
Uttar Pradesh: यूपी के फतेहपुर समेत कई जनपदों के मदरसों की जांच कर रही ATS ! दिल्ली धमाके के बाद एलर्ट
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके के बाद यूपी एटीएस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है. फतेहपुर, प्रयागराज, बांदा समेत आठ जिलों के मदरसों की जांच शुरू कर दी गई है. मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों, मौलवियों और प्रबंधकों का पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है. खासकर बिहार और असम से जुड़े लोगों पर नजर रखी जा रही है.
Uttar Pradesh Madrasa ATS: दिल्ली धमाके के बाद यूपी में सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता तेजी से बढ़ गई है. एंटी टेरर स्क्वायड (एटीएस) ने फतेहपुर समेत कई जिलों में मदरसों की जांच शुरू कर दी है. एटीएस ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र भेजकर मौलवियों, प्रबंधकों और छात्रों की पूरी डिटेल तलब की है. बाहरी राज्यों के छात्रों और शिक्षकों पर विशेष निगरानी रखते हुए आतंकियों के संभावित कनेक्शन को खंगाला जा रहा है.
फतेहपुर समेत आठ जिलों में एटीएस की जांच तेज

हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में शुरू हुई डेटा कलेक्टिंग
हमीरपुर में जिला 86 मदरसों की सूची तैयार की जा रही है और पूरी जानकारी एटीएस को भेजी जाएगी. महोबा में 21 मदरसे और चित्रकूट में संचालित मदरसों की पहचान कर विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है. इटावा, फर्रुखाबाद और कन्नौज ने पहले ही डेटा एटीएस को उपलब्ध करा दिया है. कन्नौज में 121 मदरसों में 550 शिक्षक और 17 हजार बच्चे पंजीकृत हैं, जबकि फर्रुखाबाद में 64 मदरसे और 8 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं.
फतेहपुर के मदरसों में विशेष निगरानी, खंगाले जा रहे दस्तावेज
फतेहपुर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत साहू ने बताया कि जिले में कुल 6 अनुदानित और 111 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं. इनमें 9800 बच्चे पढ़ रहे हैं और 88 कर्मचारी व 755 मौलवी तैनात हैं. कई बच्चों व मौलवियों का संबंध बिहार, असम और अन्य राज्यों से है, जिसकी सूची अपडेट की जा रही है. सूत्रों का कहना है कि कई मदरसे ऐसे भी पाए गए जहां छात्रों की पूरी पहचान संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.
आतंकी नेटवर्क की तलाश में बढ़ाई गई सतर्कता
दिल्ली धमाके में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों का कनेक्शन सामने आने के बाद यूपी का सुराग और अहम हो गया है. एटीएस को आशंका है कि आतंकी माड्यूल शिक्षा संस्थानों की आड़ में सक्रिय हो सकते हैं. इसलिए अब मदरसों की सुरक्षा जांच और दस्तावेज़ सत्यापन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इस पूरी जांच के बाद संदिग्धों पर शिकंजा कसना आसान होगा और सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत की जाएगी.
