UP Fatehpur News: जब दो महिलाओं ने नल-नील बन रिंद में बना दिया रामसेतु ! साहस और जज्बे ने रची नई रामायण
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले के कृपालपुर गांव की दो महिलाएं कलावती और सीमा देवी एक नई रामायण लिख रही हैं. रिंद नदी पर पिछले 30 सालों से प्रतीक्षित पुल के लिए उन्होंने खुद ही लकड़ी और बांस से एक अस्थायी पुल खड़ा करना शुरू किया है. यह अधूरा पुल अब सिर्फ रास्ता नहीं, बल्कि सरकार और व्यवस्था को आईना दिखाने वाला प्रतीक बन गया है. जिसकी गूंज राजधानी तक हो रही है.

UP Fatehpur News: जब भगवान राम को लंका जाना था, तब नल और नील ने समुद्र पर पुल बनाकर एक असंभव को संभव किया था. आज फतेहपुर (Fatehpur) की दो महिलाओं ने वही मिसाल ज़मीन पर उतार दी. फर्क सिर्फ इतना है कि ये रामसेतु अभी अधूरा है लेकिन इसकी शुरुआत ही इतनी बुलंद है कि पूरे इलाके की आँखें नम और सिर गर्व से ऊँचा हो गया है.
अधूरा पुल, लेकिन साहस से भरी उम्मीदों की नींव
जिले के देवमई ब्लॉक के कृपालपुर गांव के लोग तीन दशकों से पक्के पुल का सपना देख रहे हैं. हर चुनाव में वादे मिलते हैं लेकिन नदी हर साल जानलेवा साबित होती है. इसी दर्द ने कलावती और सीमा देवी को मजबूर किया कि वे खुद ही कुछ करें.
दोनों ने अब तक 80 हजार रुपये खर्च कर रिंद नदी पर लकड़ी और पोल से एक अस्थायी पुल बनाना शुरू किया है. भले ही यह अधूरा हो, लेकिन यह अब एक क्रांति बन चुका है.
हमारा पुल अधूरा है, क्योंकि सरकार को जगाना है
हर साल की बारिश बनती थी भय, अब बना उम्मीद का रास्ता
कक्षा 10 की छात्रा ज्योति बताती है कि गांव के करीब 300 बच्चे रोज नाव से स्कूल जाते हैं. बरसात में नाव डूबने का डर और माता-पिता की चिंता आम हो चुकी थी.
स्थानीय निवासी अमित कुमार कहते हैं, बचनीपुर, भैरमपुर, नरैनी, देऊरी बुजुर्ग समेत करीब 20 गांवों के लोग रोज रिंद नदी पार करते हैं. पुल नहीं होने से सबसे ज्यादा बच्चों, मरीजों और बुजुर्गों को परेशानी होती है.
गांव में दिखी एकता, मिलकर बनाएंगे पुल
महिलाओं की इस पहल से पूरा गांव एकजुट हो गया है. गांव की बैठक में तय हुआ कि हर ग्रामीण अपनी सामर्थ्य अनुसार सहयोग देगा. कोई 500 तो कोई 10 हजार देने को तैयार है. महेंद्र निषाद कहते हैं, ये सिर्फ पुल नहीं, हमारी चेतना की शुरुआत है. अब सरकार चाहे या न चाहे, ये पुल पूरा होगा.
ग्रामीणों के साहस के बाद जागा प्रशासन, खतरे का है पुल
गुरुवार को SDM बिंदकी दुर्गेश कुमार यादव मौके पर पहुंचे. उन्होंने स्पष्ट कहा, ग्रामीणों की मंशा सराहनीय है, लेकिन यह निर्माण तकनीकी रूप से अवैध और जानलेवा हो सकता है.
हमने राज्य सेतु निगम को प्रस्ताव भेजा है. अगले वित्तीय वर्ष में यहां 90 मीटर लंबा पक्का पुल बनाया जाएगा. SDM ने राजस्व लेखपाल अभय को निर्देश दिए हैं कि मौजूदा 4 नावों के अलावा और नावें लगाई जाएं ताकि लोगों की आवाजाही सुरक्षित हो सके.
विधायक बोले मुख्यमंत्री को कई बार पत्र लिखा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जहानाबाद विधायक राजेंद्र सिंह पटेल ने कहा, मैंने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और PWD विभाग को पत्र भेजकर इस पुल की ज़रूरत बताई है. फिलहाल डीएम से बात कर कुछ सहायता इस अस्थायी पुल को सुरक्षित रखने के लिए दिलाने की कोशिश कर रहा हूं.
वहीं सांसद नरेश उत्तम ने कहा, यह मामला अब संसद में उठाया जाएगा. पहले जैसी मनमानी नहीं चलेगी. जनता का कार्य होगा और यह पुल बनकर रहेगा. ये सिर्फ रास्ता नहीं, जनाक्रोश और आशाओं का प्रतीक बन गया है.