
फतेहपुर में आज होगा ऐतिहासिक भरत मिलाप: सौ साल पुरानी परंपरा, प्रेम और त्याग की अद्भुत झलक देखने उमड़ेगा जनसैलाब

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के शहर में सबसे भव्य आयोजन ‘भरत मिलाप’ आज रात होगा. रामलीला मैदान से लेकर हरिहरगंज ओवरब्रिज और देवीगंज तक होने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन में हर साल करीब एक लाख से अधिक लोग शामिल होते हैं. रात करीब ढाई बजे वर्मा चौराहे पर होगा राम-भरत का मिलन.
Fatehpur Bhart Milap: फतेहपुर जिले में दशहरे के बाद से चल रही धार्मिक प्रस्तुतियों का आज सबसे प्रतीक्षित क्षण आने वाला है. महानंद रामलीला कमेटी के तत्वावधान में आयोजित ऐतिहासिक भरत मिलाप का कार्यक्रम आज यानी गुरुवार की रात हरिहरगंज ओवरब्रिज के नीचे संपन्न होगा. सौ साल पुरानी इस परंपरा में हर वर्ष करीब एक लाख श्रद्धालु शामिल होकर राम और भरत के दिव्य मिलन के साक्षी बनते हैं.
शहर में उमंग और श्रद्धा का माहौल

तैयारियां पूरी, सजे मेले और दुकानें
भरत मिलाप की तैयारियों को लेकर ज्वालागंज, वर्मा चौराहा, कलक्टरगंज, हरिहरगंज क्षेत्र में बीते कई दिनों से गहमा-गहमी बनी हुई है. बुधवार की रात तक दुकानों की सजावट, साउंड सिस्टम की व्यवस्था और रोशनी की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया.

निकलेगी भव्य झांकियां और सवारियां
भरत मिलाप की शोभा बढ़ाने के लिए आज शाम बड़ी झांकियों और सवारियों का जुलूस निकलेगा. झांकियां रामलीला मैदान से निकलकर हरिहरगंज होते हुए स्टेशन रोड तक भ्रमण करेंगी. भक्तजन जगह-जगह आरती उतारेंगे और जय श्रीराम के नारों से पूरा शहर गूंजेगा. श्रद्धालु झांकियों में राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के रूप देखकर भावविभोर होंगे. आयोजन समिति के अनुसार, इस बार का आयोजन पहले से अधिक भव्य और ऐतिहासिक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.
सदियों पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है फतेहपुर
विहिप के प्रांतीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि फतेहपुर में भरत मिलाप की परंपरा सौ साल से अधिक पुरानी है. प्रयागराज से आने वाली झांकियां इस आयोजन को और आकर्षक बनाती हैं. उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान से निकलने वाली झांकी वर्मा चौराहे पर पहुंची हैं, जहां करीब रात ढाई बजे के आसपास भरत और श्रीराम का मिलन होता है. पांडेय जी ने बताया कि यह आयोजन हर वर्ष एक लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति में संपन्न होता है, जो इसे प्रदेश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बनाता है.
भरत-राम का मिलन: प्रेम, त्याग और एकता की सीख
वीरेंद्र पांडेय कहते हैं कि भरत मिलाप केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि जीवन का संदेश है. एक चक्रवर्ती सम्राट होते हुए भी भरत जी ने अपने भाई के प्रेम में राजसिंहासन तक त्याग दिया. यह दृश्य प्रेम, समर्पण और सहिष्णुता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करता है जो आज के परिवेश में परिवारों को विघटन से बचाने की सीख देता है. श्रीराम और भरत का मिलन हर युग में त्याग, प्रेम और एकता की अमर मिसाल रहा है, और यही इस आयोजन की आत्मा है.