UP Bed and Breakfast Scheme: अब घर से होगी लाखों की कमाई, जानिए यूपी सरकार की B&B योजना क्या है?
UP News In Hindi
अगर आपका घर यूपी के किसी धार्मिक या पर्यटन स्थल पर है तो अब आप सरकार की नई होम स्टे योजना से लाखों कमा सकते हैं. योगी सरकार ने B&B और होम स्टे नीति-2025 को मंजूरी दे दी है. आसान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और सब्सिडी के साथ कमाई का यह सुनहरा मौका है.

UP Bed and Breakfast Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों के ठहरने की समस्या को दूर करने और स्थानीय लोगों को रोजगार का मौका देने के लिए 'बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे नीति-2025' को बीते दिनों मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत अब आम लोग भी अपने घर को होम स्टे में बदलकर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देकर कमाई कर सकेंगे.
क्या है यूपी की B&B और होम स्टे योजना?
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने केंद्र और अन्य राज्यों की तरह सूबे में 'बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे नीति-2025' को मंजूरी दी गई है. इस नीति के तहत प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर रहने वाले लोग अपने घरों को सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार होम स्टे में बदल सकेंगे.
इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों को सस्ते, सुरक्षित और घरेलू माहौल में रहने की सुविधा मिलेगी. यह योजना राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को आय और रोजगार का जरिया भी बनाएगी. इससे पहले राज्य में इस तरह की कोई नीति नहीं थी, जिससे संचालकों को केंद्र सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता था.
किन क्षेत्रों में लागू होगी योजना
इन जगहों पर पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है और पर्व या त्योहारों पर होटल जल्दी फुल हो जाते हैं. ऐसे में पर्यटकों को रुकने के लिए सस्ता और घरेलू विकल्प मिल सकेगा. वहीं स्थानीय लोग बिना ज्यादा निवेश किए अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे.
कितने कमरों वाले घर को मिलेगा फायदा
नई नीति के तहत अगर किसी के पास एक अतिरिक्त कमरा भी है तो वह इस योजना का लाभ उठा सकता है. योजना में 1 से 6 कमरों वाले घरों को होम स्टे के रूप में मान्यता दी जाएगी.
साथ ही एक घर में अधिकतम 12 बेड तक की अनुमति होगी. इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि छोटे स्तर पर संचालित होम स्टे सेवाओं को बढ़ावा मिले और ये बड़े होटल जैसे व्यावसायिक ढांचे में न बदलें. इससे स्थानीय लोग सुरक्षित और आरामदायक वातावरण में कमाई कर सकेंगे.
कितने दिन ठहर सकेंगे पर्यटक
इस नीति के तहत कोई भी पर्यटक अधिकतम 7 दिनों तक एक बार में होम स्टे में ठहर सकता है. यदि किसी को इससे ज्यादा समय तक रुकना हो तो उसे बुकिंग रिन्यू करानी होगी.
सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक होम स्टे का पंजीकरण और अनुमति प्रक्रिया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से होगी. यह समिति होम स्टे संचालक और स्थान के अनुसार सुरक्षा एवं सुविधाओं का मूल्यांकन करेगी. इसके साथ ही माकान मालिक को उस घर में रहना भी अनिवार्य है.
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और शुल्क
यूपी सरकार की इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बेहद आसान और सस्ती रखी गई है. पंजीकरण के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:
- स्थानीय निकाय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करें
- पर्यटन विभाग की वेबसाइट या जिले के पर्यटन कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करें
- घर का विवरण, पहचान पत्र, फोटो और NOC सहित फॉर्म जमा करें
- स्थान का निरीक्षण संबंधित समिति द्वारा किया जाएगा
- निरीक्षण के बाद पंजीकरण की स्वीकृति प्रदान की जाएगी
आवेदन शुल्क इस प्रकार है:
- ग्रामीण क्षेत्र में: ₹500 से ₹750 तक
- शहरी या सिल्वर श्रेणी क्षेत्र में: ₹2000 तक
रजिस्ट्रेशन एक बार में सालभर के लिए मान्य होगा और समय-समय पर इसका नवीनीकरण कराना होगा. राज्य सरकार इस योजना से जुड़ने वालों को आर्थिक सहायता और सब्सिडी भी प्रदान करेगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें भाग ले सकें.
मिलेंगे वित्तीय लाभ और सब्सिडी
इस नीति के तहत राज्य सरकार होम स्टे चालकों को प्रारंभिक लागत के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन राशि भी देगी. साथ ही, सरकार की ओर से प्रमोशनल सपोर्ट भी दिया जाएगा जिससे इन होम स्टे को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लिस्ट कर टूरिस्ट तक पहुंचाया जा सके.
पर्यटन विभाग समय-समय पर ट्रेनिंग और गाइडलाइन भी जारी करेगा ताकि सेवा की गुणवत्ता बनी रहे. इससे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार का मौका भी मिलेगा.