमोहन द्विवेदी ने कहा कि जल ही जीवन है और पीने के लिए पानी ही नहीं है ऐसे में हम ग्रामीण क्या करें. क्या हमें अपना गांव छोड़ना पड़ेगा. हरिमोहन ने कहा कि हम लोग केमिकल के ढेर में बैठे हुए हैं और फैक्ट्री मालिक प्रशानिक अधिकारियों से मिल अपनी मनमानी कर रहे हैं