Fatehpur News: ब्राह्मणों को बताया आतंकवादी, फतेहपुर में उबाल ! भड़के वारसी बोले-योगी से करूंगा शिकायत, धरने पर बैठूंगा

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) फतेहपुर (Fatehpur) में प्रदर्शन के दौरान 'सबसे बड़ा आतंकवादी ब्राह्मणवादी' जैसे नारे लगाए जाने का वीडियो वायरल हुआ है. इस पर पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने नाराजगी जताते हुए प्रशासन पर सपा समर्थकों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी है कि कार्रवाई न होने पर वे धरने पर बैठेंगे.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में बीते 30 जुलाई को हुए एक प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी ‘ब्राह्मणवादी आतंकवादी’ जैसे विवादित नारे लगाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद जिले में राजनीतिक और जातीय माहौल गरमा गया है. पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री योगी से शिकायत की बात कही है.
वायरल वीडियो से भड़का विवाद, जिले में तनाव का माहौल
जानकारी के मुताबिक बीते 30 जुलाई को फतेहपुर में हुए एक प्रदर्शन का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में प्रदर्शनकारी 'ब्राह्मणवादी आतंकवादी' जैसे विवादित नारे लगाते नजर आ रहे हैं. यह नारे एक बैनर के सामने लगाए गए जिस पर 'भारतीय विद्यार्थी मोर्चा' और 'राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा' लिखा था. बताया जा रहा है कि यह प्रदर्शन स्कूल पेयरिंग योजना के विरोध में था, लेकिन नारेबाजी जातीय आधार पर नफरत फैलाने जैसी प्रतीत हो रही है. वीडियो के वायरल होते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में खलबली मच गई है.
पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी बोले- यह सपा समर्थित साजिश
युगान्तर प्रवाह से वार्ता के दौरान पूर्व सांसद और वर्तमान राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति अनिल शुक्ला वारसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रदर्शन समाजवादी पार्टी समर्थित लोगों द्वारा कराया गया है, जिनका मकसद समाज में जातीय टकराव और वैमनस्य फैलाना है.
प्रशासन के सामने हुई नारेबाज़ी, लेकिन कार्रवाई नहीं
वीडियो में यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं, इसके बावजूद आपत्तिजनक नारे लगाए गए, जो प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते हैं. जिले में जातीय तनाव की संभावना को देखते हुए प्रशासन की चुप्पी अब सवालों के घेरे में है. लोगों का कहना है कि समय रहते सख्त कदम न उठाए गए तो हालात बिगड़ सकते हैं.
स्कूल पेयरिंग योजना का विरोध बना राजनीतिक मुद्दा
प्रदर्शन का मूल उद्देश्य स्कूल पेयरिंग योजना का विरोध था. प्रदर्शनकारियों का दावा था कि यह योजना गरीब बच्चों के हितों के खिलाफ है और शिक्षा के अधिकार को प्रभावित करेगी.
साथ ही वे आरिश और फूलन कुशवाहा को न्याय दिलाने की मांग कर रहे थे. लेकिन इस विरोध प्रदर्शन में विवादित जातीय नारों ने पूरी दिशा बदल दी और अब यह मुद्दा एक राजनीतिक और जातीय बहस का रूप ले चुका है.
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया, ब्राह्मण समाज में रोष
वायरल वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है. ब्राह्मण संगठनों और समाज के कई लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है. कुछ लोगों ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी के दायरे से बाहर बताते हुए देश की सामाजिक एकता पर हमला बताया है. यदि यह मुद्दा जल्द नहीं सुलझा तो आगामी चुनावी माहौल में यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है.