Fatehpur News: फतेहपुर में मकबरा मंदिर विवाद ! मजार तोड़ने और पूजा-अर्चना के बीच दोनों पक्ष आमने-सामने, प्रशासन की बड़ी चूक उजागर

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में नबाव अब्दुल समद मकबरे को लेकर सोमवार को विवाद भड़क गया. हिंदू संगठनों ने मकबरे को मंदिर बताते हुए अंदर प्रवेश कर मजारों को तोड़ा और अंदर पूजा अर्चना की. जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से पथराव हुआ. दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और प्रशासन की एक बड़ी चूक सामने आई है.
Fatehpur Mandir Makbara Vivad: यूपी के फतेहपुर के आबूनगर रेडइया मोहल्ले में सोमवार को मकबरा-मंदिर विवाद ने उग्र रूप ले लिया. मठ मंदिर संघर्ष समिति और हिंदू संगठनों ने जुलूस निकालकर हनुमान चालीसा का पाठ किया और मकबरे के अंदर आरती के साथ मजारो में तोड़फोड़ की वहीं, मुस्लिम पक्ष के पथराव से माहौल और बिगड़ा, जबकि प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था भीड़ के सामने बेअसर साबित हुई.
मठ मंदिर संघर्ष समिति के नेतृत्व में जुलूस और नारेबाजी
सोमवार सुबह मठ मंदिर संघर्ष समिति के बैनर तले भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल और पूर्व विधायक विक्रम सिंह के नेतृत्व में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने डाक बंगले से नबाव अब्दुल समद मक़बरा या मंदिर स्थल तक जुलूस निकाला. इस दौरान हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ हुआ. मंदिर पुनःस्थापना के नारे लगाए गए. मकबरे तक पहुंचते ही माहौल में तनाव की लहर दौड़ गई और भीड़ तेजी से बढ़ने लगी.
मकबरे के अंदर आरती और तोड़ी गई मज़ार
डाक बंगले चौराहे से एक जत्था बैरीकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ गया. हिंदू महासभा के प्रांत उपाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी करीब 300 भक्तों के साथ मकबरे के अंदर पहुंचे. यहां आरती की गई. इसी दौरान मकबरे के अंदर बनी दो मजारों को डंडे से तोड़ा गया. मकबरे के बाहर बनी मजार को भी तोड़ा गया. मकबरे या मंदिर पर भगवा झंडा भी फहराया गया. प्रशासन की रोकथाम के बावजूद हालात पर काबू पाना मुश्किल हो गया.
मुस्लिम पक्ष की भीड़ और पथराव
पूर्व विधायक विक्रम सिंह और भिटौरा ब्लॉक प्रमुख अमित तिवारी भी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे हालांकि डीएम रविंद्र सिंह से वार्ता के बाद विक्रम सिंह और अमित तिवारी मौके से चले गए लेकिन बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौके पर मौजूद रहे.
प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था नाकाफी साबित
हालांकि प्रशासन ने रविवार को ही विवादित स्थल पर बैरिकेडिंग लगाई थी और पुलिस बल तैनात किया था, लेकिन सोमवार को भीड़ इतनी अधिक संख्या में पहुंची कि सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं.
मौके पर डीएम रविंद्र सिंह, एसपी अनूप कुमार सिंह और कई थानों की फोर्स मौजूद रही, फिर भी मजार तोड़ने और पथराव की घटनाओं को रोका नहीं जा सका. इससे प्रशासन की बड़ी चूक उजागर हो गई. डीएम रविंद्र सिंह ने कहा माहौल शांत है लेकिन ये मकबरा है या मंदिर इसके जवाब में चुप रहे वहीं एसपी अनूप सिंह ने कानूनी कार्रवाई की बात कही है.
दोनों पक्षों के दावे और बयान
हिंदू संगठनों का दावा है कि यह स्थल सैकड़ों साल पुराना है और यहां भगवान शिव और श्रीकृष्ण का मंदिर था, जिसे तोड़कर मकबरा बनाया गया.
वहीं, राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के सचिव मोहम्मद नसीम का कहना है कि नबाव अब्दुल समद का मकबरा सदियों पुराना है और सरकारी दस्तावेज में भी 753 नंबर खतौनी में दर्ज है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि क्या अब हर मस्जिद और मकबरे के नीचे मंदिर ढूंढा जाएगा.