योगी सरकार का बड़ा फैसला: 67.50 लाख गरीब बुजुर्गों को हर महीने मिलेगी 1000 रुपये पेंशन ! डिजिटल सिस्टम से होगा सीधा भुगतान

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यूपी की योगी सरकार ने इस बार वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ाकर 67.50 लाख कर दी है. पहले जहां 56 लाख गरीब बुजुर्गों को पेंशन मिल रही थी, अब नए वित्तीय वर्ष में 11 लाख से ज्यादा नए बुजुर्ग भी इस योजना से जुड़ेंगे. पेंशन सीधे आधार-लिंक्ड खातों में भेजी जाएगी.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गरीब बुजुर्गों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार अब वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 67.50 लाख आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को हर महीने 1000 रुपये की पेंशन देगी. यह रकम सीधे उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में भेजी जाएगी, जिससे किसी भी तरह के भ्रष्टाचार या देरी की संभावना खत्म हो जाएगी.
पेंशन लाभार्थियों की संख्या में 11 लाख से ज्यादा की बढ़ोतरी
पिछले वित्तीय वर्ष में योगी सरकार ने 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खातों में हर महीने 1000 रुपये भेजकर आर्थिक सहायता दी थी. इस बार सरकार ने 11.50 लाख नए लाभार्थियों को जोड़ते हुए पेंशन योजना का दायरा 67.50 लाख तक बढ़ा दिया है. यह कदम सरकार की बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता और उनकी भलाई के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
समाज कल्याण विभाग ने पूरा किया पहले का लक्ष्य
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग ने 2025-26 के लिए पहले 61 लाख लाभार्थियों का लक्ष्य तय किया था, लेकिन यह लक्ष्य वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही हासिल कर लिया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर नए पात्र लाभार्थियों को भी योजना में शामिल करने का फैसला हुआ, जिससे नए लक्ष्य 67.50 लाख का निर्धारण किया गया.
डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली से मिलेगा पेंशन का लाभ
2017 से अब तक दोगुनी हुई लाभार्थियों की संख्या
योगी सरकार ने 2017 में वृद्धावस्था पेंशन योजना के विस्तार पर जोर दिया था. उस समय योजना के तहत 37.47 लाख बुजुर्गों को पेंशन मिलती थी, जो अब बढ़कर 67.50 लाख तक पहुंच गई है. सरकार ने विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर पात्र बुजुर्गों की पहचान की और तय लक्ष्य से ज्यादा पात्र मिलने पर उन्हें भी योजना में शामिल किया.
हर साल बढ़ता पेंशन बजट और लाभार्थियों की संख्या
पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि इस योजना के तहत लाभार्थियों और खर्च दोनों में लगातार वृद्धि हुई है:
- 2018-19: 40,71,580 बुजुर्ग, 1,87,913.10 लाख रुपये व्यय
- 2019-20: 47,99,480 बुजुर्ग, 2,69,774.45 लाख रुपये व्यय
- 2020-21: 51,24,155 बुजुर्ग, 3,69,449.13 लाख रुपये व्यय
- 2021-22: 51,92,779 बुजुर्ग, 4,27,790.56 लाख रुपये व्यय
- 2022-23: 54,97,237 बुजुर्ग, 6,08,374.50 लाख रुपये व्यय
- 2023-24: 55,68,590 बुजुर्ग, 6,46,434.06 लाख रुपये व्यय
- 2024-25: 55,99,997 बुजुर्ग लाभान्वित