
UPPCL News: भ्रष्टाचार का अड्डा बना फतेहपुर का बिजली विभाग, 10000 की रिश्वत के साथ एंटी करप्शन के हत्थे चढ़े SDO और प्राइवेट कर्मी

UPPCL News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बिजली विभाग एक बार फिर भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गया है. विद्युत वितरण खंड प्रथम के SDO प्रेमचन्द्र यादव और उनके प्राइवेट मुंशी अतुल सिंह को एंटी करप्शन प्रयागराज टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. विभाग में पहले भी रिश्वतखोरी के कई मामले सामने आ चुके हैं.
Fatehpur UPPCL News: यूपी के फतेहपुर का बिजली विभाग अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है. यहां के अधिकारी और कर्मचारी उपभोक्ताओं से खुलेआम वसूली करने में लगे हैं. गुरुवार को एंटी करप्शन टीम प्रयागराज ने आबूनगर विद्युत वितरण खंड प्रथम के SDO प्रेमचन्द्र यादव और उनके निजी मुंशी अतुल सिंह को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. अतुल सिंह लंबे समय से अधिकारियों के लिए सेटिंग का काम करता चला आ रहा है.
शिकायतकर्ता की सूझबूझ से बेनकाब हुआ भ्रष्टाचार का खेल

ऑफिस में ही रिश्वत लेते पकड़े गए SDO और उनका मुंशी
निरीक्षक अंजली यादव के नेतृत्व में एंटी करप्शन प्रयागराज की टीम ने गुरुवार को ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया. जैसे ही शिकायतकर्ता ने तय रकम अतुल सिंह को सौंपी, टीम ने मौके पर ही दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. रिश्वत की रकम मौके से बरामद की गई. ट्रैप के दौरान निरीक्षक रविन्द्र सिंह, निरीक्षक अलाउद्दीन अंसारी, उपनिरीक्षक अर्जुन सिंह, मुख्य आरक्षी अनिरुद्ध कुमार, शशिकांत शर्मा, आरक्षी विकास पांडे, वेद प्रकाश मिश्र और योगेंद्र सिंह मौजूद रहे.
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पहले भी बिजली विभाग में उजागर हो चुके हैं रिश्वत के मामले
जिले का बिजली विभाग इससे पहले भी भ्रष्टाचार के कारण सुर्खियों में रहा है. विद्युत वितरण खंड द्वितीय बिंदकी में तैनात संविदा लिपिक अजीत सिंह को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा था. वहीं विद्युत वितरण उपखंड बिंदकी रोड, चौडगरा में तैनात रहे SDO अंशुल शर्मा को भी साल 2024 में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बावजूद विभाग में रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा.

उपभोक्ता बेहाल, विभाग में फैला भ्रष्टाचार अब भी जारी
आम बिजली उपभोक्ता लंबे समय से विभाग की लापरवाही और भ्रष्ट रवैये से परेशान हैं. गलत बिलिंग, फर्जी वसूली और शिकायतों की अनदेखी अब यहां आम बात हो चुकी है. कई बार अधिकारियों और कर्मचारियों को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा है, लेकिन विभाग का सिस्टम सुधरने को तैयार नहीं. उपभोक्ताओं का कहना है कि जब तक भ्रष्ट कर्मचारियों को कठोर सजा नहीं मिलेगी, तब तक यह गंदा खेल जारी रहेगा.