Fatehpur News: जामताड़ा की तरह फतेहपुर बना साइबर क्राइम का गढ़ ! 16 लोगों पर मुकदमा, 3 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश का फतेहपुर जिला इन दिनों जामताड़ा स्टाइल साइबर क्राइम कर रहा है. पुलिस ने गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिरों को गिरफ्तार किया जबकि 13 आरोपी अब भी फरार हैं. यह गिरोह फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट और सेक्सटॉर्शन के जरिए देशभर में लोगों को ठग रहा था.
Fatehpur Cyber Crime: यूपी के फतेहपुर जिले में सोमवार को साइबर क्राइम का बड़ा खुलासा हुआ है, पुलिस ने जामताड़ा जैसे मॉडल पर चल रहे ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया. आरोपी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को अश्लील वीडियो देखने का आरोप लगाते थे और डिजिटल अरेस्ट कर उनसे रुपये ऐंठते थे. पुलिस ने 16 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर तीन को गिरफ्तार किया है.
भगवानपुर बना साइबर ठगी का अड्डा

वे खुद को साइबर सेल या पुलिस अधिकारी बताकर फोन करते थे और अश्लील वीडियो देखने का आरोप लगाकर गिरफ्तारी का भय दिखाते थे. इस धोखे में फंसे लोग डरकर तुरंत रुपये ट्रांसफर कर देते थे. पुलिस के अनुसार गांव में यह अवैध धंधा इतने बड़े पैमाने पर चल रहा था कि कई घरों में एक साथ इस स्क्रिप्ट पर ठगी की जा रही थी.
डिजिटल अरेस्ट का खौफ दिखाकर वसूली
इसी बीच उन्हें क्यूआर कोड और यूपीआई लिंक या मोबाइल नंबर भेज कर रकम ट्रांसफर कराई जाती थी. मानसिक दबाव इतना ज्यादा बनाया जाता था कि लोग बिना सोचे-समझे पैसे भेज देते थे. पुलिस का कहना है कि हर कॉल एक तय स्क्रिप्ट और प्लान के तहत की जाती थी.
राधानगर, गाजीपुर और थरियांव क्षेत्र के आरोपी शामिल
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर भगवानपुर में छापेमारी कर तीन साइबर ठगों त्रिभुवन सिंह उर्फ रामसनेही, जितेंद्र सिंह और मीरपुर के राहुल सिंह को गिरफ्तार किया है. इनके पास से तीन एंड्रॉयड मोबाइल, कई सिम कार्ड और नकदी बरामद की गई है. पुलिस ने बताया कि रैकेट कुल 16 लोगों का है, जिनमें 13 आरोपी अभी फरार हैं.
फरार आरोपियों में रिंकू सिंह, देवनारायण सिंह, अनुज सिंह, मनोज सिंह, कुलदीप सिंह, शिवम सिंह, दीपक सिंह, अखिलेश उर्फ भूरा, सोनू, सुग्गा, शानू, तथा कानपुर देहात के फत्तेपुर रनिया के शिवम और जितेंद्र सिंह शामिल हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए तीन विशेष टीमों का गठन किया गया है.
फतेहपुर से दिल्ली-बिहार तक फैला नेटवर्क
एएसपी महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि यह गिरोह केवल यूपी ही नहीं, बल्कि दिल्ली, बिहार, झारखंड तक फैला हुआ था. आरोपी रैंडम मोबाइल नंबरों पर कॉल कर लोगों को जाल में फंसाते थे. कई पीड़ित शर्म या डर की वजह से शिकायत भी नहीं कर पाए. पुलिस ने पूछताछ में शामिल एक आरोपी से ठगी का डेमो वीडियो बनवाया, जिसे सोशल मीडिया पर जारी कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके बाद कई और पीड़ित सामने आए हैं. अधिकारियों के अनुसार गिरोह के और भी लिंक सामने आ सकते हैं.
आरोपी जेल भेजे गए, जांच जारी
गिरफ्तार तीनों ठगों को आईटी एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. पुलिस अब सभी आरोपियों के बैंक खातों, मोबाइल रिकॉर्ड, डिजिटल ट्रांजैक्शन्स और संभावित लिंक की जांच कर रही है.
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यह रैकेट और भी बड़ा हो सकता है और लंबे समय से कई राज्यों में सक्रिय रहा है. फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिशें जारी हैं और पुलिस ने साइबर हॉटस्पॉट क्षेत्रों की निगरानी भी बढ़ा दी है.
