Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

Fatehpur News: फतेहपुर का छात्रवृत्ति घोटाला ! 42 साल बाद कोर्ट का फैसला, समाज कल्याण अधिकारी समेत कई रहे आरोपी

Fatehpur News: फतेहपुर का छात्रवृत्ति घोटाला ! 42 साल बाद कोर्ट का फैसला, समाज कल्याण अधिकारी समेत कई रहे आरोपी
फतेहपुर में अदालत के फैसले के बाद एडवोकेट प्राचित्य पौरव के साथ खड़े बुजुर्ग ओमप्रकाश श्रीवास्तव (तत्कालीन हरिजन कल्याण अधिकारी): Image Credit Original Source

Fatehpur News In Hindi

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में 42 साल बाद छात्रवृत्ति घोटाले पर फैसला आया. हरिजन कल्याण अधिकारी (समाज कल्याण अधिकारी) ओमप्रकाश श्रीवास्तव समेत पांच आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त हुए. मामला छिवलहा डिग्री कालेज से जुड़ा था जिसमें तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी योगेंद्रनाथ ने हथगाम थाने (Hathgam Thana) में मुकदमा दर्ज कराया था.

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में 42 साल पुराने छात्रवृत्ति घोटाले का फैसला हो गया है. मंगलवार को अदालत ने मामले में नामजद तत्कालीन हरिजन कल्याण अधिकारी (समाज कल्याण अधिकारी) ओमप्रकाश श्रीवास्तव समेत पांच आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया.

इस दौरान मुकदमे की सुनवाई में 32 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, लेकिन न्याय मिलने में इतनी देर हुई कि इस मुकदमे के वादी जिला प्रोबेशन अधिकारी योगेंद्रनाथ समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है. योगेंद्रनाथ ने अपनी अंतिम गवाही दर्ज कराई थी, जिसके बाद 2021 में उनका निधन हो गया.

1982 में हुआ था 5.42 लाख रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला

यह पूरा मामला 1982 का है, जब हथगाम थाना (Hathgam Thana) क्षेत्र के छिवलहा डिग्री कॉलेज में बीए बीएड अनुसूचित जाति के छात्रों के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर 5,42,473 रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप लगा था. इस मामले में तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी योगेंद्रनाथ ने मुकदमा दर्ज कराया था.

इस घोटाले में कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य कृष्णदत्त मिश्र, हरिजन कल्याण अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव और अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोपित बनाया गया था.

Read More: Fatehpur News: फतेहपुर में शुरू हुआ राजरानी हॉस्पिटल, सांसद नरेश उत्तम और पूर्व विधायक करन सिंह ने किया उद्घाटन

आरोप था कि कुल 431 छात्रों की छात्रवृत्ति स्वीकृत कराई गई, जिसमें से 209 छात्रों के नाम फर्जी पाए गए. इस गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद मामला पुलिस के संज्ञान में आया और 1982 में हथगाम थाने में केस दर्ज किया गया.

Read More: Fatehpur News: फतेहपुर में बीडीओ पर भड़का गुस्सा ! अमर्यादित भाषा के विरोध में रोजगार सेवकों का प्रदर्शन, सम्मान से समझौता नहीं

1998 में CBCID को सौंपा गया मामला, लंबी चली सुनवाई

इस मामले की जांच पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन 1998 में इसे CBCID को सौंप दिया गया. इसके बाद अलग-अलग समय पर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.

Read More: UP Teacher TET: यूपी में शिक्षकों की टीईटी अनिवार्यता पर योगी क्या एक्शन लेने जा रही है, गर्म हुआ माहौल

सीबीसीआईडी ने इस मामले में 1998, 2000 और 2002 में तीन अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की थीं. मामला हाईकोर्ट की निगरानी में चला और 42 साल तक अदालत में लंबी सुनवाई चली.

अदालत ने दिया फैसला, साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपित बरी

फतेहपुर (Fatehpur) के सिविल जज (सीडी)/एफटीसी/एसीजेएम अनुपम कुशवाहा की अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा. अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत किए गए गवाह और साक्ष्य आरोपितों के खिलाफ ठोस प्रमाण नहीं दे सके.

अदालत ने फैसला सुनाते हुए तत्कालीन हरिजन कल्याण अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव, धर्मदत्त त्रिपाठी, सोहनलाल पाल, शिवकुमार द्विवेदी और रवि कुमार मिश्रा को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया. बताया जा रहा है कि कि इसमें कुल 9 आरोपित थे जिसमें से तीन कृष्णदत्त मिश्रा, शीतला प्रसाद, शत्रुघन सिंह का ट्रायल के दौरान निधन हो गया था. 

न्याय में देरी ने छीना इंसाफ, पांच लोगों की हो चुकी है मौत

यह मुकदमा न्याय मिलने में हुई देरी का सबसे बड़ा उदाहरण है. इस केस की सुनवाई के दौरान मुकदमे के वादी और जिला प्रोबेशन अधिकारी योगेंद्रनाथ समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है.

योगेंद्रनाथ की 2021 में अंतिम गवाही दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद उनका निधन हो गया. लंबे समय तक चली इस न्यायिक प्रक्रिया ने न केवल अभियुक्तों, बल्कि वादी पक्ष के लोगों की जिंदगी को भी प्रभावित किया.

फैसले पर क्या बोले बचाव पक्ष के वकील?

बचाव पक्ष के वकील प्राचित्य पौरव ने कहा कि यह मुकदमा उनके पिता स्व. प्रकाश सिंह ने लड़ा था और बाद में उन्होंने इसे आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा, न्यायालय ने पूरी तरह से निष्पक्ष होकर फैसला सुनाया है. हमारे मुवक्किल 42 साल तक इस मुकदमे का सामना करते रहे, लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई. अदालत ने सही फैसला दिया है.

42 साल बाद मिली राहत, आरोपितों ने जताई खुशी

42 साल तक अदालत के चक्कर लगाने के बाद दोषमुक्त हुए आरोपितों और उनके परिवार वालों ने इस फैसले पर राहत की सांस ली. ओमप्रकाश श्रीवास्तव और अन्य आरोपितों ने कहा कि उन्होंने एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसमें उनका जीवन उलझकर रह गया था. वे अब इस बोझ से मुक्त महसूस कर रहे हैं.

Latest News

Fatehpur News: 20 करोड़ से अधिक की ठगी, पूरे देश में 31 मुकदमे ! फतेहपुर की घटना ने उजागर किया इंटरनेशनल साइबर गैंग Fatehpur News: 20 करोड़ से अधिक की ठगी, पूरे देश में 31 मुकदमे ! फतेहपुर की घटना ने उजागर किया इंटरनेशनल साइबर गैंग
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रिटायर्ड रेल कर्मी से डिजिटल अरेस्ट कर 36.50 लाख रुपये ठगने वाले साइबर गैंग का...
Unnao Dulhan News: सात फेरों से पहले ही प्रेमी के साथ फरार हुई दुल्हन, कुछ देर पहले ही हुआ था जयमाल
आज का राशिफल 01 दिसंबर 2025: भगवान भोलेनाथ करेंगे बेड़ा पार ! तीन राशियों के जीवन में होगा परिवर्तन, जानिए सभी का हाल
उत्तर प्रदेश सहित 9 राज्यों में बढ़ी SIR की डेड लाइन: प्रशासन और BLO कर रहे थे दबाव में काम, जानिए अंतिम डेट
Fatehpur News: आधी रात सब्बल से पत्नी को उतारा मौत के घाट ! फिर खुद पहुंच गया थाने, मची सनसनी
Cyclone Ditwah In UP: चक्रवाती तूफान दितवाह से कांपेगा उत्तर प्रदेश ! अगले 48 घंटे में गिरेगा तापमान, इन जिलों पर पड़ सकता है असर
आज का राशिफल 30 नवंबर 2025: भगवान भास्कर किसकी बदलेंगे किस्मत ! नौकरी, शिक्षा, प्रेम और शादी, जानिए अपना दैनिक भाग्यफल

Follow Us