Fatehpur News: फतेहपुर में 2 करोड़ का बैंक घोटाला ! फर्जी खाता खोलकर ऐसे उड़ाई गई रकम, ऐसे हुआ खुलासा
Fatehpur News In Hindi
यूपी के फतेहपुर (Fatehpur) जिले में उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की गहरूखेड़ा शाखा में दो करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है. बैंक के ही एक कर्मचारी पर आरोप है कि उसने अपने माता-पिता और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर विभिन्न ऋण योजनाओं के जरिए यह रकम गबन की. मामले की आंतरिक जांच चल रही है और जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी.

Fatehpur Bank Scam: फतेहपुर जिले के गहरूखेड़ा स्थित उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की शाखा में करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. बैंक में कार्यरत एक कर्मचारी ने अपनी मां, पिता और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर केसीसी सहित विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग दो करोड़ रुपये का गबन कर डाला. फ्रॉड सामने आने के बाद आरोपी फरार है और बैंक ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है.
बैंक कर्मचारी ने रिश्तेदारों के नाम पर खोले खाते
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गहरूखेड़ा ब्रांच में कार्यरत बैंककर्मी ने योजनाबद्ध तरीके से फर्जीवाड़ा किया. उसने अपने मां-बाप और नजदीकी रिश्तेदारों के नाम पर करीब 12 फर्जी खाते खोले.
इन खातों में केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) और अन्य ऋण योजनाओं के अंतर्गत लोन पास कराया गया. बैंक अधिकारियों का कहना है कि यह सब बिना किसी संदेह के महीनों चलता रहा है. जब वित्तीय गड़बड़ियों की आंतरिक पड़ताल शुरू हुई, तब जाकर यह बड़ा घोटाला सामने आया.
दो करोड़ रुपये का घोटाला उजागर, बढ़ सकती है रकम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप कुमार इक्का के कहा कि, प्रारंभिक जांच में करीब दो करोड़ रुपये के गबन की पुष्टि हुई है. हालांकि, यह आंकड़ा अंतिम नहीं है और जांच के बाद यह रकम और भी अधिक हो सकती है. बैंक अधिकारी मानते हैं कि आरोपी ने बहुत ही सुनियोजित तरीके से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है और दस्तावेजों में हेराफेरी भी की गई है.
फ्रॉड सामने आते ही आरोपी कर्मचारी ने बनाई दूरी
जानकारी के मुताबिक आरोपी कर्मचारी ने खुद को बैंक से अलग कर लिया और अब वह फरार चल रहा है. बैंक प्रशासन का कहना है कि दो दिनों के भीतर जांच पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. बैंक ने साफ कर दिया है कि आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और सभी कानूनी प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी.
निगरानी तंत्र की कमजोरी से उठे सवाल
इस घोटाले ने बैंकिंग निगरानी व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है. ग्रामीण इलाकों में स्थित शाखाओं में ऐसे घोटाले दर्शाते हैं कि वहां पर उचित ऑडिट और सत्यापन प्रणाली नहीं अपनाई जा रही है. किस तरह एक ही कर्मचारी इतने सारे फर्जी खाते खोलकर करोड़ों की रकम निकाल सका, यह प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा उदाहरण है.
ग्रामीणों में रोष, बैंक की साख पर संकट
गहरूखेड़ा और आसपास के क्षेत्रों में बैंकिंग लेन-देन को लेकर लोगों में भय और नाराजगी का माहौल है. खाताधारक अब अपने बैलेंस और लोन स्टेटस को लेकर चिंतित हैं. इस घटना से उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की छवि पर गहरा असर पड़ा है और अब ग्राहकों का भरोसा बहाल करना बैंक के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.