
Fatehpur News: कांग्रेसियों को रोक भाजपा ने की आर्थिक सहायता ! जिले में पहुंचे सूबे के दो मंत्री

Fatehpur Hariom News: रायबरेली में पीट-पीटकर मारे गए फतेहपुर के हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिलने पहुंचे यूपी सरकार के दो मंत्रियों ने 6 लाख 75 हजार रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा. कुल 13.50 लाख की राशि को दो हिस्सों में बांटा गया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रास्ते में रोकने पर सियासी माहौल गरमा गया.
Fatehpur Hariom News: फतेहपुर जिले के तुरवबली का पुरवा गांव शनिवार को राजनीति के केंद्र में रहा जब यूपी सरकार के दो मंत्री हरिओम वाल्मीकि के घर पहुंचे. उन्होंने परिवार को 6.75 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा. बताया गया कि कुल 13.50 लाख रुपये की राशि रायबरेली और फतेहपुर में बराबर बांटी गई है. वहीं पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए पहुंचे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका
फतेहपुर पहुंचे दो मंत्री, पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता

मंत्री राकेश सचान ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि रायबरेली पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर 21 लोगों की पहचान की है, जिनमें से 12 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की.
रायबरेली कांड की जांच में तेजी, 21 में से 12 आरोपी गिरफ्तार

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने बताया कि पुलिस शेष आरोपियों की तलाश में जुटी है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस केस की प्रगति पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
13.50 लाख की सहायता दो हिस्सों में बंटी, सरकारी नौकरी का भरोसा
समाज कल्याण राज्य मंत्री अरुण असीम ने बताया कि सरकार की ओर से 13 लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता को दो बराबर हिस्सों में बांटा गया है. रायबरेली में रहने वाली मृतक की पत्नी और बेटी को 6.75 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं, जबकि फतेहपुर में रहने वाले माता-पिता और भाई-बहन को शनिवार को दूसरी किस्त के रूप में समान राशि सौंपी गई.
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि मृतक की बहन कुसुम और भाई शिवम को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि परिवार के पुनर्वास और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी.
कांग्रेसियों को रास्ते में रोका गया, पुलिस से हुई झड़प
भाजपा सरकार के मंत्रियों के आगमन से पहले ही कांग्रेस कार्यकर्ता भी हरिओम वाल्मीकि के घर की ओर निकल पड़े थे. लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें रास्ते में रोक दिया. बताया जा रहा है कि कांग्रेसी भी आर्थिक सहायता करने पहुंचे थे.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को पहले ही लखनऊ में रोक दिया गया था, जबकि फतेहपुर जिला अध्यक्ष महेश द्विवेदी, शहर अध्यक्ष आरिफ गुड्डा, सुधाकर अवस्थी, कानपुर जिलाध्यक्ष अंबरीश सिंह गौड़, प्रयागराज अध्यक्ष अशफाक अहमद, कौशांबी अध्यक्ष गौरव पांडेय, नगर अध्यक्ष पवन गुप्ता, उपाध्यक्ष पूजा भारद्वाज, प्रवक्ता इंजीनियर देवी प्रकाश दुबे, कलीम उल्ला सिद्दीकी और शिवाकांत तिवारी सहित 15 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग के दौरान हिरासत में ले लिया.
कोतवाल तारकेश्वर राय ने बताया कि सभी कार्यकर्ताओं से पूछताछ के बाद शाम तक उन्हें बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया. वहीं कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे सिर्फ शोक संवेदना और आर्थिक मदद देने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने अनावश्यक सख्ती दिखाकर लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया.
गरम हुआ राजनीतिक माहौल, अफवाहों से बचने की अपील
घटना के बाद जिले में सियासी तापमान बढ़ गया है. भाजपा सरकार राहत पहुंचाकर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, वहीं कांग्रेस प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगा रही है. कौशांबी जिलाध्यक्ष गौरव पांडेय और पुलिस के बीच हुई तीखी बहस से माहौल तनावपूर्ण हो गया. गौरव पांडेय ने कहा, "हम महात्मा गांधी की विचारधारा वाले लोग हैं, पीड़ित परिवार की मदद करना हमारा कर्तव्य है. चाहे गोली मार दी जाए, हम सहायता पहुंचाकर ही लौटेंगे."
वहीं मंत्री राकेश सचान ने जनता से अपील की कि वे किसी भी अफवाह या राजनीतिक बयानबाजी से प्रभावित न हों. उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ है और दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए हर कदम उठा रही है.